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दक्षिण पूर्वी यूरोप में बसे देश ग्रीस (Greece) यानी यूनान में बुधवार को समंदर में एक ओवरलोड नाव पलटने से बड़ा हादसा हो गया. इस नाव में करीब 750 लोग सवार थे और हादसे में 79 लोगों के मारे जाने की खबर है. इसके अलावा कई लोग लापता भी बताए जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेशनल माइग्रेशन ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक लीबिया या ट्यूनीशिया से मध्य भूमध्य और उत्तर से यूरोप की यात्रा दुनिया का सबसे खतरनाक प्रवासी रास्ता है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि यह पूरा मामला क्या है, नाव कैसे पलटी? और ग्रीस की माइग्रेशन पॉलिसी क्या है?
दक्षिणी पेलोपोनिस प्रायद्वीप से लगभग 75 किलोमीटर (45 मील) दक्षिण-पश्चिम में बुधवार तड़के प्रवासियों से भरी नाव के पलटने और डूबने की वजह से यह हादसा हुआ. हादसे के बाद यूनानी तट रक्षक, नौसेना और व्यापारी जहाजों और विमानों ने एक सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीक कोस्टगार्ड के प्रवक्ता निकोस अलेक्सीउ ने ERT TV को बताया कि यह भूमध्य सागर में अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशनों में से एक है.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के बाद अब तक 79 शव बरामद किए जा चुके हैं और 104 लोगों को बचाया गया है. इस बात की सही जानकारी नहीं मिल सकी है कि हादसा होने के बाद कितने लोग लापता हुए हैं, लेकिन कुछ रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका आंकड़ा सैकड़ों के करीब हो सकता है.
The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीस के एक मीडिया आउटलेड ने कहा कि नाव भूमध्य सागर के सबसे गहरे क्षेत्र में पहुंच गया था और वहां पर जाते ही वह डूबने लगा. इस दौरान नाव का इंजन बंद हो गया था और नाव मिनटों में डूब गया.
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीक कोस्ट गार्ड ने बताया कि यात्रियों से खचाखच भरी इस बोट को एक सर्विलांस विमान ने मंगलवार को देखा था, लेकिन तब इसमें सवार यात्रियों ने मदद लेने से इनकार कर दिया था.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक संकटग्रस्त प्रवासी नावों के लिए हॉटलाइन चलाने वाले कार्यकर्ताओं के एक नेटवर्क Alarm Phone ने कहा कि वे नाव पर सवार ऐसे लोगों के संपर्क में थे, जिनको मदद की जरूरत थी.
पश्चिमी और मध्य भूमध्यसागर के लिए शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त, विन्सेंट कोचेटेल (Vincent Cochetel) ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "यह नाव समुद्र में चलने के काबिल नहीं थी और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बोर्ड पर कुछ लोगों ने क्या कहा होगा, संकट की धारणा पर चर्चा नहीं की जा सकती है."
रिपोर्ट के मुताबिक नाव पर सवार कई प्रवासी इटली जाना चाहते थे. अगर प्रवासियों को ग्रीक अधिकारियों द्वारा बचाया गया होता, तो उन्हें पश्चिमी या उत्तरी यूरोप तक पहुंचने के लिए अक्सर शत्रुतापूर्ण बाल्कन के जरिए ट्रैक करना पड़ता. इटली से उत्तर का रास्ता करीब और ज्यादा आसान है.
ग्रीस के ज्यादातर प्रवासी छोटी नावों में पास के पूर्वी ग्रीक द्वीपों तक पहुंचते हैं या एवरोस नदी (तुर्की में मेरिक के रूप में जाना जाता है) को पार करके अपना रास्ता तय करते हैं.
हाल के वर्षों में क्रॉसिंग में तेजी से गिरावट आई है. क्योंकि ग्रीस ने समुद्री पहरा बढ़ा दिया है और एवरोस के साथ एक सीमा बाड़ का निर्माण किया है. लेकिन देश प्रवासियों, मानवाधिकार समूहों और तुर्की के अधिकारियों के लगातार आरोपों का सामना कर रहा है कि यह प्रवासियों को सीमा पार वापस तुर्की लौटाता है, उन्हें अवैध रूप से शरण का दावा करने से रोकता है लेकिन एथेंस ने बार-बार इस बात का खंडन किया है.
Alarm Phone ने नाव की तबाही के लिए ग्रीस की प्रवासन नीति को दोषी ठहराया और कहा कि प्रवासन को रोकने के लिए एथेंस "यूरोप की ढाल" बन गया है. यूनानी (ग्रीस) तट रक्षक ने अपने कार्यों का बचाव करते हुए कहा कि उसने सहायता से इनकार करने के बाद भी जहाज का साथ दिया और फिर नाव पलटने के बाद सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
इटली ने इस साल अब तक यूरोप में 'अनियमित' प्रवासियों के आने की संख्या दर्ज की है, जिसका आंकड़ा 55,160 है. यह पिछले साल 2022 में इसी अवधि में आने वाले 21,884 और 2021 में 16,737 के दोगुने से ज्यादा है.
United Nations के आंकड़ों के मुताबिक इस साल करीब 72,000 शरणार्थी और प्रवासी इटली, स्पेन, माल्टा और साइप्रस, ग्रीस और भूमध्य सागर की सीमा से लगे देशों में आ चुके हैं. मध्य पूर्व, एशिया और अफ्रीका में युद्ध, उत्पीड़न और गरीबी से भाग रहे लोगों के लिए ग्रीस लंबे समय से मुख्य मार्गों में से एक रहा है.
आंतरिक मंत्रालय (Interior Ministry) के आंकड़ों के मुताबिक
मोरक्को या अल्जीरिया से स्पेन आने की चाहत रखने वाले प्रवासियों द्वारा घातक केंद्रीय भूमध्य मार्ग के अलावा, पश्चिमी भूमध्य मार्ग का उपयोग किया जाता है. पूर्वी भूमध्यसागरीय मार्ग पारंपरिक रूप से सीरियाई, इराकी, अफगान और अन्य गैर-अफ्रीकी प्रवासियों द्वारा उपयोग किया जाता है, जो पहले तुर्की जाते हैं और फिर ग्रीस या अन्य यूरोपीय जगहों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं.
ग्रीस में बुधवार को हुए हादसे से पहले इस साल कम से कम 1,039 लोग केंद्रीय भूमध्यसागरीय क्रॉसिंग के वक्त लापता हो गए. माना जाता है कि इसका सही आंकड़ा काफी ज्यादा है.
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन (International Organization of Migration) के मुताबिक साल 2014 से अब तक भूमध्यसागर में लापता होने वाले प्रवासियों का आंकड़ा 27,000 से ज्यादा है.
यह वो आंकड़ा है, जो एजेंसियों और ऑर्गनाइजेशन्स के द्वारा इकट्ठा की गई इन्फॉर्मेशन के आधार पर निकाला गया है. आशंका है कि वास्तविक डेटा इससे काफी ज्यादा होगा. गौरतलब है कि यह आंकड़ा सिर्फ 2014 के बाद के दिनों का है. इस तरह से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रवासियों के भूमध्य सागर से सटे देशों की ओर कूच करना कितना खतरनाक हो सकता है.
2015: 18 अप्रैल, 2015 को भूमध्यसागर में मछुवारों से खचाखच भरी एक नाव लीबिया के तट पर एक मालवाहक से टकरा गई. इस दौरान सिर्फ 28 लोगों को बचाया जा सका था. 2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक बाद में पता चला था कि इस नाव में करीब 1100 लोग सवार थे.
2013: 3 अक्टूबर 2013 को इरीट्रिया और इथियोपिया के करीब 500 से भरे एक ट्रॉलर में आग लग गई और लैम्पेडुसा के दक्षिणी इतालवी द्वीप से दूर एक टापू के सामने पलट गया. हादसे के बाद स्थानीय मछुआरों ने लोगों की जान बचाने की कोशिश की. इस दौरान कुल 368 लोग मारे गए थे और सिर्फ 155 लोगों को बचाया जा सका था.
इस हादसे से ठीक एक हफ्ते बाद: 11 अक्टूबर 2013 को लैम्पेडुसा के दक्षिण में समुद्र में एक और जहाज बड़े हादसे का शिकार हुई थी. इस हादसे को इटली में "बच्चों के वध" के रूप में जाना जाता है, जिसमें मारे गए 260 से ज्यादा लोगों में 60 बच्चे शामिल थे.
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