सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लोग पुलिसकर्मियों पर तलवार से हमला करते दिख रहे हैं. यूजर इसे दिल्ली के पास चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmer's Protest) से जोड़ रहे हैं.
सच क्या है?: यह वीडियो किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित नहीं है और इसमें पंजाब के तरनतारन में दिवंगत सिख अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर को हटाने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प को दिखाया गया है.
हमनें सच का पता कैसे लगाया: हमने वीडियो के कुछ कीफ्रेम पर Google lens की मदद से इमेज सर्च का इस्तेमाल किया. जिससे हमें इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट मिली.
यह वीडियो वायरल वीडियो से मेल खाता है और इसे 31 जनवरी को शेयर किया गया था.
यह किसानों के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की तारीखों से पहले का है जो 13 फरवरी को शुरू हुआ था.
हमने वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन को चेक किया तो हमें एक कमेंट मिला जिसमें बताया गया कि यह वीडियो पंजाब के तरनतारन जिले का है.
एक अन्य कमेंट में कहा गया कि यह पंजाब के पटियाला में हो रहे संघर्ष को दिखाता है.
यहां से अंदाजा लगाते हुए हमने गूगल पर इससे मिलते-जुलते कीवर्ड ढूंढे. जिसकी मदद से हमनें 29 जनवरी को हिंदुस्तान टाइम्स और Deccan Herald की शेयर की गई रिपोर्टें देखीं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब के तरनतारन जिले के पहुविंड गांव में गुरुद्वारा जन्म स्थान बाबा दीप सिंह में झड़पें देखी गईं.
इसमें कहा गया है कि सिख युवाओं और प्रबंध समिति के अध्यक्ष के समर्थकों के बीच यह झड़प गुरुद्वारा परिसर से मारे गए 'मिलिटेंट उपदेशक' जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर हटाने को लेकर शुरू हुई.
दृश्यों की तुलना: हमें उसी घटना के बारे में Jagran की एक और रिपोर्ट मिली, जिसमें झड़प की एक तस्वीर थी. हमने दोनों दृश्यों की तुलना की और एक ही कार और उसके आसपास के लोगों को पाया.
हमें News18 पंजाब/हरियाणा/हिमाचल द्वारा 29 जनवरी को शेयर की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें अलग-अलग एंगल से यह दृश्य भी दिखाए गए थे.
निष्कर्ष: पंजाब में लोगों और पुलिस के बीच झड़प के एक पुराने वीडियो को हालिया किसानों के विरोध प्रदर्शन से गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है.
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