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Supertech Twin Towers Demolition Live Updates: नोएडा (Noida) सेक्टर 93-A स्थित एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) में बना सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) ध्वस्त हो गया है. चंद सेकेंड्स में 30 मंजिला दो इमारतें जमींदोज हुईं. 3700 किलोग्राम विस्फोटक के जरिए इमारत को ढहाया गया. ट्विन टावर के धराशायी होने बाद धूल और धुएं का जबरदस्त गुबार उठा. बताया जा रहा है कि करीब दो घंटे तक धूल का गुबार हवा में रहेगा. वहीं आसपास के लोगों को हटाया गया है. हेल्थ इमरजेंसी के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया है.
नोएडा Supertech Twin Towers ध्वस्त
चंद सेकेंड में 30 मंजिला ऊंची इमारतें जमींदोज
आसमान में उठा धुएं और धूल का जबरदस्त गुबार
NDRF के साथ पुलिस और रिजर्व फोर्स मौके पर तैनात
इमरजेंसी के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया
आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं- प्रशासन
उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. आज दोपहर 2:30 बजे दोनों टावरों को ध्वस्त किया जाएगा. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. पुलिस ट्विन टावर के आसपास मौजूद लोगों को वहां से निकालने में जुटी है. इसके साथ ही आम जनता की सुरक्षा के लिए एक ट्रैफिक एडवाइजरी / डायवर्जन योजना जारी की है.
नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता की सुरक्षा के लिए एक ट्रैफिक एडवाइजरी / डायवर्जन योजना जारी की है. जिसमें बताया गया कि कौन से रोड पूरी तरह से बंद रहेंगे और किन लोगों को डायवर्ट किया जाएगा.
इसके साथ ही पुलिस सेक्टर 93-A नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर्स के आसपास के क्षेत्र को खाली कराया जा रहा है. सुबह से ही पुलिस की टीम लोगों से निकलने की अपील कर रही है
3700 टन बारूद से मात्र 9 सेकेंड में दोनों टॉवर जमींदोज हो जाएंगे. ये टॉवर उस वक्त सिर्फ 70 करोड़ रुपए में बनकर खड़े हुए थे और आज इन्हें गिराने में ही करीब 20 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो रहे हैं. आइये जानते हैं, इस भ्रष्टाचार की बुनियाद कैसे रखी गई ?
सुपरटेक ट्विन टावर डेमोलिशन के मद्दे नजर नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया है. ये रास्त आज सुबह 7 बजे से तोड़फोड़ पूरा होने/सामान्य होने तक बंद रहेंगे.
एटीएस तिराहा से गेझा फल/सब्जी मंडी तिराहा का रूट
एल्डिको चौक से सेक्टर 108 . तक डबल रोड व सर्विस रोड
श्रमिक कुंज चौक से सेक्टर 92 रतिराम चौक तक दोहरा मार्ग
श्रमिक कुंज चौक से सेक्टर 132 फरीदाबाद फ्लाईओवर की ओर
सेक्टर 128 से श्रमिक कुंज चौक फरीदाबाद फ्लाईओवर की ओर
सेंट्रल नोएडा डीसीपी राजेश एस ने बताया कि 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और एनडीआरएफ टीम तैनात की गई है. ट्रैफिक डायवर्जन प्वाइंट सक्रिय हैं.
डीसीपी राजेश एस ने बताया कि एक्सप्रेसवे को विस्फोट से ठीक पहले दोपहर करीब 2.15 बजे बंद किया जाएगा. ब्लास्ट के आधे घंटे बाद ही धूल जमने के बाद इसे खोल दिया जाएगा. इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे हैं. ट्रैफिक विशेषज्ञ हमारे साथ यहां सभी भीड़भाड़ वाले बिंदुओं पर नजर रख रहे हैं.
नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले ट्रैफिक को महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर 37 की ओर डायवर्ट किया जाएगा. यह ट्रैफिक सिटी सेंटर, सेक्टर 71 होते हुए गंतव्य की ओर जाएगा.
नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे जाने वाले ट्रैफिक को फिल्मसिटी फ्लाईओवर से एलिवेटेड रोड पर डायवर्ट किया जाएगा. यह ट्रैफिक एलिवेटेड रोड से सेक्टर 60 और सेक्टर 71 होते हुए अपने गंतव्य की ओर जाएगा.
नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाला ट्रैफिक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे और सर्विस रोड के फरीदाबाद फ्लाईओवर से पहले सेक्टर 82 कट के सामने पूरी तरह बंद रहेगा. यह ट्रैफिक गेझा टीपॉइंट, फेज-2 से गंतव्य की ओर जाएगा.
ग्रेटर नोएडा से नोएडा/दिल्ली की ओर जाने वाले ट्रैफिक को परी चौक से सूरजपुर की तरफ डायवर्ट किया जाएगा. यह ट्रैफिक सूरजपुर, यामाहा, फेज-2 या बिसरख, किसान चौक होते हुए गंतव्य की ओर जाएगा.
यमुना एक्सप्रेस-वे/ग्रेटर नोएडा से नोएडा/दिल्ली जाने वाले ट्रैफिक को यमुना एक्सप्रेस-वे पर जीरो पॉइंट से परी चौक की ओर डायवर्ट किया जाएगा. यह ट्रैफिक परी चौक, सूरजपुर, यामाहा, फेज-2 या बिसरख, किसान चौक होते हुए गंतव्य की ओर जाएगा.
यमुना एक्सप्रेसवे/ग्रेटर नोएडा से नोएडा/दिल्ली जाने वाला यातायात नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के सामने और सेक्टर 132 में सर्विस रोड के सामने पूरी तरह से बंद रहेगा. यह यातायात सेक्टर 132 के अंदर पुस्ता रोड से गंतव्य की ओर जाएगा.
एनएसईजेड (NSEZ) से एल्डिको चौक से सेक्टर 108 जाने वाले ट्रैफिक को एल्डिको चौक से पंचशील अंडरपास की ओर डायवर्ट कर गंतव्य की ओर भेजा जाएगा.
सेक्टर 92 चौक से एनएसईजेड (NSEZ), सेक्टर 83 से आने वाले श्रमिक कुंज की ओर जाने वाले ट्रैफिक को एल्डिको चौक से पंचशील अंडरपास की ओर डायवर्ट कर गंतव्य के लिए भेजा जाएगा.
सेक्टर 93 चौक से श्रमिक कुंज होते हुए सेक्टर 105 की ओर से आने वाला ट्रैफिक, सेक्टर 92 की ओर जाने वाले ट्रैफिक को सेक्टर 108 चौक से गेझा टीपॉइंट की ओर डायवर्ट कर अपने गंतव्य के लिए भेजा जाएगा.
हाजीपुर, सेक्टर 105, 108 से एल्डिको चौक से होकर सेक्टर 83, एनएसईजेड फेज-2 की ओर जाने वाले ट्रैफिक को सेक्टर 105 और सेक्टर 108 चौक से गेझा तिराहा की ओर गंतव्य की ओर डायवर्ट किया जाएगा.
सेक्टर 82, श्रमिक कुंज से फरीदाबाद फ्लाईओवर का इस्तेमाल करके सेक्टर 132 की ओर जाने वाले ट्रैफिक को सेक्टर 108 यू-टर्न से सेक्टर 108, 105 की ओर डायवर्ट कर गंतव्य के लिए भेजा जाएगा.
फरीदाबाद फ्लाईओवर से सेक्टर 132 से सेक्टर 82 की ओर आने वाले ट्रैफिक को फ्लाईओवर से पहले सेक्टर 128 की ओर डायवर्ट कर गंतव्य के लिए भेजा जाएगा.
ट्रैफिक पुलिस ने पार्किंग के लिए की गई व्यवस्था को भी शेयर किया है, जिसमें एटीएस विलेज और सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासी, जो कि ट्विन टावरों के आसपास स्थित हैं, अपने वाहनों को बॉटनिकल गार्डन मल्टी लेवल पार्किंग और न्यू बस स्टैंड सेक्टर 82 में पार्क कर सकते हैं.
सुपरटेक ट्विन टावर ध्वस्त करने से पहले इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है.
नोएडा DCP ट्रैफिक ने बताया कि ब्लास्ट के मद्दे नजर इमरजेंसी रूट बनाया है ताकि इमरजेंसी होने पर ग्रीन कॉरिडोर से ले जाया जा सके. सब कुछ सेट है तो कोई दिक्कतें नहीं आएंगी. सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है. हमने पहले से ही डायवर्जन शेयर किया था इसलिए ट्रैफिक की भी कोई दिक्कत नहीं है.
नोएडा में आज ट्विन टावर (Twin Tower) को ध्वस्त किया जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. भारत के सबसे ऊंचे ट्विन टावर को मलबे के ढेर में बदलने में मात्र 9 सेकेंड लगेंगे. ट्विन टावर में कुल 915 फ्लैट और 21 दुकानें है, जिसे 3700 किलो विस्फोटक के मदद से ध्वस्त किया जाएगा.
डेमोलिशन साइट पर एक विशेष डस्ट मशीन लगाई गई है. यह मशीन प्रदूषण स्तर को मापेगी.
जानकारी के मुताबिक सवा दो बजे एक्सप्रेस वे को बंद कर दिया जाएगा. इसे ब्लास्ट के बाद धूल बैठने के करीब आधे घंटे बाद खोले जाने की सूचना है.
नोएडा ट्विन टावर्स के आसपास की दो सोसाइटी को खाली करवाया लिया गया है. सभी को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. वहीं सोसाइटी के गार्ड्स करीब 1 बजे वहां से निकलेंगे.
नवंबर 2004 में, न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने एक हाउसिंग सोसाइटी के निर्माण के लिए सेक्टर 93 ए में सुपरटेक को जमीन का एक भूखंड आवंटित किया.
2005 में न्यू ओखला औद्योगिक विकास क्षेत्र भवन विनियम और निर्देश, 1986 के तहत भवन योजना को मंजूरी मिली. जिसके तहत कुल 14 टावरों और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण को मंजूरी दी गई थी.
सुपरटेक लिमिटेड ने नवंबर 2005 में एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) नाम से एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण शुरू किया.
जून 2006 में सुपरटेक को उन्हीं शर्तों के तहत अतिरिक्त जमीन आवंटित की गई.
दिसंबर 2006 में 11 फ्लोर के 15 टावरों में कुल 689 फ्लैट्स के निर्माण के लिए प्लान में बदलाव किया गया.
2009 में सुपरटेक ने नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलीभगत कर ट्विन टावर का निर्माण शुरू कर दिया. ये T-16 और T-17 (Apex और Ceyane) टावर थे.
इसे लेकर वहां के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने विरोध करना शुरू कर दिया. क्योंकि उनकी सोसाइटी के ठीक सामने, जिसे नोएडा अथॉरिटी ने पहले ग्रीन बेल्ट बताया था, वहां ये विशालकाय टावर खड़े हो रहे थे.
सुपरटेक ट्विन टावरों के निर्माण के दौरान अग्नि सुरक्षा मानदंडों और खुले स्थान के मानदंडों का भी उल्लंघन किया गया था.
इन टावरों के निर्माण के दौरान NBR 2006 और NBR 2010 का उल्लंघन किया गया था. जिसके मुताबिक इन बिल्डिंगों के निर्माण के दौरान पास की अन्य बिल्डिंगों के बीच उचित दूरी का खयाल नहीं रखा गया था.
नेशनल बिल्डिंग कोड (NBC), 2005 को भी ताक पर रखकर इनका निर्माण किया गया. NBC 2005 के मुताबिक ऊंची इमारतों के आसपास खुली जगह का प्रावधान है. टावर T-17 से सटे खुली जगह लगभग 20 मीटर होनी चाहिए थी, 9 मीटर का स्पेस गैप उससे काफी कम है.
सुपरटेक ट्विन टावर्स (T-16 और T-17) का निर्माण यूपी अपार्टमेंट्स एक्ट का भी उल्लंघन है. चूंकि मूल योजना में बदलाव किया गया था, लेकिन बिल्डरों ने मूल योजना के खरीदारों की सहमति नहीं ली थी.
जिस एरिया को सुपरटेक ने अपने ग्राहकों को पहले ग्रीन एरिया में दिखाया था, बाद में धोखे से उसी में दो बड़ा टावर खड़े कर दिए गए. ब्रॉशर में ग्रीन एरिया देखकर घर खरीदने वालों के लिए ये एक ठगी से कम नहीं था.
सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्त होने में 5 घंटे से भी कम का समय बचा है. तस्वीरें आज सुबह की हैं.
मौके पर मौजूद वॉलंटियर्स विध्वंस से पहले आवारा कुत्तों को निकालने में मदद कर रहे हैं.
PTI के मुताबिक सुपरटेक ट्विन टावर से सटे सोसाइटी में गैस और बिजली कनेक्शन काट दिया गया है. धमाके से पहले ऐहतियातन सोसाइटी को भी पूरी तरह से खाली करवा लिया गया है.
साल 2022 के मार्च में सुपरटेक कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने दिवालिया घोषित कर दिया था. सुपरटेक नाम से कई कंपनी हैं जो आरके अरोड़ा की ही हैं लेकिन यहां जो कंपनी दिवालिया हुई है वह रियल एस्टेट में काम करने वाली सुपरटेक है जिसने ट्विन टावरों का निर्माण किया है.
बता दें कि सुपरटेक पर करीब 432 करोड़ रुपये का कर्ज है. जो कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बने बैंक के कंसोशिर्यम से लिया गया था. कर्ज नहीं चुकाने पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने कंपनी के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसके बाद NCLT ने बैंक की याचिका स्वीकार कर इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया का आदेश दिया था.
सुपरटेक ट्विन टावर के पास दो हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले करीब 5,000 लोगों को निकालने का काम पूरा हो गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी के निवासियों को सुबह सात बजे तक निकालना था, लेकिन इसमें थोड़ा अधिक समय लग गया.
सुपरटेक ट्विन टावर ढहाने से पहले AQI 30 के अंदर है.
नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर गिराए जाने से पहले NDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है. जानकारी के मुताबिक 560 पुलिसकर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 कर्मी, औक 4 क्विक रिस्पांस टीम को भी यहां तैनात किया गया है.
नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के लिए 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है. टावर में 9642 जगहों पर विस्फोटक लगाए गए हैं. ये विस्फोटक कॉलम में और दीवारों में भरे गए हैं.
10 किलोमीटर तक टावर के ऊपर नो फ्लाई जोन रहेगा.
तीन बार काउंटडाउन साइरन बजेगा.
डेमोलिशन से पहले आसपास आवाजाही बंद कर दी जाएगी.
नोएडा एक्सप्रेस वे पर पर ट्रैफिक रोका जाएगा.
सुपरटेक के ट्विन टावर्स के खिलाफ सोसाइटी के चार लोगों ने लंबी कोर्ट की लड़ाई लड़ी. जिन्होंने अपने रिटायरमेंट के दिन चैन से बिताने के लिए यहां फ्लैट खरीदा था. उदयभान सिंह तेवतिया ने एसके शर्मा, रवि बजाज और एमके जैन के साथ मिलकर बरसों लंबी चली इस जंग को बिल्डर से जीता.
उदय भान सिंह तेवतिया 79 साल के हैं और इस वक्त नोएडा के सेक्टर 93-ए में ही रहते हैं. इन्होंने इस पूरी लड़ाई को लीड किया था. उदययभान सिंह CISF के रिटायर्ड DIG हैं.
एसके शर्मा अभी 74 साल के हैं और उदय भान सिंह तेवतिया के साथ RWA में काम कर रहे हैं. एसके शर्मा भी नोएडा के सेक्टर 93-ए में ही रहते हैं. वो टेलिकॉम डिपार्टमेंट से डिप्टी डीजी के पद पर रिटायर हुए हैं.
रवि बजाज सुपरटेक के साथ लड़ाई लड़ने वाले तीसरे शख्स हैं. इनकी उम्र 65 साल है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिटायर हैं.
एमके जैन सुपरटेक के खिलाफ लड़ने वालों में सबसे कम उम्र के थे. उनका 59 साल की उम्र में पिछले साल कोरोना के चलते निधन हो गया. ये भी नोएडा के सेक्टर 93-ए में ही रहते थे.
ट्विन टावर्स के विध्वंस पर एमराल्ड कोर्ट RWA अध्यक्ष और याचिकाकर्ता यूबीएस तेवतिया ने कहा कि 10 साल की लड़ाई के बाद अगर जीत मिलती है तो उसका कितना आनंद आता है वो हर आदमी जानता है. हमने 2012 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. विध्वंस के दीर्घकालिक लाभ 3 महीने में दिखाई देंगे.
सुपरटेक ट्विन टावर गिराने से पहले वाइब्रेशन मापने के लिए 15 इंस्टूमेंट लगाए गए हैं. ये इंस्टूमेंट ट्विन टावर और उसके आसपास सोसायटी में लगाए जाएंगे. 1:45 मिनट तक सभी इंस्टूमेंट को लगाकर सोसायटी और ट्विन टावर को पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा. पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और जॉइंट कमिश्नर लव कुमार मौके पर पहुंच चुके हैं. जॉइंट कमिश्नर लव कुमार ने कहा कि पूरी तैयारी हो चुकी है. रेड जोन के अंदर किसी को आने की अनुमति नहीं है.
सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के लिए कमांड पोस्ट बनाया गया है. इस पोस्ट के 5 मीटर पीछे से ट्रिगर प्रेस किया जाएगा.
ट्रैफिक डायवर्जन के लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 99710 09001 जारी किया है.
नोएडा में ट्विन टावर गिराए जाने से पहले सुपरटेक का बयान आया है. सुपरटेक की ओर से कहा गया है कि दोनों टावरों का निर्माण तत्कालीन नियमों के तहत ही किया गया था. इन टावरों के निर्माण में बिल्डिंग प्लान में कोई बदलाव नहीं किया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही नहीं पाया और गिराने के आदेश दिए हैं.
इसके साथ ही सुपरटेक की ओर से कहा गया है कि हमने अब तक 70000 से ज्यादा घरों की डिलीवरी दी है. हम ग्राहकों को समय पर डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने में डेढ़ घंटे से भी कम का समय बचा है. इसके लिए एक कमांड सेंटर बनाया गया है, जिसे टावरों के सामने फ्लाईओवर पर पार्क किया गया है. विस्फोट से पहले कमांड सेंटर से अधिकारियों ने टावरों का निरीक्षण किया.
सुपरटेक ट्विन टावर में विस्फोट से पहले आसपास की बिल्डिंगों को ढक दिया गया है.
सीपी नोएडा आलोक कुमार ने कहा कि अभी तक सारी स्थिति सामान्य है. हम पूरी तरह से तैयार हैं और हम कॉउन डॉउन की तरफ बढ़ रहे हैं.
सुपरटेक ट्विन टावर गिरने में अब 1 घंटे से भी कम का समय बचा है. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. रेड जोन पूरी तरह से खाली करवा लिया गया है. दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर को गिराया जाएगा.
Supertech Twin Towers Demolition की तैयारी पूरी हो गई है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों की प्रशासन से कई शिकायते हैं, लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. कई अपना घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर रहने को मजबूर हैं तो वहीं कुछ लोग होटलों में रह रहे हैं. क्विंट की टीम ने जब लोगों से बात की तो उन्होंने अपनी दिक्कतें शेयर करते हुए बताया कि कैसे अपनी सुरक्षा के लिए लोगों ने खुद ही इंतजाम किया
सुपरटेक ट्विन टावर को गिराए जाने में बस कुछ और मिनटों का वक्त बचा है. इस बीच मौके पर पुलिस और NDRF के आला अधिकारी मौजूद हैं. IPS लव कुमार ने NDRF के अधिकारियों से बातचीत की.
सुपरटेक ट्विन टावर को ढहाने में 30 मिनट से भी कम का समय बचा है. बिल्डिंग के गिराने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ के मुताबिक सुपरटेक ट्विन टावर गिरेंगे तो महसूस होगा 2.5 रिक्टर स्केल का कंपन. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि सिंक होल भी बन सकते हैं. विशेषज्ञ का कहना है कि धूल को रोकने के लिए वायुसेना के कम से कम दो हेलिकॉप्टर लगाए जाने चाहिए थे.
सुपरटेक ट्विन टावर ध्वस्त हो गया है. विस्फोट के जरिए 30 मंजिला इमारतों को गिराया गया है. इमारत ढहाने के बाद पूरे इलाके में धूल का गुबार छा गया है. पुलिस और प्रशासन की टीम स्थिति पर नजर बनाए हुए है. इसके साथ ही पौने तीन बजे तक नोएडा एक्सप्रेस-वे को भी बंद कर दिया गया है.
नोएडा के सेक्टर 93A में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को गिरा दिया गया है. विस्फोट के चंद सेकेंड में 30 मंजिला इमारत जमींदोज हो गई. 3700 किलोग्राम विस्फोटक के जरिए इमारत को ढहाया गया. देखते ही देखते गगनचुंबी इमारत अब मलबे में तब्दील हो चुका है. ट्विन टावर के धराशायी होने बाद धूल का जबरदस्त गुबार उठा. बताया जा रहा है कि करीब दो घंटे तक धूल का गुबार हवा में रहेगा. वहीं आसपास के लोगों को हटाया गया है. हेल्थ इमरजेंसी के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया है.
सुपरटेक ट्विन टावर गिरने के बाद आसमान में धूल के बादल छाए गए हैं.
नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने कहा है कि "आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है. हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा."
नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने कहा है कि "आसपास सफाई की जा रही है, क्षेत्र में गैस और बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी जबकि शाम 6.30 बजे के बाद लोगों को पड़ोस की सोसायटियों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी."
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा है कि "विध्वंस से पहले और बाद का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) डेटा लगभग समान है, शाम 7 बजे के आसपास, आसपास के खाली सोसाइटियों के निवासियों को अपने घरों में वापस जाने की अनुमति दी जाएगी. यहां लगभग 100 पानी के टैंकर और 300 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं."
नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी ने पुष्टि की है कि मलबे की चपेट में आने से पास की ATS सोसायटी की 10 मीटर की चारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई है.
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