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कन्नड़ टेलीविजन अभिनेत्री चेतना राज का सोमवार, 16 मई को बेंगलुरु के एक अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी प्रक्रिया के बाद निधन हो गया.
21 वर्षीय टीवी अभिनेत्री को कथित तौर पर 16 मई को "फैट फ्री सर्जरी" के लिए भर्ती कराया गया था. हालांकि, शाम को, कथित तौर पर उनकी तबीयत खराब हो गई, उनके फेफड़ों में पानी जमा हो गया.
अभिनेत्री के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनकी बेटी की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेतना ने अपने माता-पिता को सर्जरी के बारे में सूचित नहीं किया था.
क्या सर्जरी के दौरान जानलेवा गलतियां आम है? यदि आपकी सर्जरी हो रही है तो क्या आपको कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है? ये जानने के लिए फिट हिंदी ने विशेषज्ञों से बात की.
मणिपाल हॉस्पिटल में कंसल्टेंट प्लास्टिक सर्जन डॉ किरणमय सारंगी कहते हैं, “फैट फ्री नाम की कोई सर्जरी नहीं होती है. लिपोसक्शन सर्जरी होती है, जिसमें शरीर के जिद्दी फैट को सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है. ये वजन घटाने का कोई उपाय नहीं है बल्कि बॉडी कॉन्टूरिंग प्रक्रिया है. आजकल लिपोसक्शन का चलन केवल फिल्म या टेलीविजन से संबंधित लोगों तक सीमित नहीं रह गया है”.
"लिपोसक्शन बहुत ही सुरक्षित और सबसे ज्यादा की जाने वाली सर्जरी में से एक है. अगर कोई प्रशिक्षित डॉक्टर अच्छे हॉस्पिटल में, जहां सारी इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध हो ये सर्जरी करे तो चिंता की कोई जरूरत नहीं है. वहीं कई बार छोटे सेंटर में ऐसी समस्याएं आ सकती है" ये कहना है फोर्टिस मेमोरीयल रीसर्च इन्स्टिटूट के प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्तिव सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ अधीश्वर शर्मा का.
सर्जरी से पहले, डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्थिति की गहन जांच करते हैं. साथ ही ये पता करने की कोशिश की जाती है कि मरीज एनेस्थीसिया के लिए फिट है या नहीं? उनके ब्लड शुगर, उनके ब्लड प्रेशर का परीक्षण किया जाता हैं, और यदि ये बेस लाइन से ऊपर/नीचे होते हैं तो जांच के एक भाग के रूप में एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) या इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) कर सकते हैं.
एक ईसीजी मरीज के दिल और विद्युत गतिविधि (electrical activity) की जांच करने में मदद करेगा, और ईईजी हमें उनकी मस्तिष्क गतिविधि को समझने में मदद करेगा.
अगर किसी तरह की गंभीर बीमारी का शिकार हों जिसकी वजह से एनेस्थीसिया या दूसरी दवा नुकसान पहुंचा सकती हो या सर्जरी के बाद रिकवरी में दिक्कत आने की आशंका हो.
ज्यादा बुजुर्ग या बच्चों को नहीं करनी चाहिए.
डॉक्टर या हॉस्पिटल के बारे में पूरी जांच पड़ताल किए बिना नहीं करानी चाहिए.
सर्जरी से पहले, रोगी को खाली पेट रहने के लिए डॉक्टर द्वारा कहा जाता है. अगर उन्होंने कुछ खाया है, तो उन्हें प्रक्रिया से कम से कम 4-8 घंटे पहले इंतजार करना होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि ठीक होने के दौरान, मरीज को उल्टी हो सकती है और हो सकता हो कि मरीज उस समय एनेस्थीसिया के असर के कारण बेहोश हो, तो उल्टी उनके फेफड़ों में वापस जा सकती है और जिसकी वजह से उनका दम भी घुट सकता है.
यदि रोगी इंसुलिन पर है, तो उन्हें इंसुलिन की सुबह की खुराक छोड़ने के लिए कहा जाता है. यदि वे ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं, तो उन्हें अपनी दवा खाली पेट लेनी चाहिए.
"हां, सावधानियों बावजूद चीजें गलत हो सकती हैं. इन मामलों में पूर्ण सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है. यह 1000 में से 1 या 2000 मामलों में 1 के साथ सकता है, हर सावधानी और सुरक्षा के बावजूद चीजें गलत हो सकती हैं" ये कहना है, डॉ आर गोपीनाथ, सीनियर कंसल्टेंट एंड रेटायअर्ड प्रोफेसर ऑफ प्लास्टिक सर्जरी, मद्रास मेडिकल कॉलेज.
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