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COVID-19 Cases Rise | बढ़ते Corona मामलों के ये हैं लक्षण और उनसे बचने के तरीके

देश में बढ़ते COVID-19 के लक्षणों और सावधानियों के बारे में जानें.

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देश के कुछ राज्यों में बढ़ते COVID 19 के मामलों ने एक बार फिर से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. इस बार बढ़ते मामलों में बच्चों के संक्रमित होने की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही है. खास कर दिल्ली एनसीआर के इलाकों में.

हालांकि अभी तक बच्चों में कोविड-19 के मामलों में गंभीरता कम देखी गयी है, पर बढ़ते मामले और वैक्सिनेटेड नहीं होने कारण बच्चों में संक्रमण तेजी से बढ़ सकते हैं.

इन बढ़ते Coronavirus के, लक्षण और बचाव के बारे में जानने के लिए फिट हिंदी ने अनुभवी डॉक्टरों से संपर्क किया. सभी डॉक्टरों ने मास्क पहनने को प्राथमिकता देने की बात कही है.

आईए जानें डॉक्टरों की क्या है सलाह.

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बीते कुछ दिनों से बढ़ते मामलों के बारे में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में इंटर्नल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ सतीश कौल कहते हैं, "2-3 दिनों तक तेज बुखार रहता है, उसके बाद 2-3 दिनों तक सर्दी-खांसी बनी रहती है लेकिन 5-6 दिन होते-होते तबियत में सुधार आने लग रहा है. ये स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों में काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है. बड़ों में अभी मामले कम सामने आ रहे हैं".

“मामले बढ़े हैं. पिछली कोविड वेव के बाद हमें ओपीडी में कोविड के मरीज देखने को नहीं मिलते थे पर अब मरीज रोज आ रहे हैं. यहां बता दूं, कुछ लोग टेस्ट ही नहीं करा रहे हैं क्योंकि लक्षण हल्के हैं और कुछ अपने घरों में होम किट से टेस्ट करके सावधानी बरत रहें हैं, तो ऐसे मामले सरकार के डेटा में रेजिस्टर नहीं हो रहे हैं”.
डॉ सतीश कौल, डायरेक्टर, इंटर्नल मेडिसिन, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम

वहीं मेदांता गुरुग्राम में पीडियाट्रिक्स के एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. मनिंदर सिंह धालीवाल ने फिट हिंदी से कहा, "कोविड के साथ-साथ दूसरे इन्फेक्शन भी बच्चों में बढ़ रहे हैं और ये आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि 2 साल बाद बच्चे घरों से बाहर आ रहे हैं, स्कूल जा रहे हैं".

विशेषज्ञों के अनुसार, मामलों की सही संख्या अधिक होने की संभावना है क्योंकि बहुत से लोग घरेलू परीक्षण किट का प्रयोग कर रहे हैं और पॉजिटिव मामलों का पता नहीं चल रहा है या रिपोर्ट नहीं किया जा रहा है.

"COVID 19 के मामलों में बढ़ोतरी के साथ-साथ हम हॉस्पिटलाइजेशन भी देख रहे हैं, पर उन मामलों में जो पहले से किसी गंभीर बीमारी का शिकार हैं. बच्चों में संक्रमण के मामले बड़ों की तुलना में ज्यादा हैं" ये बताया गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल में इंटर्नल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. तुषार तायल ने.

साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि लक्षण पिछले कोविड वेव की तरह ही हैं.

“इन बढ़े हुए मामलों में Delta के लक्षण नहीं देख रहे हैं हम. OMICRON के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. बड़ों और बच्चों के मामलों में एक अंतर देखने को ये मिल रहा है कि बच्चों में बुखार तेज आ रहा है, 103-104 तक. इसका कारण ये भी हो सकता है क्योंकि बच्चे वैक्सिनेटेड नहीं हैं.”
डॉ सतीश कौल, डायरेक्टर, इंटर्नल मेडिसिन, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम
भारत में ओमिक्रॉन के उप-प्रकार, विशेष रूप से BA.2 कितने व्यापक हैं, इस बारे में स्पष्टता नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इससे गंभीर बीमारियों और मौतों में वृद्धि होने की संभावना कम है, भले ही नए संक्रमण बढ़ रहे हों.
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"दिल्ली एनसीआर में ये मामले तेजी से फैल रहे हैं. कौन सा वेरिएंट है, इसका पता सरकार द्वारा की जाने वाली जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही चलेगा. भारत में बहुत कम जीनोम सीक्वेंसिंग होती है. मेरा मानना है कि इतनी जल्दी कोई नया वेरिएंट नहीं आएगा. ये Omicron का ही सब वेरिएंट लगता है और इस बार वो आबादी प्रभावित हो रही है जो वैक्सिनेटेड नहीं है. भारत सरकार को जीनोम सीक्वेंसिंग जल्दी से जल्दी और बड़ी संख्या में करनी चाहिए" जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर देते हुए ये कहना था डॉ सतीश कौल का.

बच्चों पर कोविड के लॉन्ग टर्म इफेक्ट क्या होंगे ये अभी कोई नहीं जानता” कहते हुए वयस्कों में कोविड लक्षणों के बारे में बताते हैं डॉ सतीश कौल.

वयस्कों में कोविड के लक्षण 

बढ़ते Corona मामलों के ये हैं कुछ लक्षण:

  • बुखार

  • गले में खराश

  • सर्दी-जुकाम

  • पेट खराब

  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस की समस्या

  • कमजोरी

  • थकान

वयस्कों में लक्षण दिखने पर क्या करें 

लक्षणों का आभास होने पर डॉक्टर से संपर्क करें. घर में रहने की कोशिश करें साथ ही अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचें. ये सावधानियां बरतें:

  • डॉक्टर द्वारा दी गयी दवा समय पर लें

  • घर पर आराम करें

  • दूसरों के संपर्क में आने से बचें

  • हाइड्रेटेड रहें (पानी, जूस, नारियल पानी, ओआरएस, सूप)

  • संतुलित आहार का सेवन करें

  • बुखार जांचते रहें

  • ऑक्सीजन संतृप्ति (Oxygen saturation) चेक करते रहें

  • गले में खराश की स्तिथि में नमक के पानी के गरारे करें

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बच्चों में कोविड के लक्षण

“कोविड में केवल पहले 2 दिनों तक बच्चे को तेज बुखार रहता है, तीसरे दिन उतर जाता है और चौथे दिन बच्चा ठीक महसूस करने लगता है. ऐसा अभी चल रहे दूसरे वायरल इन्फेक्शन में नहीं होता है" कहते हैं डॉ मनिंदर धालीवाल. ये हैं बच्चों में बढ़ते Corona के कुछ लक्षण:

  • पहले 2-3 दिनों में तेज बुखार, 102 से ज्यादा

  • गला खराब

  • छींक

  • सर्दी-जुकाम

  • पेट खराब

  • पेट दर्द

  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस की समस्या

“OMICRON जैसा ही है, DELTA जैसा नहीं है क्योंकि कोविड की वजह से अभी तक हॉस्पिटलाइजेशन नहीं देखने को मिल रहा है. हॉस्पिटलाइजेशन उन बच्चों में देखने को मिल रहा है, जो किसी दूसरी गंभीर बीमारी से भी ग्रसित हैं.”
डॉ मनिंदर सिंह धालीवाल, एसोसिएट डायरेक्टर, पीडियाट्रिक्स, मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम
कैंसर, थैलेसीमिया, डायबिटीज, ल्यूकीमिया, एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी झेल रहे बच्चों को रिस्क ज्यादा है. उनका विशेष ध्यान रखें.

बच्चों में लक्षण दिखने पर क्या करें

रायनोवायरस या किसी भी वायरल इन्फेक्शन में कोविड से मिलते जुलते लक्षण होते हैं. इसलिए शुरुआती लक्षणों को देख कर कोविड है या नहीं पता लगाना मुश्किल है.

“इस बार फर्क ये है कि स्कूल खुले हुए हैं, गर्मी बहुत ज्यादा है और दूसरी बीमारियां भी फैली हुई हैं. ऐसे में बिना डॉक्टर को दिखाए बच्चे को कोविड पॉजिटिव मान कर खुद से इलाज शुरू न कर दें. क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि जिसे आप कोविड मान रहे हैं, वो टाइफाइड या कुछ और बीमारी हो” कहते हुए डॉ मनिंदर सिंह धालीवाल ने बताया बच्चों में लक्षणों को देखने के बाद क्या करना चाहिए.

  • डॉक्टर से संपर्क करें

  • डॉक्टर द्वारा दी गयी दवा समय पर बच्चे को दें

  • हाइड्रेटेड रखें (पानी, जूस, नारियल पानी, ओआरएस, सूप)

  • बुखार को 102 से ऊपर जाने न दें

  • बुखार 102 से ऊपर जाने पर स्पंजिंग करें

  • ऑक्सीजन संतृप्ति (Oxygen saturation) चेक करते रहें

  • बुखार आने पर बच्चे को ज्यादा कपड़े न पहनायें

  • गले में खराश की स्तिथि में नमक के पानी के गरारे करायें

  • पौष्टिक आहार दें

घर में कोविड टेस्ट खुद से करने वाले किट का प्रयोग भी किया जा सकता है.

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0-2 वर्ष के बच्चों का ऑक्सिजन लेवल देखने के लिए, पल्स ऑक्सीमीटर को सोते बच्चे के पैर के अंगूठे में लगा कर चेक करना सही तरीका है.

बच्चों को स्कूल भेजते समय क्या ध्यान रखें?

डॉ धालीवाल कहते हैं, “बच्चों को मास्क जरुर पहनायें और वो N95 मास्क नहीं होने चाहिए. इतनी गर्मी में कॉटन के 2 परत वाले मास्क पहनना सही रहेगा. सर्दी-खांसी, बुखार या तबियत सही नहीं लगने पर बच्चे को स्कूल न भेजे. इससे सिर्फ कोविड ही नहीं बाकी इन्फेक्शन भी कंट्रोल में आ जाएंगे.”

  • बच्चे कॉटन कपड़े का मास्क पहन कर हो

  • साथ में 2-3 एक्स्ट्रा मास्क हो

  • हाथ साफ रखना सिखाएं

  • अपने लंच बॉक्स से खाना खाने की हिदायत दें

  • अपना पानी का बोतल साथ में हो

  • खाना और पानी किसी के भी साथ नहीं बांटें

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