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आमिर खान (Amir Khan) की फिल्म लाल सिंह चड्ढा आने वाली है. इसी बीच उनकी 10 साल पुरानी फोटो शेयर कर ये झूठा दावा किया गया कि फोटो में उनके साथ आतंकवादी खड़ा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे के किसानों की आत्महत्या से जुड़े झूठे दावे से लेकर कांवड़ यात्रा के दौरान मारे गए सेना के जवान कार्तिक बालियान से जोड़कर शेयर किए जा रहे वीडियो तक.
इसके अलावा, इंदौर में सिरफिरे आशिक के वीडियो से जुड़े झूठे सांप्रदायिक दावे से लेकर अर्पिता चटर्जी के एडिटेड वीडियो तक. इस हफ्ते हमने तमाम झूठे दावों की पड़ताल की. डालते हैं इनपर एक नजर.
आमिर खान की एक फोटो वायरल हुई, जिसमें उनके साथ शाहिद अफरीदी और एक दूसरा शख्स खड़ा दिख रहा है. फोटो शेयर कर दावा किया गया कि ये शख्स जमात-ए-उल ग्रुप का तारिक जमील नाम का आतंकवादी है.
पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीर अक्टूबर 2012 की है. तब आमिर खान की मुलाकात शाहिद अफरीदी और पाकिस्तान के एक मौलाना तारिक जमील से हुई थी. तारिक जमील पाकिस्तान के एक धार्मिक विद्वान हैं न कि कोई आतंकी.
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BJP सांसद निशिकांत दुबे ने 1 अगस्त 2022 को लोकसभा में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले 8 सालों में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की. बयान में दुबे ने कहा कि पिछले 8 सालों में किसानों की आत्महत्या पर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि कोई आत्महत्या नहीं हुई.
हालांकि, जब हमने NCRB डेटा खंगाला, तो पाया कि उनका दावा सही नहीं है. हमने 2014 (जब पीएम मोदी सत्ता में आए) से लेकर 2020 (आखिरी उपलब्ध रिपोर्ट) तक का डेटा देखा. हमने पाया कि इस दौरान 43,181 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है.
हमें लोकसभा की वेबसाइट पर कई और जवाब मिले जिनमें किसानों की आत्महत्या से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की गई थी. जो कि निशिकांत दुबे के इस दावे के उलट है जिसमें उन्होंने कहा है कि कोई चर्चा नहीं हुई.
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मारपीट दिखाता एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि वीडियो रुड़की के मंगलौर का है और उसी घटना का है जिसमें कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान हुए झगड़े में सिसौली के एक कांवड़ यात्री कार्तिक बालियान की हत्या कर दी गई थी.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वीडियो रुड़की का नहीं बल्कि मेरठ जिले का है. जहां कांवड़ियों के दो गुटों में मारपीट हो गई थी. इसके अलावा, इस वीडियो का कार्तिक बालियान से कोई संबंध नहीं है.
संबंधित थाने के इंसपेक्टर ने भी वायरल दावे को फेक बताते हुए कहा कि इस लड़ाई में किसी को भी गहरी चोटें नहीं आई थीं. इसके अलावा, इन लोगों को समझाकर झगड़ा बंद करवा दिया गया था.
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दो लड़कियों को चाकू दिखाकर धमकाते एक शख्स का वीडियो शेयर कर दावे में युवक को 'लव जिहादी' बताया गया और इशारा किया गया कि मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मुस्लिम समुदाय का युवक हिंदू बच्चियों को डरा रहा है.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के इंदौर का तो है, लेकिन इसके साथ शेयर हो रहा दावा सही नहीं है. वीडियो में दिख रहा शख्स मुस्लिम कम्यूनिटी से नहीं बल्कि हिंदू कम्यूनिटी से है.
संबंधित थाने के इंसपेक्टर ने भी दावे को खारिज करते हुए आरोपी को हिंदू समुदाय का बताया है.
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पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाने वाली अर्पिता मुखर्जी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वो डांस करती हुई दिख रही हैं. वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि वो 'ओ पार्थ दा तोमाई चाय' (पार्थ, मैं तुम्हें चाहती हूं) पर डांस कर रही हैं.
हालांकि, हमने पाया कि अर्पिता मुखर्जी सबरीन कारपेंटर के एक गाने में डांस कर रही हैं. जिसे उन्होंने साल 2021 में इंस्टाग्राम रील के तौर पर पोस्ट किया था.
इस वीडियो में जो गाना बज रहा है उसे एडिटिंग की मदद से हटाकर पार्थ चटर्जी का चुनावी गीत जोड़ दिया गया है और झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है.
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