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महाराष्ट्र की 6 राज्यसभा सीटों (Maharashtra Rajya Sabha) पर 10 जून को वोट डाले गए. चुनाव परिणाम में बीजेपी (BJP) को 3, शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) को एक-एक सीट पर जीत मिली. चुनाव का सबसे ज्यादा चौंकाने वाला फैक्टर बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार (BJP Candidate Victory) की जीत है. बीजेपी के दो उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने तीसरी जीत भी दिला दी. ऐसे में समझना जरूरी हो जाता है कि क्या महा विकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) में पार्टियों ने एक दूसरे का साथ नहीं दिया? जीत के लिए फडणवीस ने क्या 'जादू' किया?
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा विधायक (Maharashtra MLA) महा विकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) के पास हैं, लेकिन उम्मीदवारों को मिले वोट कुछ और ही कहानी बयां करते हैं. बीजेपी उम्मीदवार पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को 48 और अनिल बोंडे (Anil Bonde) को 48 वोट मिले. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना उम्मीदवार संजय राउत Sanjay Raut को 41, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) को 43 और कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) को 44 वोट मिले.
वोटों की संख्या देखकर तो जवाब ना है. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्यों में से 285 ने 10 जून को वोट किया. एनसीपी के दो सदस्य कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कोर्ट ने वोट डालने से रोक दिया.
महाराष्ट्र में बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक की जीत की उम्मीद कम जताई जा रही थी, लेकिन उन्हें शिवसेना के उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिले. बीजेपी के तीसरे नंबर पर जीते उम्मीदवार धनंजय महाडिक को 41.56 वोट मिले तो वहीं शिवसेना उम्मीदवार संजय राउत को 41 वोट. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस का साथ नहीं मिला? पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसी तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा, बीजेपी को मिले वोट महा विकास आघाडी के दावे की पोल खोलते हैं. उन्हें राज्य के 170 सदस्यों का सपोर्ट था, लेकिन क्या हुआ?
कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा, हम खुश हैं कि हमारी पार्टी के उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी अच्छे वोटों से जीते हैं, लेकिन नाखुश हैं क्योंकि शिवसेना का एक उम्मीदवार हार गया. हम विश्लेषण करेंगे कि बीजेपी की तुलना में रणनीति बनाने में कहां फेल हुए.
महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार को जोड़ तोड़ की राजनीति में माहिर माना जाता है, लेकिन राज्यसभा चुनाव में तीसरी सीट जीतकर देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा झटका दिया है. करीब 10 विधायकों की क्रॉस वोटिंग के जरिए बीजेपी का तीसरा उम्मीदवार भी जीत गया.
खुद शरद पवार ने कहा, बीजेपी के पक्ष में अधिक निर्दलीय विधायक थे. चमत्कार को स्वीकार करना होगा. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस निर्दलीय और छोटे दलों को अपनी ओर खींचने में सफल रहे. वहीं संजय राउत ने बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार की जीत पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि बीजेपी की जीत हुई है. वह दूसरी वरीयता के आधार पर जीते हैं.
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Published: 11 Jun 2022,02:37 PM IST