advertisement
इस साल गर्मी ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और बढ़ती गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है. ऐसे मौसम में कान का इंफेक्शन बेहद दर्दनाक साबित हो सकता है. जो हमारी सेहत और दिनचर्या को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है.
वयस्कों की तुलना में बच्चों को कान का इंफेक्शन अधिक होता है. आइए जानते हैं विशेषज्ञों से गर्मियों में होने वाले कान के इंफेक्शन के कारण, लक्षण और बचने के तरीकों के बारे में.
डॉ अतुल मित्तल कहते हैं, “कान में बहुत तीखा दर्द होता है, जिसके कारण मरीज हमारे पास आते हैं. गर्मियों में ज्यादातर कान के बाहरी हिस्से में इन्फेक्शन होता है”.
खुजली होना
तेज दर्द होना
तेज बुखार
कान बंद जैसा महसूस होना
कान से पानी निकलना
सोने में परेशानी होना
कम सुनाई देना
बार-बार कान साफ करना
गर्मियों में उमस होने से कान में इरिटेशन होने लगती है. जिसे दूर भगाने के लिए कई माता-पिता बच्चों के कान में ईयर बड्स, टॉवल, पैन, पिन का इस्तेमाल करने लगते हैं. इससे बच्चे के कान में इन्फेक्शन हो सकता है. इसके अलावा कई लोग ऐसे हैं, जो ईयर बड्स की मदद से बार-बार अपने कान की सफाई करते रहते हैं. इस स्थिति में भी कान में इंफेक्शन हो सकता है.
स्विमिंग करना
“गर्मियों में लोग स्विमिंग के लिए ज्यादा जाते हैं या नहाने के लिए बहुत ज्यादा पानी का इस्तेमाल करते हैं. जिससे कान में मॉयश्चर इकट्ठा हो जाता है. उसकी वजह से फंगल इंफेक्शन ज्यादा होते हैं. ऐसा बारिश के मौसम में भी देखने को मिलता है. नमी होने की वजह से कान में इंफेक्शन होता है” ये कहना है, डॉ श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल में ईएनटी की डिप्टी डायरेक्टर, डॉ निशी गुप्ता का.
स्विमिंग पूल में जाकर भी गर्मियों में कान में इन्फेक्शन हो सकता है. स्विमिंग करने से कई बार कान में पानी चला जाता है. इससे कान में मॉयश्चर जम जाता है. जिसके कारण कान के अंदर इंफेक्शन हो सकता है.
कान में गंदगी
गर्मी के मौसम में अक्सर धूल भरी आंधी देखने को मिलती है. जिसमें कई बार खेलते समय बच्चों के कान में तरह-तरह की चीजें, धूल-मिट्टी चली जाती है. लंबे समय तक कान में गंदगी रहने से बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं. इससे कान का इंफेक्शन हो सकता है.
कान को साफ नहीं करें
कान में कुछ भी नहीं डालें
कान में पानी जाने पर उसको नीचे की तरफ हल्के से खींचें तो पानी अपने आप निकाल जाएगा. किसी और तरीके से निकालने की कोशिश न करें
सर्दी-जुकाम को अपने और बच्चों से दूर रखें
डायबिटीक रोगियों को कान में इंफेक्शन की शिकायत ज्यादा होती है. इसलिए उन्हें अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना चाहिए.
डॉ निशी गुप्ता कहती हैं, “कान में 2 तरह के इंफेक्शन होते हैं. एक को सेफ बोलते हैं और दूसरे को अनसेफ. सेफ में मरीज के कान से डिस्चार्ज होता है, जिस कारण वो डॉक्टर के पास चले जाते हैं और समस्या से छुटकारा मिल जाता है.
वहीं अनसेफ वाले में डिस्चार्ज बह कर बाहर नहीं निकलता बल्कि वो धीरे-धीरे अंदर हड्डी को खराब करता चला जाता है. ऐसे में मरीज को 1-2 साल बाद पता चलता है कि उन्हें सुनाई कम दे रहा है. जब वो डॉक्टर के पास जाते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि उनकी कान की हड्डी गली हुई है. जिसका उन्हें पता ही नहीं होता. इसीलिए इसे अनसेफ इन्फेक्शन कहते हैं. अगर कान में किसी भी तरह का कोई भी संदेह हो तो, डॉक्टर से सलाह जरुर लें.”
अगर आपको बार-बार कान में इन्फेक्शन रहता है, तो इसके लिए जल्द से जल्द अपने ईएनटी डॉक्टर से संपर्क करें. कान में इन्फेक्शन के लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined