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स्क्रिप्ट और एडिटोरियल इनपुट: कृतिका गोयल, अभिलाष मलिक
वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
कैमरा: अतहर राथर
सोचिए जरा आपके सामने कोई ऐसी फोटो आती है जिसकी लोकेशन को लेकर आपको शक है, तो आप कैसे पता लगाएंगे की वो फोटो कहां की है? परेशान होने की जरूरत नहीं है. हम आपको 'Verify Kiya kya?' के इस एपिसोड में बताएंगे कि इसका पता कैसे लगाएं कि किसी फोटो या वीडियो की लोकेशन का कैसे पता लगा सकते हैं यानी कैसे उन्हें जियोलोकेट कर सकते हैं. फैक्ट चेकर्स अक्सर क्लेम्स को वेरिफाई करने के लिए ऐसा करते हैं.
'वेरिफाई किया क्या?' के इस एपीसोड में, हम आपको उन टूल्स के बारे में बताएंगे जिनका इस्तेमाल कर आप उस लोकेशन का पता लगा सकते हैं, जिससे संबंधित फोटो या वीडियो शेयर किया गया है.
फैक्ट चेकर्स जांच करने के लिए कुछ खास चीजों या संकेतों को देखते हैं, जैसे कि दुकान में लगे साइनबोर्ड, कोई खास लैंडमार्क, कोई बिल्डिंग कैसी दिख रही है, कोई लोगो और स्ट्रीट में मौजूद कोई खास संकेत. वीडियो में कुछ दूसरे एलीमेंट्स भी होते हैं जो किसी वीडियो को जियोलोकेट करने में मददगार होते हैं, जैसे कि वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा, गाड़ी का नंबर यहां तक उसमें दिख रहे झंडे भी.
हम गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर ये समझाएंगे कि किसी भी तस्वीर को जियोलोकेट कैसे किया जाए. लेकिन, इसका इस्तेमाल करने से पहले, आपको गूगल मैप्स पर सैटेलाइट व्यू या स्ट्रीट व्यू ऑप्शन का इस्तेमाल करना आना चाहिए.
सैटेलाइट व्यू: तस्वीरों को ऊपर से दिखाता है, जिन्हें सैटेलाइट से लिया गया होता है
स्ट्रीट व्यू: इसमें स्ट्रीट लेवल की वो तस्वीरें दिखती हैं, जिन्हें यूजर या गूगल ने खींचा होता है
जब हम पहली बार किसी लोकेशन का मैप देखते हैं, तो हमें उस इलाके का डिफॉल्ट मैप व्यू (ट्रैफिक) दिखता है. इसके बाद, हम अलग-अलग जगहों को ठीक से देखने के लिए टॉगल कर सकते हैं या सैटेलाइट व्यू पर स्विच कर सकते हैं.
गूगल मैप पर जब हम लोकेशन देखते हैं, यहां आपको विंडो के बॉटम में राइट की तरफ एक येलो फिगर दिखेगा.
शहर का सैटेलाइट व्यू
यलो फिगर का इस्तेमाल कर स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल
किसी शहर का स्ट्रीट व्यू का एक उदाहरण
उदाहरण के लिए, पेरिस के एफिल टावर के आसपास मौजूद सड़कों को देखते हैं.
उदाहरण के लिए, इस फोटो को ही देखते हैं, जिसमें Go Back Modi लिखा दिख रहा है और सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि ये फोटो बिहार की है. ये फोटो बिहार विधानसभा चुनाव 2021 के शुरू होने से पहले शेयर हुई थी.
बेशक ऐसा हो सकता है कि आपको ये पता हो कि ये फोटो बिहार की नहीं है, लेकिन जिन्हें नहीं पता, उन्हें हम बताएंगे.
वायरल इमेज के बैकग्राउंड में एक बिल्डिंग पर लिखा हुआ है- “Metro Channel Control Post Hare Street Police Station.”
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 11 जनवरी 2020 को पत्रकार मयूख रंजन घोष की ओर से शेयर की गई एक तस्वीर मिली. जिसके कैप्शन में स्पष्ट रूप से लिखा था कि ये फोटो कोलकाता की है.
वायरल इमेज के बैकग्राउंड में एक बिल्डिंग पर लिखा हुआ है- “Metro Channel Control Post Hare Street Police Station.”
गूगल पर कुछ वर्ड्स सर्च करने पर हमें आसानी से पता चल गया कि 'हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन' असल में कोलकाता में है.
अब हमने गूगल मैप पर Hare Street Police Station Control Post सर्च किया, तो हमें वायरल फोटो में दिख रही बिल्डिंग दिखी.
हमें पता है कि आप में से कुछ लोगों ने पहले ही पीली टैक्सी और रेलिंग पर नीले और सफेद रंगों की मार्किंग देख ही ली होगी और अनुमान भी लगा लिया होगा कि ये फोटो कोलकाता की है.
इस तरह से गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर, हम फोटो को जियोलोकेट कर ये पता कर पाए कि ये फोटो कोलकाता की है और इस झूठे दावे का सच पता लगा पाए कि ये फोटो बिहार की नहीं.
('वेरिफाई किया क्या?' सीरीज का ये छठवां वीडियो है. इस सीरीज मे हम फैक्ट चेक और मीडिया साक्षरता की बारीकियों के बारे में बता रहे हैं. अगले वीडियो में हम इस बारे में बात करेंगे कि अपने दोस्तों और उन रिश्तेदारों से कैसे बात करें, जो गलता सूचनाएं फॉरवर्ड करते रहते हैं. किसी सूचना की जांच के लिए कर सकते हैं.)
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )
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