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World Sleep Day 2024: रात में 6-8 घंटे की नींद लेने के बाद भी जब सुबह थकान और सुस्ती छाई रहे तो पूरा रूटीन बिगड़ जाता है. चिड़चिड़ापन, लो एनर्जी और हर समय नींद आते रहने से काम में बाधा आने लगती है.
नींद से जुड़ी समस्या कई बार किसी मामूली सी बात के कारण होती है पर कई बार ऐसा भी होता है कि समस्या अंदरूनी हो, जिसे मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह और टेस्ट्स की जरूरत हो सकती है.
फिट हिंदी ने वर्ल्ड स्लीप डे पर स्लीप एक्सपर्ट्स से बात की और जाना रात भर सोने के बाद भी सुबह होने वाली थकान का कारण क्या है और इस समस्या से कैसे निपटें.
ज्यादा काम करने के बाद थकान महसूस होना आम बात है लेकिन कुछ लोगों को हर समय सुस्ती और थकान महसूस होती है. रात में 8 घंटे की नींद लेने के बाद भी सुबह उठने पर लो एनर्जी के साथ दिन की शुरुआत होने पर दिन काटना बोझ सा लगता है.
डॉ. प्रतिभा डोगरा बताती हैं, "कई बार अगर कोई इंसान रात को 8 घंटे सो रहा है लेकिन फिर भी थकान हो रही है, इसका मतलब है उसकी क्वालिटी ऑफ स्लीप है वो अच्छी नहीं है. ये चीज हम ज्यादातर उन लोगों में देखते हैं, जिनको खर्राटे आते हैं, जिसकी वजह से ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप अपनिया भी हो जाता है".
खर्राटे की वजह से क्वालिटी ऑफ स्लीप बहुत अच्छी नहीं होती इसलिए सुबह 8 घंटे बाद उठने पर थकान और सुस्ती महसूस होती है.
सुबह उठ कर थकान लगने के कारणों में ये वजहें शामिल हैं:
इंसोम्निया की समस्या, नींद के दौरान बार-बार उठना, गहरी नींद न आना, खर्राटे और स्लीप एपनिया होना.
अत्यधिक थकान से जुड़ा सिंड्रोम और फाइब्रोमाइलजिया
स्ट्रेस
हाई ब्लड शुगर, थाइरॉयड की समस्या, एनीमिया (हीमोग्लोबिन का कम स्तर) जैसी शारीरिक समस्याएं और दूसरे कार्डियो-पल्मनरी समस्याएं
लॉन्ग कोविड के लक्षणों के कारण
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इंसानी शरीर को सामान्य तरीके से काम करने के लिए 6-8 घंटे तक लगातार सोने की सलाह दी जाती है.
इसके अलावा एक्सपर्ट बताते हैं कि शिफ्ट में काम करने वाले लोग जो रात में देर से सोते हैं या सुबह सोने जाते हैं, उनके लिए लगातार 6 से 8 घंटे की नींद लेना मुश्किल हो जाता है. इस वजह से उन्हें दिन के समय नींद आने, कमजोरी और काम में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
वयस्कों के लिये 6 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है.
हमारे दोनों एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रात में नींद लेने के बावजूद अगर सुबह थकान महसूस हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए.
ऐसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर से मिलें:
दिन में नींद आती रहती है
टहलने पर थकान महसूस होती हो, शरीर और जोड़ों में लगातार दर्द रहे
काम पर असर पड़ रहा हो
स्ट्रेस और एंजाइटी की समस्या बढ़ रही हो
डिनर 7-8 बजे तक कर लें. सोने से 2-3 घंटे पहले रात का खाना खा लें.
अच्छी नींद का ख्याल रखें. आपका सोने का बिस्तर साफ होना चाहिए और 10 बजे के बाद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए, सोने का कमरा शांत होना चाहिए और थोड़ी देर मेडिटेशन करके रात के 10 बजे सोने चले जाएं.
रेगुलर एक्सरसाइज और योग करें
कुछ तरह के खाने से परहेज करें– जंक फूड, कॉफी और चाय जैसी कैफीन संबंधी चीजें और सोने से पहले एल्कोहॉल
जहां तक हो स्ट्रेस से दूर रहें
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