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बिहार (Bihar) महागठबंध (Mahagathbandhan) से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अलग होने की असल वजह सामने आ गई है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बताया कि आखिर क्यों जीतन राम मांझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया. नीतीश ने बताया, "मैंने उनसे कहा कि वो या तो पार्टी का विलय कर लें या (महागठबंधन से) अलग हो जाएं. उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला किया. ठीक ही हुआ."
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो बीजेपी से भी मिल रहे थे और यहां के लोगों से भी मिल रहे थे. यह सब हम जान रहे थे. मुख्यमंत्री ने साफ लहजे में कहा कि अलग हुए तो ठीक ही हुआ, नहीं तो विपक्षी दलों की 23 जून की होने वाली बैठक की बात बीजेपी तक पहुंचा देते.
नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अलग होने से महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. नीतीश ने कहा कि, "जीतन राम मांझी के जाने से महागठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. विपक्ष पूरी तरह एकजुट है."
शुक्रवार, 16 जून को नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस दौरान जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली. सदा को राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित समारोह में मंत्री पद की शपथ दिलाई. रत्नेश सदा सहरसा के सोनबरसा सीट से 3 बार के विधायक हैं और मुसहर समाज से आते हैं.
सदा को HAM अध्यक्ष जीतनराम मांझी के बेटे डॉक्टर संतोष कुमार 'सुमन' के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट में जगह मिली है. सुमन राज्य में SC/ST कल्याण विभाग के मंत्री थे.
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