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Recap: राहुल गांधी, अशोक गहलोत, CM योगी और अखिलेश यादव से जुड़े झूठे दावों का सच

Fact Check: क्या सीएम गहलोत की रैली में पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगे और क्या राहुल गांधी ने कन्हैयालाल के हत्यारों को बच्चा कहा?

टीम वेबकूफ
वेबकूफ
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<div class="paragraphs"><p>इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल झूठे दावों का सच</p></div>
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इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल झूठे दावों का सच

(फोटो: Altered by The Quint)

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राजस्थान (Rajasthan) में चुनाव से जोड़कर इस हफ्ते सोशल मीडिया पर कई दावे वायरल हुए, जैसे कभी ये दावा किया गया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा है कि कन्हैयालाल के हत्यारों को माफ कर देना चाहिए, तो कभी सीएम अशोक गहलोत के भाषण का वीडियो इस दावे से शेयर किया गया कि उनकी रैली में 'मोदी-मोदी' के नारे लगे.

इसी तरह मध्य प्रदेश चुनाव से जोड़कर ये दावा शेयर किया गया कि एमपी चुनाव के लिए सीएम योगी और अखिलेश यादव ने गठबंधन कर लिया है. क्विंट हिंदी की वेबकूफ टीम ने ऐसे तमाम दावों का पड़ताल कर आपको सच बताया है. यहां जानिए इस हफ्ते के ऐसे 5 झूठे दावों का सच...

राहुल गांधी ने कन्हैयालाल के हत्यारों को माफ करने को कहा?

राहुल गांधी का वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि उन्होंने उदयपुर में कन्हैयालाल के हत्यारों को बच्चा कहा है और कहा है कि उन्हें माफ कर देने चाहिए.

दावे में इस्तेमाल राहुल गांधी का वीडियो

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/X)

पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो जुलाई 2022 का है और इसमें राहुल गांधी कन्हैयालाल के हत्यारों को माफ करने की बात नहीं कह रहे. इसमें राहुल केरल के वायनाड में उनके कार्यालय में तोड़फोड़ करने वालों के बारे में बोलते दिख रहे हैं. ये घटना जून 2022 में हुई थी.

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CM अशोक गहलोत की रैली में लगे 'मोदी-मोदी' के नारे?

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें मोदी-मोदी के नारे लगाते लोगों की आवाज सुनाई दे रही है. इसे शेयर कर दावा किया गया कि अशोक गहलोत की रैली में बीजेपी समर्थकों ने मोदी के सपोर्ट में नारे लगाए.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/X)

पड़ताल में हमने पाया कि असली वीडियो राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा में गहलोत के भाषण का है, जिसमें ऐसा कोई भी नारा नहीं सुनाई दे रहा है. वायरल वीडियो एडिटेड है. इसमें अलग-अलग नारों की आवाज को जोड़ा गया है.

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MP चुनाव के लिए अखिलेश और सीएम योगी में गठबंधन?

एक वीडियो वायरल है जिसमें उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ दिख रहे हैं.

वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ने BJP को धोखा देते हुए मध्यप्रदेश के 2023 विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव का हाथ थाम लिया है.

वीडियो में एक फोटो है, जिसमें अखिलेश और योगी साथ दिख रहे हैं.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा गलत है और जिस फोटो के जरिए सवाल उठाए जा रहे हैं वो मई 2017 की है. तब योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव इंडिया टुडे ग्रुप के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया था.

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जिन्होंने नहीं पढ़ी बायोलॉजी वो भी बन सकते हैं डॉक्टर?

कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर दावा किया है कि जिन छात्रों के 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में जीवविज्ञान (बायोलॉजी) विषय नहीं है, वो भी डॉक्टर बन सकते हैं.

पोस्ट में नई शिक्षा नीति से जुड़ी गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसमें छात्रों को इस विषय के अध्ययन के बिना भी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) में बैठने की अनुमति दी गई है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है. NMC ने 22 नवंबर को नई गाइडलाइन जारी की है. इसके मुताबिक, 11वीं और 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ वाले छात्रों को NEET में बैठने की अनुमति दी गई है.

हालांकि, जिन छात्रों के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी नहीं थी, वो NEET में बैठने के लिए सरकार की तरफ से मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास होने के बाद इन्हें ''एडिशनल सब्जेक्ट' के तौर पर ले सकते हैं.

डॉक्टर बनने के लिए अभी भी बायोलॉजी की परीक्षा अनिवार्य है. हालांकि, उम्मीदवार 11वीं और 12वीं में इस विषय को नहीं पढ़ते हैं तो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी बोर्ड से संबंद्ध स्कूल से पास होने के बाद इसे एडिशनल सब्जेक्ट के तौर पर ले सकते हैं.

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उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन से जोड़कर वायरल इस फोटो का सच क्या है?

सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें कई लोगों को एक सुरंग के अंदर भारतीय झंडे के साथ देखा जा सकता है. इसे उत्तरकाशी सुरंग (Uttarkashi Tunnel) हादसे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है, जहां 28 नवंबर को सफल बचाव अभियान को अंजाम दिया गया.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/X)

पड़ताल में हमने पाया कि वायरल फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टूल की मदद से तैयार किया गया है. जिसे सफल बचाव अभियान के असली विजुअल बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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