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Rajya Sabha Election 2022: 4 राज्यों में 16 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के नतीजे आ गए हैं. राजस्थान (Rajasthan) की 4 राज्यसभा सीटों में से कांग्रेस ने 3 पर जीत हासिल की है. वहीं बीजेपी ने एक सीट पर कब्जा जमाया है. कर्नाटक (Karnataka) में बीजेपी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में BJP और MVA के 3-3 उम्मीदवार जीते हैं. वहीं हरियाणा में कांग्रेस जीती बाजी हार गई. यहां बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी है.
चलिए अब समझाते हैं कि कैसे राजस्थान में सीएम गहलोत का जादू चला? कैसे कर्नाटक में बीजेपी का कमल खिला? हरियाणा में कांग्रेस से कहां चूक हुई और महाराष्ट्र में किसको फायदा-किसको नुकसान हुआ?
राज्यसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस ने अपने सभी तीन प्रत्याशियों को जीताने में कामयाबी हासिल की है. इसका सारा श्रेय राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व को दिया जा रहा है. जिन्होंने कांग्रेस, निर्दलीय और दूसरी पार्टियों के विधायकों को भी अपने साथ जोड़कर रखा. चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि,
राजस्थान में कांग्रेस के सभी 126 वोट पार्टी उम्मीदवारों को मिले हैं. निर्दलीयों के साथ-साथ बीटीपी ने भी चुनाव में कांग्रेस का साथ दिया है. वहीं बीजेपी कांग्रेस का वोट काटने में नाकाम रही. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजेपी के अपने 71 और RLP के पास 3 वोट थे. लेकिन बीजेपी को चुनाव में 73 वोट ही मिले. हालांकि, शुरू से कांग्रेस दावा रही थी कि उसके पास 126 विधायकों का समर्थन है.
बीजेपी हाईकमान ने राजस्थान में क्रॉस वोटिंग पर नाराजगी जताई है. पार्टी हाईकमान ने तत्काल प्रदेश अध्यक्ष से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की और कुछ ही देर बाद क्रॉस वोटिंग करने वालीं विधायक शोभारानी कुशवाहा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है.
वहीं, बीजेपी विधायक सिद्धि कुमारी ने सुभाष चंद्रा के बजाय बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को अपने वोट दे दिया था.
राजस्थान राज्यसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा है. क्रॉस वोटिंग को लेकर चंद्रा ने कहा कि जब मैं यही काम करवाना चाह रहा था और दूसरे ने कर दिया तो इसमें क्या शिकायत.
कर्नाटक की सत्तारूढ़ बीजेपी अपने तीन उम्मीदवारों को जीताने में कामयाब रही. 4 सीटों पर 6 उम्मीदवार मैदान में थे. लेकिन बीजेपी ने अपनी रणनीति से बाजी मार ली है. बीजेपी से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता-नेता जग्गेश और लहर सिंह सिरोया जीते हैं. वहीं कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को जीत मिली है.
राज्यसभा चुनाव में JDS खाता भी नहीं खोल पाई. क्रॉस वोटिंग से JDS को नुकसान हुआ है. JDS के दो विधायक- श्रीनिवास गौड़ा और श्रीनिवास गुब्बी ने पार्टी से खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट दिया था. वोटिंग के बाद श्रीनिवास गौड़ा ने कहा कि "मैंने कांग्रेस को वोट दिया. क्योंकि मैं कांग्रेस से प्यार करता हूं."
जेडीएस के अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने पुष्टि की कि पार्टी के 32 में से दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. उन्होंने कहा, "हमारी जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी का समर्थन न करके कांग्रेस ने बीजेपी को मजबूत किया है."
महाराष्ट्र में बीजेपी 3 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. वहीं, 3 सीटों पर महाविकास अघाड़ी ने जीत दर्ज की है. चुनाव में शिवसेना को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दूसरे कैंडिडेट संजय पवार बीजेपी के धनंजय महादिक से हार गए. चुनाव आयोग ने शिवसेना के एक विधायक का वोट रद्द कर दिया था.
महाराष्ट्र में BJP को हराने के लिए ओवैसी की पार्टी AIMIM ने कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को समर्थन दिया था. कांग्रेस उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी तो जीत गए, लेकिन बीजेपी को इससे कोई खास नुकसान नहीं हुआ.
बता दें कि महाराष्ट्र की 6 सीटों पर 7 उम्मीदवार थे. छठी सीट के लिए शिवसेना के संजय पवार और बीजेपी के धनंजय महादिक में मुकाबला कांटे का था. मुख्यमंत्री के लिए उद्धव ठाकरे के लिए ये प्रतिष्ठा की लड़ाई थी लेकिन वो अपने उम्मीदवार जितान में नाकाम रहे.
हरियाणा में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन (Ajay Maken) राज्यसभा चुनाव हार गए हैं. बीजेपी-JJP समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) चुनाव जीत गए हैं. वहीं बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार ने भी जीत दर्ज की है. कयास लगाए जा रहे थे कि एक सीट पर बीजेपी तो दूसरी पर कांग्रेस की जीत पक्की है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी ने यहां बड़ा उलटफेर कर दिया.
राज्यसभा चुनाव में एक वोट 100 के बराबर माना जाता है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस का एक वोट रद्द कर दिया था. इसलिए यहां 88 वोट बचे थे, यानी 8800 वोट. जीत के लिए 8800/3+1 यानी 2934 वोट चाहिए थे. बीजेपी के कृष्णलाल पंवार की जीत के बाद 66 वोट बच गए, जो कार्तिकेय को ट्रांसफर कर दिए गए.
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