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त्योहारों के मौसम में उत्सव मनाने का सबका अलग-अलग तरीका होता है, लेकिन कुछ लोग इसे तरह-तरह के पकवानों का सेवन कर मनाना पसंद करते हैं. ऐसे में न सिर्फ वजन बढ़ने का डर रहता है बल्कि ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है. ऐसे में कुछ लापरवाहियों से होने वाले नुकसान के बारे में जानना जरूरी है.
ज्यादा लड्डू और अन्य मिठाई खाने से सावधान रहें. रिसर्च के अनुसार, फ्रुक्टोज (चीनी) का उच्च स्तर हमें हाई ब्लड प्रेशर का शिकार बना सकता है.
हाई ब्लड प्रेशर और इंसुलिन रेजिस्टेंस साथ-साथ चलते हैं; जैसे-जैसे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, वैसे ही हमारा ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है. इसलिए हाई बीपी को समस्या बनने से पहले ही कम करने के लिए चीनी पर कंट्रोल रखना जरूरी है.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंसुलिन मैग्नीशियम को स्टोर करता है, और अगर इंसुलिन रिसेप्टर्स ब्लंट हो जाते हैं और सेल्स इंसुलिन के लिए रेजिस्टेंट हो जाते हैं, तो शरीर मैग्नीशियम को स्टोर नहीं कर पाता है, और यह पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है. हमारे बीपी को नियंत्रित रखने के लिए मैग्नीशियम आवश्यक होता है.
एक और कारण यह है कि अधिक फ्रुक्टोज सेवन (मीठे पेय पदार्थों और अन्य मीठे खाद्य पदार्थों के माध्यम से) शरीर में उच्च यूरिक एसिड स्तर (हाइपरयूरिसीमिया) का कारण बन सकता है. इससे शरीर में एंडोथेलियल नाइट्रिक ऑक्साइड कम हो जाता है, जो हाई ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए जरूरी होता है.
उच्च कार्बोहाइड्रेट और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से भरा आहार भी हमारे ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है. पहला कारण, क्योंकि वे फ्रुक्टोज में उच्च होते हैं, जो हमें फास्ट-ओन्सेट, सॉल्ट-सेंसिटिव हाइपरटेंशन की तरफ बढ़ा सकता है. दूसरा कारण एक्सेस फॉस्फेट है, जिसे कई प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में एक प्रिजर्वेटिव, फ्लेवर एनहान्सर और कलर स्टेबिलाइजर के रूप में डाला जाता है. फॉस्फेट स्वाभाविक रूप से मांस और दूध में पाया जाता है और मजबूत हड्डियों के निर्माण और शरीर को मेंटेन रखने और रिपेयर करने के लिए जरूरी होता है. लेकिन, बड़ी संख्या में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में जोड़ा जाने वाला फॉस्फेट परेशानी का कारण बन जाता है क्योंकि यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली नसों को ओवर-एक्टिव कर देता है, और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है.
बहुत अधिक जंक फूड, मार्जरीन और तले हुए खाद्य पदार्थ खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. क्योंकि वे सभी ट्रांस फैट से भरे होते हैं, और ट्रांस फैट के सेवन से एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता है, एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) कम होता है, और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं.
ये सभी फैट जमा होने और आर्टरी सख्त होने की ओर ले जाते हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है. तो सावधान रहें.
क्या इस दौरान आपका वजन हमेशा बढ़ता है? यदि उत्तर हां है, तो जान लें कि अपने वजन पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्च BMI (सामान्य BMI 20-25 है, 25-29.9 का मतलब ओवरवेट है और 30 से अधिक का अर्थ ओबीसिटी है) वाले लोगों में हाई बीपी के अर्ली-ओन्सेट की संभावना अधिक होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अतिरिक्त वजन सीधे हाई सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (SBP) और हाई डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर (DBP) से संबंधित है.
रिसर्च के अनुसार, हाई BMI वाले लोगों में, अधिक एरोबिक क्षमता और सामान्य BMI वाले लोगों की तुलना में, हाइपरटेंशन का जोखिम 3.5 गुना बढ़ जाता है.
क्या आप एक के बाद एक 'पेट के लिए खराब' खाद्य पदार्थ खा रहे हैं? कृपया जान लें कि गट के माइक्रोब्स की देखभाल न करना हाई ब्लड प्रेशर का एक महत्वपूर्ण कारक है. इसलिए जल्द से जल्द अधिक फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थ, प्रोबायोटिक्स, किमची, मिसो सूप, छाछ, इडली, डोसा, अप्पम, ढोकला, उत्तपम, कांजी - हर रोज अपने आहार में शामिल करना शुरू कर दें. यह आपको उत्सव वाले खाने के साइड इफेक्ट से बचने में मदद करेगा.
क्या आपके पास धूप में कुछ पल बिताने का समय नहीं है? जान लें कि ऐसा न करने से भी आपका बीपी बढ़ सकता है. हम सभी जानते हैं कि हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है और इसकी कमी से कैंसर, डिप्रेशन, डायबिटीज, मल्टीपल स्केलेरोसिस और हृदय रोग को बढ़ावा मिल सकता है. रिसर्च ने अब इसकी कमी को हाई ब्लड प्रेशर से भी जोड़ दिया है. तो इन उत्सवों के मौसम में भी धूप में बाहर निकलें, और अपनी स्थिति पर ध्यान रखने के लिए अपने विटामिन डी की जांच भी करवाएं.
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