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दिल्ली, पंजाब, हरियाणा की सीमाओं पर चल रहा किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. इस बीच किसानों को लेकर कई भ्रामक दावे भी किए जा रहे हैं. लोकसभा चुनावों की आहट के साथ इससे जुड़े भ्रामक दावों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. क्विंट की फैक्ट -चेकिंग टीम 'वेबकूफ' इन सभी दावों की पड़ताल कर सच आप तक पहुंचा रही है. एक नजर में जानिए इन सभी दावों का सच.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में वोटिंग के लिए EVM के उपयोग को बैन कर दिया है.
वायरल वीडियो में जो लोग दिख रहे हैं, वो EVM के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शामिल वकील और एक्टिविस्ट हैं. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में EVM के उपयोग पर कोई बैन नहीं लगाया है. ये सच है कि 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर रोक लगाने का आदेश दिया, लेकिन EVM बैन का दावा सच नहीं है.
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इसमें मुस्लिम शख्स किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सिख का भेष बना रहा है.
यह वीडियो पुराना है और हालिया किसानों के विरोध प्रदर्शन से इसका कोई संबंध नहीं है. यह वीडियो 2022 से इंटरनेट पर है और इसमें सिंगर सिद्धू मूसे वाला की शोक सभा के लिए लोग इकट्ठा हुए थे.
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एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लोग पुलिसकर्मियों पर तलवार से हमला करते दिख रहे हैं. यूजर इसे दिल्ली के पास चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़ रहे हैं.
यह वीडियो किसानों के विरोध प्रदर्शन का नहीं है और इसमें पंजाब के तरनतारन में दिवंगत सिख अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर को हटाने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प को दिखाया गया है.
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दावा है कि राहुल गांधी ने X-Ray को "जाति जन गणना" के रूप में बताया है. वायरल क्लिप में राहुल अपने सुरक्षा गार्ड को लगी चोट का किस्सा बता रहे हैं.
इस वीडियो से छेड़छाड़ की गई है और बात का मतलब बदल दिया गया है. इसमें राहुल कहीं भी ये नहीं कह रहे हैं कि X - Ray का मतलब जाति जनगणना है.
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जापान "इस्लाम और सभी मुसलमानों पर प्रतिबंध लगाकर इस्लाम को दूर रखने की कोशिश में है."
इस पोस्ट में कई झूठे और भ्रामक दावे किए गए हैं. पड़ताल में हमनें पाया कि जापान का नागरिक बनने के लिए कोई धार्मिक नियम या शर्त नहीं हैं. टीम वेबकूफ ने वायरल पोस्ट में किए गए सात अलग-अलग दावों की एक एक कर पड़ताल की.
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