Premenstrual syndrome: लड़कियों को पहले पीरियड्स के बाद ये जरुर बताया जाता है कि आगे से अपनी पीरियड्स की डेट को याद रखें और हर महीने खुद को उसके लिए तैयार रखें. भागदौड़ भरी जिंदगी में सब कुछ याद रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इसलिए अक्सर महिलाएं/लड़कियां पीरियड्स की डेट याद रखने के लिए फोन या लैपटॉप के रिमाइंडर का सहारा लेती हैं.
वहीं कई लड़कियां/महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें फोन या लैपटॉप के रिमाइंडर की जरुरत ही नहीं पड़ती. पीएमएस (PMS) के लक्षण उन्हें कई दिनों पहले से पीरियड्स आने वाला है ये एहसास दिलाने लगते हैं.
पीरियड्स से पहले होने वाला ब्रेस्ट पेन, PMS का एक लक्षण है. यहां हम हल्के-फुलके दर्द या भारीपन की बात नहीं कर रहे बल्कि ऐसा दर्द जो ये भूलने न दे कि पीरियड्स आने वाला.
फिट हिंदी ने पीरियड्स से पहले होने वाले ब्रेस्ट पेन की समस्या पर अनुभवी गायनेकोलॉजिस्टस से बातचीत की. जाना कि ऐसा क्यों होता है? क्या ऐसा होना सामान्य बात है या कोई खतरे की घंटी है? ऐसा होने पर क्या करें? इसी तरह के कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए हमारे एक्स्पर्ट्स ने.
पीरियड्स से पहले क्यों होता है ब्रेस्ट पेन?
सी के बिरला हॉस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्स्टट्रिशन डॉ. अरुणा कालरा ने फिट हिंदी को बताया, "पीरियड्स के कारण महिलाओं के हार्मोन में बदलाव आते हैं, जिनकी वजह से ब्रेस्ट में दर्द होना आम बात है. ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि पीरियड से पहले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी हो जाती है, जिससे ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है. इन परिवर्तनों से लिम्फ नोड में सूजन भी हो सकती है, जो ब्रेस्ट पेन को बढ़ा सकती है. इसके अतिरिक्त प्रोलैक्टिक हॉर्मोन में गड़बड़ी के कारण या फिर फैटी एसिड के असंतुलित होने के कारण भी ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है".
वहीं फोर्टिस हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजी और ऑब्स्टेट्रिक्स की सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. उमा वैद्यनाथन कहती हैं, "प्रीमेंस्ट्रुअल ब्रेस्ट पेन यानी पीरियड्स से पहले होने वाला ब्रेस्ट पेन ''प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम'' का हिस्सा है. इसका मुख्य लक्षण मिडसाइकल (ओव्यूलेशन) के आसपास ब्रेस्ट में दर्द होना, पीरियड्स शुरू होने से ठीक पहले इसका बहुत बढ़ जाना और मासिक धर्म शुरू होने पर दर्द चला जाना. साइकल के बाद वाले आधे हिस्से-'सामान्य' रहते हैं. 28 दिन के साइकल के 14वें से 28वां दिन- के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन दोनों का स्तर बढ़ता है. एस्ट्रोजन का लेवल साइकल के बीच के दिनों में उच्चतम स्तर पर होता है, जबकि प्रोजेस्ट्रोन का स्तर मासिक धर्म शुरू होने से पहले वाले सप्ताह में उच्चतम होता है. इसकी वजह से ब्रेस्ट्स में दर्द होता है".
पीरियड्स से पहले ब्रेस्ट पेन होना क्या किसी समस्या का संकेत है?
हमारे एक्स्पर्ट्स के अनुसार ये किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं देते हैं.
डॉ. उमा वैद्यनाथन फिट हिंदी को बताती हैं, "अगर ब्रेस्ट में गांठ महसूस हो या उन्हें छूने पर बहुत दर्द हो तो यह फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट डिजीज का संकेत हो सकता है. इससे पीड़ित महिलाओं के ब्रेस्ट में उनके पीरियड्स से पहले अक्सर बड़ी, बेनिन (कैंसरकारक नहीं) गांठें होती हैं. ये गांठें दबाने पर दूसरी जगह चली जाती हैं और मासिक धर्म खत्म होने पर इनका आकार छोटा हो जाता है".
"पीरियड्स से पहले ब्रेस्ट में दर्द होना आम बात है और बहुत सी महिलाएं इस दर्द से जूझती हैं लेकिन यह कोई समस्या का संकेत नहीं है. यह दर्द केवल हॉर्मोन में बदलाव आने के कारण ही उभरता है."डॉ. अरुणा कालरा, सीनियर गयनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्स्टट्रिशन, सी के बिरला हॉस्पिटल
ऐसे में कब मिलें डॉक्टर से?
हमारे एक्स्पर्ट्स ने महिलाओं को इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने और इसके पीछे का कारण जानने की सलाह दी.
अगर ब्रेस्ट में मौजूद गांठों के आकार में बदलाव हो या नई गांठें बन रही हों.
निप्पल से डिस्चार्ज हो रहा हो, विशेष तौर पर भूरे रंग का डिस्चार्ज या उसमें खून आ रहा हो.
ब्रेस्ट में दर्द की वजह से दैनिक कार्य में रुकावट आ रही हो.
ब्रेस्ट में ज्यादा भारीपन महसूस हो.
सिर्फ एक ही ब्रेस्ट में गांठ बन रही हो.
किन बातों का रखें ख्याल?
"ऐसे में डाइट में थोड़ा सा बदलाव करके समस्या को दूर किया जा सकता है. डाइट में कॉफी, सोडा और चाय का सीमित सेवन करें. कैफीन की मात्रा बढ़ाने से परेशानी बढ़ सकती है. खाने में नमक कम खाएं. अपनी डाइट में या दिनचर्या में कुछ बदलाव करने से पहले महिलाओं को एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें" ये कहना है डॉ. अरुणा कालरा.
डॉ. उमा वैद्यनाथन कहती हैं कि कोई भी असाधारण गांठ या त्वचा में बदलाव होने पर डॉक्टर से संपर्क करें. ब्रेस्ट का संवेदनशील होना या उनमें दर्द होना अक्सर हॉर्मोन्स के स्तर में असंतुलन का संकेत होता है लेकिन अगर ऐसा विशेष तौर पर सिर्फ बाईं ओर व लगातार हो रहा है, और इसका संबंध मासिक धर्म से नहीं है, तो यह किसी कार्डिएक समस्या का भी संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
हर महीने पीरियड्स खत्म होने के बाद हथेली से अपने ब्रेस्ट्स की नियमित रूप से जांच करें. ऐसा करना आपके रूटीन का हिस्सा बन जाना चाहिए.
ब्रेस्ट पेन को दूर करने के उपाय?
ऐसे में लाइफस्टाइल में बदलाव लाने से और कुछ घरेलू उपचार अपनाने से ब्रेस्ट पेन को कम किया जा सकता है.
अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं
अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें
अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को शामिल करें
कम्फर्टेबल और सही फिटिंग की ब्रा का इस्तेमाल करें
अपनी डाइट में विटामिन ई, विटामिन बी -6 जैसे कुछ सप्लीमेंट का सेवन शामिल करें. इन्हें लेने से ब्रेस्ट पेन में आराम आता है.
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