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Azamgarh Rampur उपचुनाव: कांग्रेस ने छोड़ी सीट-BSP भी पीछे, SP-BJP किसे फायदा?

Azamgarh में कांग्रेस के करीब 14 से 17 हजार और Rampur  में 35 हजार वोटर हैं.

विकास कुमार
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>Azamgarh Rampur By-Election: Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav</p></div>
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Azamgarh Rampur By-Election: Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav

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कांग्रेस रामपुर (Rampur election) और आजमगढ़ (Azamgarh election) लोकसभा उपचुनाव में बैकफुट पर आ गई है. यूपी कांग्रेस कमेटी के तरफ से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि पार्टी रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनावों में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी. इससे पहले बीएसपी ने भी घोषणा की थी कि वह रामपुर से प्रत्याशी नहीं उतारेगी, लेकिन आजमगढ़ से चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों की घोषणा के बाद समझना जरूरी हो जाता है कि ऐसा करने के पीछे वजह क्या है और चुनाव न लड़ने से किसे फायदा मिलेगा?

कांग्रेस ने कहा-विधानसभा के नतीजों को देखकर फैसला लिया

कांग्रेस ने कहा कि विधानसभा के नतीजों को देखते हुए यह जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस स्वयं का पुनर्निर्माण करे, जिससे कि 2024 के आम चुनाव में स्वयं को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश कर सके. वहीं बीएसपी ने कहा था,

यूपी में आगामी 23 जून को होने वाले दो लोकसभा उप-चुनाव में से एक सीट को पूरी दमखम के साथ लड़ने का फैसला लिया है. वह सीट आजमगढ़ है. लेकिन दूसरी रामपुर लोकसभा सीट पर पार्टी यह उप-चुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि इस सीट को अभी और मजबूत बनाने की जरूरत है, जिसे 2024 के लोकसभा चुनाव में जरूर लड़ा जाएगा. साथ ही इस सीट पर पार्टी किसी को भी अपना समर्थन नहीं देगी.

कांग्रेस और बीएसपी की बातों में एक पॉइंट कॉमन है कि दोनों 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी का हवाला दे रही हैं. दोनों पार्टियों का कहना है कि अभी और ज्यादा तैयारी की जरूरत है. इसलिए प्रत्याशी नहीं उतार रहे हैं.

आजमगढ़ में कांग्रेस के पास सिर्फ 17 हजार वोट बचे-फायदा किसे मिलेगा?

साल 2019 में लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ा था, क्योंकि तब वह एसपी के साथ थी. लेकिन उससे पहले 2014 में आजमगढ़ के कुल 17 लाख वोटर्स में से कांग्रेस को 17 हजार वोट मिले थे. यानी कुल पड़े वोट का 1.9%. वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में 15 लाख वोटर्स थे, जिसमें से कांग्रेस को 31 हजार (4.4%) वोट मिले थे.

2004 के लोकसभा चुनाव में 14 लाख वोटर्स में से कांग्रेस को 97 हजार (13.7%) वोट मिले थे. तब राम नरेश यादव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. तीसरे नंबर पर थे.

अब सवाल आता है कि आजमगढ़ में कांग्रेस वोटर कहां जा सकता है? अभी पार्टी ने किसी का समर्थन करने का ऐलान नहीं किया है. ऐसे में अगर पार्टी वोटर्स को फ्री छोड़ती है तो एसपी के अलावा बीएसपी और बीजेपी के साथ जाने से शायद ही परहेज करे. यानी किसी एक पार्टी को फायदा होता नहीं दिख रहा है. इस सीट से बीएसपी के मुस्लिम उम्मीदवार गुड्डू जमाली और बीजेपी ने यादव कार्ड खेलते हुए दिनेश लाल को टिकट दिया है.

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रामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने साल 2019 में संजय कुमार को टिकट दिया था, उन्हें 16 लाख में से 35 हजार (3.3%) वोट मिले थे. 2014 में कांग्रेस को 16 लाख में से 1 लाख 56 हजार (16.4%) वोट मिले थे. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी. उसे 11 लाख में से करीब दो लाख वोट मिले थे. साल 2004 में कांग्रेस को दो लाख से ज्यादा वोट मिले थे.

अबकी बार रामपुर सीट से कांग्रेस लोकसभा का उपचुनाव नहीं लड़ रही है. यहां कांग्रेस का 35 हजार वोटर माना जा सकता है. इस सीट से बीएसपी भी चुनाव नहीं लड़ रही है. ऐसे में कांग्रेस वोटर्स के पास एसपी और बीजेपी का विकल्प है. पिछले कुछ चुनावों के ट्रेंड देखें तो इन वोटर्स का ज्यादा फायदा एसपी को मिल सकता है.

रामपुर में बीएसपी का 81 हजार से कम वोट- अबकी बार कहां जा सकते हैं?

बीएसपी की स्थिति देखी जाए तो रामपुर से वह कभी भी लोकसभा का चुनाव नहीं जीत सकी. 2019 में रामपुर से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया. 2014 में अकबर हुसैन को टिकट दिया, तो उन्हें 16 लाख में से 81 हजार वोट मिले. चौथे नंबर पर थे.

2009 में बीएसपी को रामपुर सीट से 95 हजार वोट मिले थे. ये कुल पड़े वोट का 15% था. 2004 में बीएसपी को 1 लाख 26 हजार वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रही.

यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगा. कई सर्वे में ये बात सामने आई कि मायावती का कोर वोटर कहा जाने वाला जाटव समुदाय बीजेपी की तरफ शिफ्ट हुआ है. बीजेपी की सीट और वोट प्रतिशत बढ़ने में जाटव वोटर की बड़ी भूमिका रही. रामपुर में 13% एससी समुदाय के लोग हैं. अगर विधानसभा वाला ट्रेंड लोकसभा उपचुनाव में रिपीट हुआ तो मायावती के चुनाव न लड़ने से रामपुर सीट पर सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है.

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