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Raju Srivastav Heart Attack: हार्ट अटैक कितना खतरनाक होता है- जानें कैसे बचे?

Heart attack का कोई फिक्स नियम नहीं है. हो सकता है कि पहला हार्ट अटैक ही जान ले ले.

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Raju Srivastav heart attack</p></div>
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Raju Srivastav heart attack

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देश के जाने माने कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में एडमिट कराया गया है, जहां उनके स्वास्थ्य पर सीनियर डॉक्टर्स की टीम नजर बनाए हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वो दिल्ली में ही थे और सुबह जिम में एक्सरसाइज करते वक्त उन्हें हार्ट अटैक आ गया. बताया गया है कि राजू श्रीवास्तव को जिस वक्त दिल का दौरा पड़ा उस वक्त वो ट्रेड मिल पर एक्सरसाइज कर रहे थे.

भारतीय युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामले बीते कुछ सालों से चिंता का विषय बन बैठे हैं. बढ़ती हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की घटनाओं ने हमारे सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या है भारतीय में बढ़ते हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के पीछे के कारण?

फिट हिंदी ने देश के अनुभवी हार्ट विशेषज्ञों से बातचीत की और जानने कि कोशिश की कैसे इस बढ़ती समस्या से बचा जाए.

पहले बात जब हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों की बात आती थी, तो हमें लगता है कि ये उम्र के साथ होने वाली बीमारियां हैं. उम्र बढ़ने पर होती हैं, पर युवाओं में लगातार बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले ये साबित करते हैं कि हम गलत सोच रहे थे. आजकल यंग लोगों को भी दिल से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं.

"हार्ट अटैक के मामलों से यह सबक सीखना चाहिए कि अगर आप 50 साल की उम्र पार कर चुके भारतीय हैं, तो आपको 20% हार्ट की समस्या हो सकती है. इसका कारण खराब लाइफस्टाइल और अन्य बीमारियां हो सकती हैं".
डॉ कुणाल सरकार, चेयरमैन, कोलकाता हार्ट फाउंडेशन

भारत में पूरी दुनिया की तुलना हार्ट की बीमारी एक दशक पहले शुरू हो जाती है. स्ट्रेस यंग अर्बन इंडीयंस (नौजवान भारतवासियों) में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है.

“यंग इंडियंस में यानी कि भारत के नौजवानों में हार्ट अटैक की समस्या पहले भी थी. संख्या शायद बढ़ी है, पर मामले पहले भी देखे जाते रहे हैं. आजकल मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी आसानी से उपलब्ध है, तो हमें सुनने को ज्यादा मिल रही है".
डॉ अंजन सिओटिया, डायरेक्टर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, बी एम बिरल हार्ट रिसर्च सेंटर, कोलकाता

डॉ अंजन सिओटिया आगे कहते हैं, "कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर है. जिसे कई लोग नहीं समझते हैं. कार्डियक अरेस्ट होने से मृत्यु हो जाती है. हार्ट अटैक से जो लोग मर जाते हैं, तब ऐसा बोला जाता है कि हार्ट अटैक आया जिससे कार्डियक अरेस्ट हुआ तो उनकी मृत्यु हो गयी".

हार्ट अटैक आने का कोई नियम बना हुआ नहीं है. हो सकता है कि पहला हार्ट अटैक ही जान ले जाए और कई बार लोगों को पता भी नहीं लगता कि उन्हें कम गंभीरता वाला हार्ट अटैक आ कर जा चुका है.

हार्ट अटैक के कुछ लक्षण 

“अधिकतर हार्ट अटैक कोरोनरी धमनियां में प्लाकस या ब्लड क्लाट्स बनने की वजह से होते हैं. ये ब्लॉक्स सालों से बन रहे होते हैं, हमारे हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाने खास कर सैचुरेटेड फैट (saturated fat) वाले खाद्य पदार्थों से. जैसे घी, बटर, लाल मांस. सालों से प्लाकस बनते रहते हैं और एक दिन अचानक से फूट जाते हैं और उसका कारण कुछ भी हो सकता है. स्ट्रेस, तंबाकू का अधिक सेवन या किसी बीमारी जैसे कि डायबिटीज. फूटने के बाद ये धमनियां में रुकावट करते हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक आता है.“
डॉ सुभाष चंद्रा, चेयरमैन एंड एचओडी, कार्डियोलॉजी, मैक्स हॉस्पिटल

"किसी-किसी में शुरुआती लक्षण दिख भी सकते हैं और नहीं भी. बहुत बड़ी संख्या में लोगों को हार्ट अटैक होने के बाद पता चलता है कि उन्हें हार्ट की समस्या है. लेकिन कुछ लोगों का शरीर पहले ही चेतावनी देने लगता है" ये कहना है, डॉ अंजन सिओटिया का.

  • हार्ट अटैक होने पर छाती में दवाब या दर्द महसूस होता है. बांह, गले, पेट के ऊपरी हिस्से में भी दबाव महसूस हो सकता है

  • पसीना आना

  • सांस फूलना

  • मन घबराना

  • कमजोरी लगना

  • कई बार बहुत सारे मरीजों को एसिडिटी-गैस, उल्टी की समस्या भी होती है

कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति अचेत (unconscious) हो जाता है.

कार्डियक अरेस्ट के कारण

मेदांता के क्लिनिकल एंड प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर, डॉ मनीष बंसल कार्डियक अरेस्ट के कारण बताते हैं,

  • हार्ट अटैक

  • दिल की धड़कन जब बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाए

  • हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में समस्या आने से

  • कभी-कभी शरीर में हुए इन्फ़ेक्शन से

  • कभी-कभी लंग्स-किडनी की गंभीर बीमारी में

  • ब्लड में मौजूद केमिकल्स जैसे कि पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम का लेवल बहुत कम या बहुत ज्यादा हो

हार्ट अटैक के कारण कभी-कभी अचानक कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है, जिसका मतलब है मृत्यु.
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हार्ट अटैक के कारण

भारत में 30-40 साल की उम्र से लोगों को हार्ट अटैक शुरू हो जाते हैं. हार्ट के मरीजों में 40% मरीज डायबिटीज के भी शिकार होते हैं और अब खराब लाइफस्टाइल बीमारियों को हमारे जीवन में शामिल करने का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है.

डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट अटैक का प्रमुख कारण है खराब लाइफस्टाइल और स्ट्रेस. आजकल लोगों के लाइफ में स्ट्रेस बहुत बढ़ गया है. शारीरिक व्यायाम कम और उल्टा-पलटा खाना ज्यादा हो रहा है. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया है. ये सब कारण हार्ट अटैक के मामलों को और भी ज्यादा बढ़ा रहे हैं. हार्ट अटैक के कुछ कॉमन कारण हैं ये:

  • खराब लाइफस्टाइल

  • डायबिटीज

  • स्मोकिंग

  • हाई ब्लड प्रेशर

  • बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल

  • शारीरिक गतिविधि की कमी

  • मोटापा

हार्ट अटैक होने पर इमरजेंसी की स्थिति में ऐसा करें

“कई लोगों को समझ नहीं आता कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. उस समय उन्हें वो दर्द गैस या हड्डी का दर्द लगता है. फिर अगर वो कोई टेस्ट नहीं कराते हैं, तो पता नहीं चल सकता है. वहीं कुछ लोगों को साइलेंट हार्ट अटैक भी आता है, जिसमें दर्द नहीं होता. खास कर डायबिटीज के मरीजों में या वृद्ध महिलाओं में”.
डॉ अंजन सिओटिया

हार्ट अटैक होने पर मरीज को,

  • ऐस्प्रिन (Aspirin) की टैब्लेट चबाने को दें

  • स्टैटिन टैबलेट (Statin tablet) दें

  • तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल जाएं

कार्डियक अरेस्ट होने पर

डॉ मनीष बंसल कहते हैं, "ऐसे में मरीज को आसपास के लोगों द्वारा कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CRP) देनी चाहिए. हम लोगों को बेसिक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CRP) की प्रक्रिया सीखने की सलाह देते हैं. जानकारी होने से लोगों की जान बचाई जा सकती है".

कोविड से ठीक होने के बाद अपने हार्ट और ब्रेन का रखें खास ख्याल

डॉ सुभाष चंद्रा ने फिट हिंदी को बताया, "एक अहम बात ये है कि कोविड से ठीक होने के बाद कई लोगों ने तुरंत वापस अपने पुराने शारीरिक व्यायाम उसकी तीव्रता के साथ शुरू कर दिया, जैसे वो कोविड होने से पहले करते थे. ऐसा करने से उन लोगों में खास खतरा ये था कि इन लोगों ने कभी जाना नहीं कि कोविड होने से उनके ब्लड का सिस्टम बाधित हुआ है. जिसमें ब्रेन और हार्ट की धमनियां (arteries) में स्पॉन्टेनियस क्लाट्स बन जाते हैं. उससे कई लोगों को स्ट्रोक, हार्ट अटैक और मृत्यु भी हुई है".

वो आगे कहते हैं,

"इस साल चारधाम की यात्रा के दौरान हमनें देखा है कि बीते सालों की तुलना में बहुत अधिक मौत हुई है. उनमें से ज्यादातर लोग कोविड से ठीक हुए बुजुर्ग थे. जिनका यात्रा से पहले किसी भी तरह का कोई भी टेस्ट नहीं किया गया और पहाड़ियों में ऐल्टिटूड (altitude) के कारण उनकी जान चली गयी".

हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या और किस उम्र से सावधानी बरतनी चाहिए?

"मेरी सलाह से छोटी उम्र से ही सावधानी बरतनी चाहिए. हम हार्ट अटैक से बचने के लिए अच्छी लाइफस्टाइल जैसी सावधानी ही बरत सकते हैं. हेल्दी लाइफस्टाइल हमारी आदत बन जानी चाहिए ना कि इसे जबरदस्ती अपनाना चाहिए. आदत जितनी जल्दी बना लें उतना अच्छा होगा. मेरे हिसाब से बच्चों को घर पर और स्कूल में सिखाना और बताना चाहिए कि हेल्दी डायट और शारीरिक व्यायाम का महत्व. ताकि उन्हें बड़े होकर कुछ नया या अलग करने को नहीं कहना पड़े. शुरू से ही उन्हें स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की बात बताने से वो उनकी आदत में शामिल हो जाएगी" कहते हैं डॉ अंजन सिओटिया.

अक्सर लोग 60 साल के बाद नींद से जागते हैं और महसूस करते हैं कि जिंदगी निकल गयी पैसे कमाते-कमाते और स्वास्थ्य पर ध्यान ही नहीं गया.

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Published: 02 Jun 2022,02:32 PM IST

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