World Malaria Day 2023: आज विश्व मलेरिया दिवस है. आज के दिन लोगों को मलेरिया बीमारी के लक्षण, इलाज और बचाव के प्रति जागरूक किया जाता है. मलेरिया, डेंगू और COVID -19 के लक्षणों में समानता होने के कारण बीमारी की शुरुआत में अक्सर मरीज और उसके परिवार वाले कंफ्यूज हो जाते हैं. फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात कर मलेरिया, डेंगू और COVID -19 के लक्षणों के बीच के अंतर, बचाव और इलाज के बारे में विस्तार से जाना.
क्या हैं मलेरिया के लक्षण?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मलेरिया के लक्षणों में शामिल हैं:
मलेरिया में आमतौर पर तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और शरीर में दर्द होता है.
डेंगू में तेज बुखार, तेज सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण होते हैं.
COVID-19 के लक्षणों में नाक से स्राव, गले में खराश, बुखार, सूखी खांसी, थकान, स्वाद या गंध की कमी और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं.
"मलेरिया में तेज बुखार के साथ कंपकपी के लक्षण देखने को मिलते हैं, साथ ही मलेरिया लिवर और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जिसे सेरेब्रल मलेरिया कहते हैं. गंभीर मामलों में किडनियां भी प्रभावित हो सकती हैं."डॉ. राजेश कुमार बुद्धिराजा, एसोसिएट डायरेक्टर - इंटरनल मेडिसिन, एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद
क्या हैं डेंगू के लक्षण?
डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार के साथ आंखों में दर्द और बहुत तेज बदनदर्द देखने को मिल सकते हैं. इसके इसी लक्षण के कारण इसे ब्रेकबोन फीवर भी कहते हैं. डेंगू वायरल की तरह संक्रमित हो सकता है. गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या गंभीर रूप से गिर सकती है, लिवर प्रभावित हो सकता है और ब्लीडिंग और बीपी गिरने की भी समस्या हो सकती है, जिसको डेंगू शॉक कहते हैं.
डेंगू के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं :
तेज बुखार
गले में खराश
नाक बहना
तेज सिरदर्द
जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
त्वचा पर दाने
जी मिचलाना
उल्टी
थकान
डेंगू के गंभीर मामलों में शॉक सिंड्रोम और गंभीर ब्लीडिंग जैसी जानलेवा जटिलताओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
क्या हैं कोविड के लक्षण?
"कोविड के लक्षण व्यापक हैं और बहुत मामलों में बिना किसी लक्षण के भी कोविड संक्रमण देखने को मिल सकता है."डॉ. स्फूर्ति मान, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट एंड सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड डायबिटोलॉजी, सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम
COVID के लक्षणों में शामिल हैं:
खांसी
बुखार
गले में खराश
बेवजह थकान
सांस लेने में तकलीफ
डायरिया
साथ ही देखा गया है कि कोविड स्वास्थ्य और शरीर के अंगों को भी प्रभावित करता है, ऐसे में कोविड संक्रमण की गंभीरता और लक्षण और भी व्यापक हो जाते हैं.
इन बीमारियों के सही निदान और इलाज के लिए हेल्थकेयर प्रोफेशनल से परामर्श करना आवश्यक है.
मलेरिया, डेंगू और कोविड के लक्षणों में क्या अंतर है?
मलेरिया, डेंगू और कोविड तीनों में ज्यादातर बुखार के लक्षण देखने को मिलते हैं, जिसके कारण बहुत बार रोगी तीनों को लेकर उलझन में पड़ जाता है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, तीनों ही रोगों में बुखार की स्थितियां अलग हो सकती हैं, जैसे:
मलेरिया में तेज बुखार कंपकपी के साथ आता है और यही बुखार कुछ-कुछ समय के अंतराल के साथ आ सकता है.
डेंगू की शुरुआत में तेज बुखार, बदनदर्द और आंखों में दर्द के साथ आता है. ऐसे में प्लेटलेट्स घटने के साथ व्यक्ति की बीमारी बढ़ने लगती है और यही दर्द लिवर पर सूजन, उलटी, भूक न लगना, मसूड़ों से खून आना और पेट में दर्द भी होने लगता है. साथ ही डेंगू में तमाम लक्षण रोग की गंभीरता समेत दूसरे कई कारकों पर निर्भर करते हैं.
कोविड के बहुत से मामलों में कोविड बुखार के साथ खांसी, सर्दी, सांस लेने में तकलीफ के साथ आता है, लेकिन यह भी याद रखें कि कोविड के लक्षण व्यापक हैं और बहुत से मामलों में कोई लक्षण भी नहीं होते क्योंकि कोविड की जटिलताओं में निमोनिया, श्वसन तंत्र में समस्याएं जैसे लक्षण भी देखे गए हैं.
इन तीनों बीमारियों से बचने के लिए क्या करें?
मलेरिया और डेंगू मच्छर के काटने से फैलते हैं, ऐसे में मच्छरों से अपना और बच्चों का बचाव करें.
मलेरिया और डेंगू से बचने के लिए:
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
मॉस्किटो रिप्लेंट क्रीम्स का इस्तेमाल करें
मच्छरों के संपर्क में आने से बचने के लिए शरीर को अच्छी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें
अपने आस पास पानी जमा न होने दें
कोविड से बचने के लिए:
मास्क पहनें
भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें
हाथ धोते रहें
साफ सफाई बनाए रखें
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नियमों व दिशानिर्देशों का पालन करें
इन तीनों बीमारियों से बचने के लिए ये सब भी करें:
किसी भी तरह का लक्षण महसूस होने पर जांच करवाएं और संबंधित डॉक्टर की सलाह लें
पोषण का खास ख्याल रखें
हाइड्रेशन बनाए रखें
जंक फूड और अनियमित जीवनशैली से बचें
नियमित व्यायाम करें
मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें
डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
किसी भी तरह का लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर से संपर्क करें. कोई भी दवा/एंटीबायोटिक बिना डॉक्टर की सलाह लिए न लें. खास कर बुजुर्ग, अस्थमा सीओपीडी से जूझ रहे लोग, कैंसर के मरीज, डायबिटीज के मरीज इन बातों का खास ध्यान रखें.
"याद रखें किसी भी बीमारी की पुष्टि और उसके उचित इलाज के लिए केवल डॉक्टर ही सही व्यक्ति है. इसलिए डॉक्टर से संपर्क कर समस्या का समाधान करें."डॉ. स्फूर्ति मान, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट एंड सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड डायबिटोलॉजी, सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम
देश में मलेरिया बीमारी के हालात पर क्या है एक्सपर्ट का कहना?
"भारत में डॉक्टर, मलेरिया के प्रसार को लेकर चिंतित हैं, जो देश में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है. खराब स्वच्छता, अपर्याप्त मच्छर नियंत्रण उपाय और कुछ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच की कमी चिंता बढ़ती है."डॉ. राजेश कुमार बुद्धिराजा, एसोसिएट डायरेक्टर - इंटरनल मेडिसिन, एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद
मलेरिया के कौन से लक्षणों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए?
मलेरिया के गंभीर मामलों में, व्यक्ति गंभीर लक्षणों का अनुभव कर सकता है जैसे दौरे, सांस लेने में कठिनाई. इन लक्षणों की वजह से अंग विफलता और मौत भी हो सकती है. ऐसे में तुरंत हॉस्पिटल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
मलेरिया के कोई भी लक्षण हैं, तो चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आपने हाल ही में किसी ऐसे क्षेत्र की यात्रा की है ,जहां मलेरिया बीमारी फैली हो.
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