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Menstrual Hygiene Day 2023: बीते कुछ सालों में पीरियड से सम्बंधित जागरूकता और शिक्षा के बावजूद मेंस्ट्रुएशन अभी भी भारत में एक कलंक/स्टिग्मा है. मेंस्ट्रुएशन से जुड़ी शर्म के कारण वर्कप्लेस पर इस पर खुलकर ध्यान देना बहुत मुश्किल है, जिस कारण अनेक महिलायें आराम के लिए समय की मांग करने के बदले चुपचाप इस पीड़ा को सहन करना बेहतर समझती हैं.
मेंस्ट्रुअल लीव (Menstrual Leave) महिलाओं को उनके मेन्स्ट्रुअल दर्द और तकलीफ के लक्षणों को संभालने के लिए काम से छुट्टी देने के रूप में देखा जाता है. साथ ही यह लोगों को यह बताने का तरीका है कि मेंस्ट्रुएशन एक सामान्य प्रक्रिया और स्त्री-स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे स्वीकार और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
मेंस्ट्रुअल लीव कई प्रकार से कर्मचारियों और कंपनियों, दोनों के लिए फायदेमंद होता है. यहां कुछ फायदे बताये गए हैं, जो मेंस्ट्रुअल लीव संबंधी नीतियां अपनाने से हासिल हो सकते हैं :
पीरियड्स से जुड़े लक्षणों का बेहतर प्रबंधन : मेंस्ट्रुअल लीव से महिलाओं को अपने पीरियड्स के लक्षणों को बेहतर ढंग से संभालने में मदद मिल सकती है और इससे उनकी शारीरिक, भावनात्मक और सामान्य तंदुरुस्ती में सुधार हो सकता है.
बेहतर लैंगिक समानता : महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को स्वीकार करके और उनकी सहायता करके, मेंस्ट्रुअल लीव वर्कप्लेस पर लैंगिक समानता में वृद्धि कर सकता है. इससे पीरियड्स से सम्बंधित कलंक और भेद-भाव कम करने में मदद मिलती है और समाज को यह सन्देश दिया जा सकता है कि महिलाओं का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है और बेहतर आउटपुट के लिए गंभीरता से इसकी देखभाल करनी चाहिए.
पॉजिटिव वर्क कल्चर : मेंस्ट्रुअल लीव नीतियों को ज्यादा आकर्षक और कंपनी कल्चर में सहयोग के लिए लागू किया जा सकता है. कामकाजी महिलाओं की जरूरतों को स्वीकार और परेशानियों को हल करके अपने कर्मचारियों को अहसास करा सकते हैं कि वे उनकी चिंता और समर्थन करते हैं. इससे नौकरी के प्रति कर्मचारियों की ईमानदारी और खुशी में बढ़ोतरी हो सकती है.
सकारात्मक ब्रांडिंग : मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी लागू करने को प्रगतिशील और सामाजिक चेतना के रूप में देखा जा सकता है, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा और ब्रांड को फायदा होगा.
मेंस्ट्रूअल लीव महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन इसमें कमियां भी हैं.
भेद-भाव : कुछ संगठनों में पीरियड्स से जुड़ी शर्म मिटाने के प्रयासों के बावजूद, अभी भी शर्म और घबराहट की संस्कृति मौजूद है. इसके कारण महिलाओं को मेंस्ट्रुअल लीव लेने में संकोच या परेशानी हो सकती है या उन्हें एम्प्लायर की ओर से भेद-भाव और नेगेटिव व्यवहार का अनुभव भी हो सकता है.
मेंस्ट्रूअल लीव का दुरुपयोग : मेंस्ट्रुअल लीव का दुरुपयोग किया जा सकता है, जिसके कारण सही और समान नियमों को अपनाने में कठिनाई हो सकती है. उदाहरण के लिए, कर्मचारी छुट्टी लेने के लिए पीरियड्स से सम्बंधित लक्षणों का बहाना बना सकती हैं या कंपनियां उनके साथ भेद-भाव कर सकती हैं.
अतिरिक्त लागत : पीरियड्स के लिए कर्मचारियों को छुट्टी देने से एम्प्लायर पर खर्च बढ़ सकता है, जैसे कि अनुपस्थित कर्मचारी के काम के बोझ को कवर करना या पार्ट टाइम कर्मचारी बहाल करना. इसके अलावा, अगर कई कर्मचारी एक ही समय में मेंस्ट्रुअल लीव लेती हैं, तो उत्पादकता घटने के बारे में चिंता पैदा हो सकती है.
इन चुनौतियों के बावजूद, कार्यस्थल में मेंस्ट्रुअल लीव महिलाओं का स्वास्थ्य और लैंगिक समानता बेहतर बनाने के लिए एक उपयोगी साधन हो सकता है. अपने वर्क फोर्स की जरूरतों का ध्यान रखने वाले जस्टीफ़ाइड और अपनाने योग्य नियम तैयार करने के साथ-साथ उत्पन्न होने वाली किसी समस्या या कठिनाई को हल करने के लिए, एम्प्लायर कर्मचारियों का सहयोग ले सकते हैं. ऐसा करके, वे ऑफिस में एक ऐसा वातावरण बना सकते हैं, जिसमें जेंडर और स्वास्थ्य की अवस्था कुछ भी हो, सभी कर्मचारियों को बराबर महत्व देने और उन्हें सपोर्ट करने का माहौल बन सकता है.
(ये आर्टिकल गुरुग्राम के मदरहुड हॉस्पिटल में ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी कंसल्टेन्ट, डॉ. श्वेता वज़ीर ने फिट हिंदी के लिए लिखा है. )
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