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देशभर में ऑक्सीजन प्रोडक्शन और ट्रैवल को लेकर की जा रहीं तमाम कोशिशों के बावजूद, ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. देश में ऑक्सीजन की कमी की समस्या से मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा. 11 मई को ऑक्सीजन की कमी से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गोवा में कई कोविड मरीजों की जान चली गई. अब तक 200 के करीब मरीज ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर में श्री वेंकटेश्वरा रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकर देरी से पहुंचने की वजह से 11 कोविड मरीजों की मौत हो गई. ये सभी मरीज वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे. चित्तूर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर एम हरी नारायण ने कहा कि लो प्रेशर ऑक्सीजन की वजह से हादसा हुआ.
तेलंगाना के हैदराबाद में 10 मई को दो घंटे की सप्लाई कट की वजह से सात मरीजों की मौत हो गई. हालांकि, प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है. ये एक डेडिकेटेड कोविड फैसिलिटी है, जिसमें 300 ऑक्सीजन बेड और 50 ICU बेड हैं. NDTV की रिपोर्ट का कहना है कि दोपहर 3 बजे ऑक्सीजन सप्लाई कट हो गई थी.
गोवा के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर में 11 मई की सुबह 2 से 6 बजे के बीच 26 मरीजों की मौत हो गई. मरीजों की मौत पर तुरंत ही राजनीति भी शुरू हो गई. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाईकोर्ट द्वारा जांच की मांग करते हुए कहा कि ये मौतों ऑक्सीजन की कमी के चलते हो सकती हैं.
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के एक अस्पताल में 3 मई को ऑक्सीजन सप्लाई में परेशानी आने से 24 कोविड मरीजों की जान चली गई. जिले के चामराजनगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) में 3 मई की सुबह मेडिकल ऑक्सीज की सप्लाई में दिक्कत आने से वेंटीलेटर सपोर्ट पर 24 कोरोना वायरस मरीजों की मौत हो गई.
बेंगलुरु में 4 मई की सुबह ऑक्सीजन की कमी से दो कोविड मरीजों की जान चली गई. द न्यूज मिनट के मुताबिक, अर्का अस्पताल ने 3 मई की शाम ऑक्सीजन को लेकर मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन जब तक मदद पहुंची, तब तक दो जानें जा चुकी थीं.
महाराष्ट्र के नासिक में 21 अप्रैल को ऑक्सीजन गैस लीक की वजह से अस्पताल में 22 मरीजों की मौत हो गई. नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में टैंकर भरे जा रहे थे, तभी एक ऑक्सीजन टैंकर लीक हो गया.
हरियाणा के गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में 1 मई की सुबह पांच कोविड मरीजों की मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि मौतें ऑक्सीजन की कम सप्लाई और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है. पुलिस ने हालांकि परिजनों के आरोप को नकारते हुए कहा कि शुक्रवार रात और शनिवार सुबह ही अस्पताल में ऑक्सीजन भेजा गया था.
पंजाब के अमृतसर में 24 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी से छह क्रिटिकल मरीजों की मौत हो गई. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतसर के नीलकंठ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में ऑक्सीम खत्म हो जाने से मरीजों की जान चली गई. मृतकों में दो मरीज गुरदासपुर जिले, तीन अमृतसर और एक तरन तारन से थे.
तमिलनाडि के चेंगलपट्टू सरकारी अस्पताल में 4 मई को ऑक्सीजन की कमी से 13 कोविड मरीजों की मौत हो गई. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के डीन ने कहा कि टैंक में ऑक्सीजन था, जिससे कोविड वॉर्ड के 300 मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था, लेकिन इसमें पर्याप्त प्रेशर नहीं था.
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