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Weekend Sleep: क्या वीकेंड पर ज्यादा सोना सेफ और फायदेमंद है? बता रहें एक्सपर्ट्स

Sleep Debt: सप्ताह के दौरान नींद की कमी की भरपाई वीकेंड में सोने से नहीं की जा सकती है.

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Weekend Sleep Healthy Or Not: अच्छी नींद अब एक ऐसी बहुमूल्य जरूरत बन गई है, जो हर किसी को नसीब नहीं. पहले घरों में परिवार वाले प्यार से अपने सदस्यों को 'कुंभकर्ण' कहते थे पर अब शायद कुछ लोग ही इस सुख को समझते हैं.

इसके कई कारण हैं.

बदलता लाइफस्टाइल, काम का प्रेशर, तरह-तरह की चिंता, काम से फुर्सत मिलते ही देर रात तक OTT सीरीज या मोबाइल पर अपनी नींद कुर्बान करना और नींद नहीं आना. ऐसे में हम अक्सर वीकेंड पर देर तक सो लेने की बात सोच अपने मन को समझा, अपना स्लीप पैटर्न खराब करते चले जाते हैं. जो हमारे हार्ट हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

क्या वीकेंड पर अधिक सो लेने से पूरे सप्ताह कि नींद की कमी से राहत मिल सकती है? क्या वीकेंड पर ज्यादा सोना सेफ और फायदेमंद है? क्या कहती हैं वीकेंड स्लीप से जुड़ी स्टडीज? वीकेंड पर कितनी नींद लेने से पूरे सप्ताह भर के कम नींद की भरपाई हो सकती है? आइये जानते हैं एक्सपर्ट्स से.

Weekend Sleep: क्या वीकेंड पर ज्यादा सोना सेफ और फायदेमंद है? बता रहें एक्सपर्ट्स

  1. 1. क्या वीकेंड में देर तक सोने से सप्ताह भर की थकान से आराम मिलता है?

    एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वीकेंड पर देर तक सोने से आपको स्‍थायी रूप से आराम मिलता है, लेकिन बेहतर विकल्प होता है, पूरे सप्ताह भर सोने-जागने का एक नियमित पैटर्न बनाना और उसका पालन करना. नियमित नींद से आपके शरीर की अंदरूनी घड़ी (इंटरनल क्‍लॉक) व्यवस्थित रहती है और इससे नींद की क्वालिटी भी बेहतर होती है.

    "इसके उलट, अगर आप हमेशा नींद की कमी के शिकार हैं, तो उसका कारण समझने की कोशिश करें और हेल्दी स्‍लीप की आदत डालें, न कि सिर्फ वीकेंड पर बची-खुची नींद पूरी करने का प्रयास करें."
    डॉ. रवि शेखर झा, डायरेक्टर एंड एचओडी – पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

    दिल्ली, सी के बिरला हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसलटेंट- डॉ. अशोक के राजपूत कहते हैं कि निश्चित रूप से, वीकेंड पर सोने से सप्ताह भर की थकान से अस्थायी राहत मिल सकती है. हालांकि, ऑप्टीमल एनर्जी लेवल और हेल्थ के लिए पूरे सप्ताह लगातार अच्छी नींद सोना महत्वपूर्ण है. लेकिन वीकेंड पर अधिक सोना इसका सॉल्यूशन नहीं है.

    मुंबई में कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. हरेश मेहता कहते हैं,

    "इस बात के कम प्रमाण हैं कि वीकेंड पर अधिक समय तक नींद लेने से सप्ताह भर की थकान दूर हो जाती है. हालांकि, हाल के कुछ स्टडीज में वीकेंड की नींद से वजन को मैनेज करने में कुछ लाभ का पता चला है."
    डॉ. हरेश मेहता, कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, पी डी हिंदूजा हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार

    एक्सपर्ट्स के अनुसार, हमारा हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर ऐसी स्थितियों में बिगड़ जाते हैं. वास्तव में, वीकेंड के दौरान खोई हुई नींद की भरपाई करने का प्रयास इन उपायों को सामान्य स्थिति में वापस लाने के लिए अपर्याप्त है.

    याद रखें, नियमित स्लीप पैटर्न आपकी सर्कैडियन रिदम को भी सपोर्ट करती है और इसके चलते आपके हेल्थ, मूड और कॉग्निटिव फंक्शनिंग में भी सुधार आता है.  

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  2. 2. क्या वीकेंड पर ज्यादा सोना सेफ और फायदेमंद है?

    हाल ही में आए पेन स्टेट साइंटिस्ट्स की एक स्टडी के अनुसार, सप्ताह के दौरान नींद की कमी की भरपाई वीकेंड में सोने से नहीं की जा सकती है. यहां तक ​​कि हर रात केवल पांच घंटे की नींद भी दिल के हेल्थ पर नेगेटिव प्रभाव डालती है.

    वीकेंड के दौरान नींद पूरी करने से पूरे सप्ताह में जमा हुए नींद की कमी को कम करके तत्कालीन लाभ मिल सकता है.

    डॉ. रवि शेखर झा कहते हैं कि लंबे समय तक अनियमित नींद का पैटर्न, जैसे कि वीकेंड पर अधिक देर तक सोना और वीकडे-वीकेंड में सोने का अलग-अलग समय होना, आपके शरीर की प्राकृतिक सरकेडियन रिदम के साथ खिलवाड़ करता है और इस कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए पर्याप्त नींद लेना और पूरे हफ्ते भर एक नियमित स्‍लीप रूटीन का पालन करना आपके हेल्थ की दृष्टि से जरूरी होता है.

    वीकेंड पर अधिक नींद से आप अपने नींद के पैटर्न में बाधा डालते हैं और इसका असर यह होता है कि हफ्ते के बाकी दिनों आपको नियमित सोने और जागने में परेशानी हो सकती है. 

    डॉ. हरेश मेहता वीकेंड पर अधिक नींद लेने की वकालत नहीं करते हैं. वे कहते हैं कि वीकेंड पर 7-8 घंटे की नींद पर्याप्त है. वीकेंड पर अधिक नींद लेने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि अत्यधिक नींद से डिसऑर्डर जैसे कि डिप्रेशन हो सकता है.

    "हालांकि, अत्यधिक वीकेंड की नींद नियमित नींद के पैटर्न को बाधित कर सकती है, जिससे शरीर की आंतरिक घड़ी प्रभावित हो सकती है. लंबे समय तक अनियमित नींद का शेड्यूल मोटापे और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है."
    डॉ. अशोक के राजपूत, सीनियर कंसलटेंट, पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन, सी के बिरला अस्पताल (आर), दिल्ली
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  3. 3. नींद की कमी से हो सकती हैं ये समस्याएं

    हफ्ते के बाकी दिनों में पूरी नींद नहीं लेने से आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक असर पड़ता है. वो असर हो सकते हैं:  

    • कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट (संज्ञानात्मक बाधा): नींद की कमी का शिकार होने पर एकाग्रता, याददाश्त संबंधी समस्याएं, अलर्टनैस में कमी और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होने जैसी परेशानियां होती हैं.

    • मूड में गड़बड़ी: नींद की कमी के चलते मूड में चिड़चिड़ापन, उतार-चढ़ाव और दूसरे मूड से जुड़े विकार जैसे कि एंजाइटी और स्ट्रेस भी घेरने लगता है.  

    • कार्य प्रदर्शन में बाधा: नींद की कमी से जूझने वाले लोग अक्सर कार्य के दौरान गड़बड़ी कर जाते हैं, जैसे ड्राइविंग करते हुए कोई गलती हो सकती है, क्योंकि उनका प्रतिक्रिया समय और निर्णय लेने की क्षमता पर्याप्त नींद नहीं लेने की वजह से प्रभावित हो चुकी होती है.  

    • कमजोर इम्‍यून सिस्‍टम: लंबे समय तक नींद की कमी के शिकार लोगों का इम्‍यून सिस्‍टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) कमजोर पड़ जाता है और वे इन्फेक्शन और रोगों का शिकार बनने लगते हैं.

    • वजन बढ़ना और मोटापा: कम नींद की वजह से शरीर में भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोनों की कार्यप्रणाली भी गड़बड़ा सकती है, जिसके कारण हर समय कुछ न कुछ खाते रहने की इच्छा होती है और इसके चलते आपका वजन बढ़ सकता है और आप मोटापे के शिकार बनते हैं।

    • हार्ट (कार्डियोवास्‍क्‍युलर) की सेहत के साथ खिलवाड़: पर्याप्त नींद नहीं लेने की वजह से हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और दूसरे कार्डियोवास्‍क्‍युलर परेशानियों के बढ़ने की आशंका बढ़ती है.  

    • मेटाबोलिक परेशानियां: नींद की कमी के कारण इंसुलिन सेंसिटिविटी गड़बड़ा सकती है, जिसके कारण टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है.

    • अर्ली-एजिंग (समय से पहले उम्रदराज दिखना): लंबे समय तक नींद की कमी रहने की वजह से त्वचा की प्रीमेच्योर एजिंग होने लगती है और शरीर की कोशिकाओं के भी तेजी से उम्रदराज होने (सेलुलर एजिंग) के अलावा हेल्थ संबंधी दूसरी परेशानियां बढ़ जाती है. 

    • सुरक्षा संबंधी जोखिम: नींद की कमी की वजह से अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार बनने और चोट लगने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं, जो शरीर का कोआर्डिनेशन और प्रतिक्रिया समय घटने की वजह से होता है.  

    • हार्मोनल असंतुलन: नींद हमारे शरीर के विभिन्न हार्मोनों को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और पर्याप्त नींद नहीं मिलने के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए परेशानी पैदा कर सकता है.  

    इसलिए यह जरूरी है कि आप स्लीप हाइजीन को प्राथमिकता दें और नींद के अनुकूल वातावरण तैयार करें ताकि आपको नियमित रूप से पर्याप्त आराम और नींद मिल सके. इसके बाद भी अगर नींद संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं, तो हेल्‍थकेयर प्रोफेशनल से इस बारे में सलाह लें.  

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  4. 4. क्या कहती हैं वीकेंड स्लीप से जुड़ी स्टडीज?

    रिसर्च और स्टडीज के नतीजों से यह पता चलता है कि वीकेंड पर रोजाना से अधिक नींद लेना, जिसे प्राय: ‘स्लीपिंग इन’ कहा जाता है, हफ्ते के बाकी दिनों नींद की कमी के चलते पैदा हुए नेगेटिव प्रभावों को कुछ हद तक कम कर सकता है. इसमें बेहतर कॉग्निटिव परफॉरमेंस, मूड और बेहतर हेल्थ शामिल है. लेकिन वीकेंड की नींद सिर्फ कुछ समय तक के लिए ही राहत पहुंचाती है, यह नियमित स्‍लीप शेड्यूल का विकल्प नहीं हो सकता है.

    डॉ. हरेश मेहता कहते हैं कि अधिकतर स्टडीज से पता चला है कि हेल्थ के संबंध में वीकेंड के दौरान नींद लेने से कोई लाभ नहीं होता है. हालांकि, हाल ही में, कुछ स्टडीज से ये भी पता चला है कि वीकेंड पर भरपूर नींद लेने से नींद की कमी के शिकार लोगों में वजन घटाने की प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है.

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  5. 5. हर दिन 7 घंटे से कम सो रहे हैं तो क्या करना चाहिए?

    सप्ताह के दिनों में लगातार 7 घंटे से कम सोते हैं, तो आपके हेल्थ के लिए नींद को प्राथमिकता देना आवश्यक है. बेहतर नींद को बढ़ावा देने के लिए गहरी सांस लेने या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों को शामिल करें. नींद की परेशानी बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह जरुर लें.

    "यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि वीकेंड पर अतिरिक्त नींद लेने से भी आप लंबे समय तक नींद की कमी की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते."
    डॉ. रवि शेखर झा, डायरेक्टर एंड एचओडी – पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद
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  6. 6. वीकेंड पर कितनी नींद लेने से पूरे सप्ताह भर के कम नींद की भरपाई हो सकती है?

    खोई हुई नींद को "पूरी" करने के लिए आवश्यक सटीक मात्रा व्यक्तिगत कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है.

    डॉ. अशोक के राजपूत के अनुसार, सामान्य तौर पर, वीकेंड के दौरान नींद पूरी करने से सप्ताह के दौरान नींद की कमी के कुछ प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है. आदर्श रूप से, वयस्कों को प्रति रात 7-9 घंटे की नींद का लक्ष्य रखना चाहिए और यदि उन्हें सप्ताह के दौरान कम नींद मिल रही है, तो वीकेंड में 1-2 अतिरिक्त घंटे जोड़ना फायदेमंद हो सकता है.

    "हालांकि ऐसा कोई सटीक फार्मूला नहीं है, जो यह बता सके कि आपको वीकडे के दौरान नींद में हुई कमी की भरपाई के लिए वीकेंड पर कितनी नींद लेनी चाहिए, लेकिन मोटे तौर पर आपको वीकेंड पर हर रात 1-2 घंटे अधिक सोने का लक्ष्य रखना चाहिए ताकि आप बाकी दिनों कम नींद की भरपाई कर पाएं."
    डॉ. रवि शेखर झा, डायरेक्टर एंड एचओडी – पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

    इसका मतलब यह है कि अगर आप सप्ताह के दिनों में 6 घंटे की नींद लेते हैं, तो आपको वीकेंड पर 7-8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखना चाहिए.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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क्या वीकेंड में देर तक सोने से सप्ताह भर की थकान से आराम मिलता है?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वीकेंड पर देर तक सोने से आपको स्‍थायी रूप से आराम मिलता है, लेकिन बेहतर विकल्प होता है, पूरे सप्ताह भर सोने-जागने का एक नियमित पैटर्न बनाना और उसका पालन करना. नियमित नींद से आपके शरीर की अंदरूनी घड़ी (इंटरनल क्‍लॉक) व्यवस्थित रहती है और इससे नींद की क्वालिटी भी बेहतर होती है.

"इसके उलट, अगर आप हमेशा नींद की कमी के शिकार हैं, तो उसका कारण समझने की कोशिश करें और हेल्दी स्‍लीप की आदत डालें, न कि सिर्फ वीकेंड पर बची-खुची नींद पूरी करने का प्रयास करें."
डॉ. रवि शेखर झा, डायरेक्टर एंड एचओडी – पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

दिल्ली, सी के बिरला हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसलटेंट- डॉ. अशोक के राजपूत कहते हैं कि निश्चित रूप से, वीकेंड पर सोने से सप्ताह भर की थकान से अस्थायी राहत मिल सकती है. हालांकि, ऑप्टीमल एनर्जी लेवल और हेल्थ के लिए पूरे सप्ताह लगातार अच्छी नींद सोना महत्वपूर्ण है. लेकिन वीकेंड पर अधिक सोना इसका सॉल्यूशन नहीं है.

मुंबई में कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. हरेश मेहता कहते हैं,

"इस बात के कम प्रमाण हैं कि वीकेंड पर अधिक समय तक नींद लेने से सप्ताह भर की थकान दूर हो जाती है. हालांकि, हाल के कुछ स्टडीज में वीकेंड की नींद से वजन को मैनेज करने में कुछ लाभ का पता चला है."
डॉ. हरेश मेहता, कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, पी डी हिंदूजा हॉस्पिटल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार

एक्सपर्ट्स के अनुसार, हमारा हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर ऐसी स्थितियों में बिगड़ जाते हैं. वास्तव में, वीकेंड के दौरान खोई हुई नींद की भरपाई करने का प्रयास इन उपायों को सामान्य स्थिति में वापस लाने के लिए अपर्याप्त है.

याद रखें, नियमित स्लीप पैटर्न आपकी सर्कैडियन रिदम को भी सपोर्ट करती है और इसके चलते आपके हेल्थ, मूड और कॉग्निटिव फंक्शनिंग में भी सुधार आता है.  

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क्या वीकेंड पर ज्यादा सोना सेफ और फायदेमंद है?

हाल ही में आए पेन स्टेट साइंटिस्ट्स की एक स्टडी के अनुसार, सप्ताह के दौरान नींद की कमी की भरपाई वीकेंड में सोने से नहीं की जा सकती है. यहां तक ​​कि हर रात केवल पांच घंटे की नींद भी दिल के हेल्थ पर नेगेटिव प्रभाव डालती है.

वीकेंड के दौरान नींद पूरी करने से पूरे सप्ताह में जमा हुए नींद की कमी को कम करके तत्कालीन लाभ मिल सकता है.

डॉ. रवि शेखर झा कहते हैं कि लंबे समय तक अनियमित नींद का पैटर्न, जैसे कि वीकेंड पर अधिक देर तक सोना और वीकडे-वीकेंड में सोने का अलग-अलग समय होना, आपके शरीर की प्राकृतिक सरकेडियन रिदम के साथ खिलवाड़ करता है और इस कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए पर्याप्त नींद लेना और पूरे हफ्ते भर एक नियमित स्‍लीप रूटीन का पालन करना आपके हेल्थ की दृष्टि से जरूरी होता है.

वीकेंड पर अधिक नींद से आप अपने नींद के पैटर्न में बाधा डालते हैं और इसका असर यह होता है कि हफ्ते के बाकी दिनों आपको नियमित सोने और जागने में परेशानी हो सकती है. 

डॉ. हरेश मेहता वीकेंड पर अधिक नींद लेने की वकालत नहीं करते हैं. वे कहते हैं कि वीकेंड पर 7-8 घंटे की नींद पर्याप्त है. वीकेंड पर अधिक नींद लेने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि अत्यधिक नींद से डिसऑर्डर जैसे कि डिप्रेशन हो सकता है.

"हालांकि, अत्यधिक वीकेंड की नींद नियमित नींद के पैटर्न को बाधित कर सकती है, जिससे शरीर की आंतरिक घड़ी प्रभावित हो सकती है. लंबे समय तक अनियमित नींद का शेड्यूल मोटापे और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है."
डॉ. अशोक के राजपूत, सीनियर कंसलटेंट, पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन, सी के बिरला अस्पताल (आर), दिल्ली

नींद की कमी से हो सकती हैं ये समस्याएं

हफ्ते के बाकी दिनों में पूरी नींद नहीं लेने से आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक असर पड़ता है. वो असर हो सकते हैं:  

  • कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट (संज्ञानात्मक बाधा): नींद की कमी का शिकार होने पर एकाग्रता, याददाश्त संबंधी समस्याएं, अलर्टनैस में कमी और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होने जैसी परेशानियां होती हैं.

  • मूड में गड़बड़ी: नींद की कमी के चलते मूड में चिड़चिड़ापन, उतार-चढ़ाव और दूसरे मूड से जुड़े विकार जैसे कि एंजाइटी और स्ट्रेस भी घेरने लगता है.  

  • कार्य प्रदर्शन में बाधा: नींद की कमी से जूझने वाले लोग अक्सर कार्य के दौरान गड़बड़ी कर जाते हैं, जैसे ड्राइविंग करते हुए कोई गलती हो सकती है, क्योंकि उनका प्रतिक्रिया समय और निर्णय लेने की क्षमता पर्याप्त नींद नहीं लेने की वजह से प्रभावित हो चुकी होती है.  

  • कमजोर इम्‍यून सिस्‍टम: लंबे समय तक नींद की कमी के शिकार लोगों का इम्‍यून सिस्‍टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) कमजोर पड़ जाता है और वे इन्फेक्शन और रोगों का शिकार बनने लगते हैं.

  • वजन बढ़ना और मोटापा: कम नींद की वजह से शरीर में भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोनों की कार्यप्रणाली भी गड़बड़ा सकती है, जिसके कारण हर समय कुछ न कुछ खाते रहने की इच्छा होती है और इसके चलते आपका वजन बढ़ सकता है और आप मोटापे के शिकार बनते हैं।

  • हार्ट (कार्डियोवास्‍क्‍युलर) की सेहत के साथ खिलवाड़: पर्याप्त नींद नहीं लेने की वजह से हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और दूसरे कार्डियोवास्‍क्‍युलर परेशानियों के बढ़ने की आशंका बढ़ती है.  

  • मेटाबोलिक परेशानियां: नींद की कमी के कारण इंसुलिन सेंसिटिविटी गड़बड़ा सकती है, जिसके कारण टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है.

  • अर्ली-एजिंग (समय से पहले उम्रदराज दिखना): लंबे समय तक नींद की कमी रहने की वजह से त्वचा की प्रीमेच्योर एजिंग होने लगती है और शरीर की कोशिकाओं के भी तेजी से उम्रदराज होने (सेलुलर एजिंग) के अलावा हेल्थ संबंधी दूसरी परेशानियां बढ़ जाती है. 

  • सुरक्षा संबंधी जोखिम: नींद की कमी की वजह से अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार बनने और चोट लगने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं, जो शरीर का कोआर्डिनेशन और प्रतिक्रिया समय घटने की वजह से होता है.  

  • हार्मोनल असंतुलन: नींद हमारे शरीर के विभिन्न हार्मोनों को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और पर्याप्त नींद नहीं मिलने के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए परेशानी पैदा कर सकता है.  

इसलिए यह जरूरी है कि आप स्लीप हाइजीन को प्राथमिकता दें और नींद के अनुकूल वातावरण तैयार करें ताकि आपको नियमित रूप से पर्याप्त आराम और नींद मिल सके. इसके बाद भी अगर नींद संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं, तो हेल्‍थकेयर प्रोफेशनल से इस बारे में सलाह लें.  

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क्या कहती हैं वीकेंड स्लीप से जुड़ी स्टडीज?

रिसर्च और स्टडीज के नतीजों से यह पता चलता है कि वीकेंड पर रोजाना से अधिक नींद लेना, जिसे प्राय: ‘स्लीपिंग इन’ कहा जाता है, हफ्ते के बाकी दिनों नींद की कमी के चलते पैदा हुए नेगेटिव प्रभावों को कुछ हद तक कम कर सकता है. इसमें बेहतर कॉग्निटिव परफॉरमेंस, मूड और बेहतर हेल्थ शामिल है. लेकिन वीकेंड की नींद सिर्फ कुछ समय तक के लिए ही राहत पहुंचाती है, यह नियमित स्‍लीप शेड्यूल का विकल्प नहीं हो सकता है.

डॉ. हरेश मेहता कहते हैं कि अधिकतर स्टडीज से पता चला है कि हेल्थ के संबंध में वीकेंड के दौरान नींद लेने से कोई लाभ नहीं होता है. हालांकि, हाल ही में, कुछ स्टडीज से ये भी पता चला है कि वीकेंड पर भरपूर नींद लेने से नींद की कमी के शिकार लोगों में वजन घटाने की प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है.

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हर दिन 7 घंटे से कम सो रहे हैं तो क्या करना चाहिए?

सप्ताह के दिनों में लगातार 7 घंटे से कम सोते हैं, तो आपके हेल्थ के लिए नींद को प्राथमिकता देना आवश्यक है. बेहतर नींद को बढ़ावा देने के लिए गहरी सांस लेने या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों को शामिल करें. नींद की परेशानी बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह जरुर लें.

"यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि वीकेंड पर अतिरिक्त नींद लेने से भी आप लंबे समय तक नींद की कमी की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते."
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डॉ. अशोक के राजपूत के अनुसार, सामान्य तौर पर, वीकेंड के दौरान नींद पूरी करने से सप्ताह के दौरान नींद की कमी के कुछ प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है. आदर्श रूप से, वयस्कों को प्रति रात 7-9 घंटे की नींद का लक्ष्य रखना चाहिए और यदि उन्हें सप्ताह के दौरान कम नींद मिल रही है, तो वीकेंड में 1-2 अतिरिक्त घंटे जोड़ना फायदेमंद हो सकता है.

"हालांकि ऐसा कोई सटीक फार्मूला नहीं है, जो यह बता सके कि आपको वीकडे के दौरान नींद में हुई कमी की भरपाई के लिए वीकेंड पर कितनी नींद लेनी चाहिए, लेकिन मोटे तौर पर आपको वीकेंड पर हर रात 1-2 घंटे अधिक सोने का लक्ष्य रखना चाहिए ताकि आप बाकी दिनों कम नींद की भरपाई कर पाएं."
डॉ. रवि शेखर झा, डायरेक्टर एंड एचओडी – पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद

इसका मतलब यह है कि अगर आप सप्ताह के दिनों में 6 घंटे की नींद लेते हैं, तो आपको वीकेंड पर 7-8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखना चाहिए.

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