advertisement
World Plastic Surgery Day 2023: प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रिय हो चुका है लेकिन यह भी देखा गया है कि इतनी लोकप्रियता के बावजूद, प्लास्टिक सर्जरी को लेकर आज भी कई तरह के मिथक (myths) और गलत जानकारियां फैली हुई हैं, जो सही फैसला लेने में रुकावट बनती हैं.
क्या प्लास्टिक सर्जरी की मदद से अपना चेहरा बदल सकते हैं? क्या प्लास्टिक सर्जरी सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने के लिए होती है? क्या प्लास्टिक सर्जरी के बाद एक भी दाग नहीं रहता? क्या प्लास्टिक सर्जरी केवल अमीरों के लिए है? क्या प्लास्टिक सर्जरी पूरी तरह से सेफ है?
फिट हिंदी ने प्लास्टिक सर्जन से जाना प्लास्टिक सर्जरी से जुड़े मिथक और सच्चाई के बारे में से.
सच्चाई- प्लास्टिक सर्जरी के बारे में लोगों को गलतफहमी है कि यह सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने के मकसद से की जाती है. ऐसी सोच रखने वाले लोग प्लास्टिक सर्जरी के सही प्रयोग और लाभ के बारे में नहीं जानते. बेशक, एस्थेटिक एन्हांसमेंट (aesthetic enhancement) यानी शरीर के सौंदर्य पक्षों को उभारने में इसका अहम रोल है, लेकिन यह सिर्फ ऊपरी खूबियों तक ही सीमित नहीं है. प्लास्टिक सर्जरी में रीकन्सट्रक्टिव प्रक्रियाओं को भी शामिल किया गया है, जो ट्रॉमा/दुर्घटना/जन्मजात विकारों/कैंसर की वजह से होने वाली कांट-छांट/जलने से उत्पन्न हुई असामान्यताओं/मोबिलिटी में सुधार में मददगार है और इस तरह प्लास्टिक सर्जरी मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होती है.
सच्चाई- प्लास्टिक सर्जरी कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे आप ब्यूटी के मामले में असाधारण मानकों को हासिल कर सकते हैं या किसी असंभव बात को संभव बना सकते हैं. बेशक, यह लोगों की खूबसूरती बढ़ा सकती है और कई बार शरीर की किसी खास बनावट/कमी को दूर करने में सहायता करती है, लेकिन प्लास्टिक सर्जरी आपको परफेक्शन की गारंटी नहीं देती और न ही यह किसी ब्यूटी कन्सेप्ट की कसौटियों पर खरी उतरती है.
सच्चाई- यह गलतफहमी काफी आम है कि प्लास्टिक सर्जरी का खर्च सिर्फ अमीर ही उठा सकते हैं. बेशक, यह सच है कि प्लास्टिक सर्जरी पर कई बार काफी खर्चा आता है, लेकिन सिर्फ यही बात पूरी तरह से सच नहीं है. प्लास्टिक सर्जरी प्रक्रियाओं का खर्च काफी हद तक सर्जरी टाइप, वह किस क्षेत्र में हो रही है, सर्जन के अनुभव और दूसरे कई पहलुओं पर भी निर्भर करता है. प्लास्टिक सर्जरी की लागत दूसरे कई सर्जिकल प्रक्रियाओं जैसे कि गॉल ब्लैडर को निकालने या हर्निया रिपेयर पर होने वाले खर्च जितनी होती है.
सच्चाई- तकनीक और टैक्नोलॉजी के एडवांस्ड बनने के बाद अब ये प्रक्रियाएं काफी हद तक सुरक्षित और अधिक कुशल बन चुकी हैं, लेकिन तो भी प्लास्टिक सर्जरी को लेकर हमें वास्तविक अपेक्षाएं ही रखनी चाहिए. इस गलतफहमी को दूर करना सबसे जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि इसकी पूरी प्रक्रिया को सही से समझा जाए. प्लास्टिक सर्जरी करवाने से पहले किसी योग्य और अनुभवी प्लास्टिक सर्जन से पूरा परामर्श लें. कंसल्टेशन के दौरान सर्जन आपकी चिंताओं, संदेह को दूर करने के साथ-साथ आपके सर्जरी के गोल्स को भी जानने की कोशिश करते हैं और आपको पूरी प्रक्रिया, संभावित जोखिमों, जटिलताओं और सर्जरी के बाद पालन किए जाने वाले निर्देशों के साथ रिकवरी में लगने वाले संभावित समय के बारे में बताते हैं. इन जानकारियों के आधार पर आप वास्तविक नतीजों को समझ सकते हैं.
सच्चाई- सच्चाई यह है कि हाल के वर्षों में एस्थेटिक एन्हांसमेंट या रीकन्स्ट्रक्टिव प्रक्रियाओं के लिए प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों की संख्या भी बढ़ी है. प्लास्टिक सर्जरी किसी लिंग विशेष से जुड़ी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि महिला और पुरुष दोनों ही विभिन्न प्रक्रियाओं से फायदा ले सकते हैं. पुरुष कई कारणों से प्लास्टिक सर्जरी करवाते हैं, इनमें एस्थेटिक के अलावा शारीरिक असामान्यताओं को दुरुस्त करना और आत्मविश्वास को बढ़ाना प्रमुख है. हेयर ट्रांसप्लांट,राइनोप्लास्टी, गाइनेकोमेस्टिया (पुरुषों में ब्रैस्ट रिडक्शन), लिपोसक्शन और फेसलिफ्ट पुरुषों द्वारा काफी पसंद किए जाने वाले प्रोसीजर्स हैं.
सच्चाई- यह समझना जरूरी है कि कोई भी सर्जरी, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी भी शामिल है, किसी न किसी जोखिम के साथ आती है. हालांकि हाल के वर्षों में मेडिकल टैक्नोलॉजी और सर्जिकल तकनीकों में काफी सुधार हुआ है और इस कारण यह अधिक सुरक्षित हुई है और इनके नतीजे बेहतर हुए हैं. हमें किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया में अंतर्निहित जटिलताओं (underlying complications) और इनसे जुड़े जोखिमों को कम नहीं आंकना चाहिए. इसलिए प्लास्टिक सर्जरी करवाने का फैसला करने से पहले प्लास्टिक सर्जन से मिलकर सर्जरी से जुड़े संभावित जोखिमों और उसके फायदों के बारे में पूरी जानकारी लें और इस तरह से जरूरी सूचनाएं हासिल करने के बाद अपनी परिस्थितियों के हिसाब से ही निर्णय लें.
सच्चाई- सर्जरी के बाद दाग/निशान का उभरना तय है और प्लास्टिक सर्जरी भी इसका अपवाद नहीं है. दरअसल, दाग/निशान उभरना इस बात का इशारा है कि आपका शरीर हील हुआ है. प्लास्टिक सर्जन अक्सर यह कोशिश करते हैं कि सर्जरी के बाद दाग-धब्बे या निशान दिखायी न दे या वे किसी ऐसी जगह पर चीरा लगाते हैं, जो स्पष्ट रूप से दिखायी नहीं देता. प्लास्टिक सर्जन सर्जरी के निशानों को नैचुरल स्किन क्रीज में छिपाने के हुनर में माहिर होते हैं या वे कुछ दूसरे तरकीबों का सहारा लेते हैं ताकि निशान उभरे हुए न दिखें.
सच्चाई- यह एक ऐसी भ्रांति है, जिसे फिल्मों और धारावाहिकों ने फैलाया है. मौजूदा टैक्नोलॉजी ऐसा करने की इजाजत नहीं देती. यहां तक कि अगर हम किसी एक व्यक्ति के चेहरे के सॉफ्ट टिश्यूज को लेकर किसी दूसरे के चेहरे पर उन्हें ट्रांसप्लांट करेंगे, तो भी इस बात की संभावना नहीं है कि वह दूसरा व्यक्ति पहले की तरह दिखने लगेगा, क्योंकि उसके चेहरे की हड्डियों की संरचना अलग प्रकार की है. साथ ही, उसके एक्सप्रेशन और फेशियल डायनामिक्स भी फर्क होगा जो कि काफी हद तक फेशियल नर्व और न्यूरल डायनमिक्स पर निर्भर करते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined