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दिसंबर 2019 में जब कमला हैरिस ने खुद को राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर कर लिया तो डोनाल्ड ट्रंप ने चुटकी लेते हुए कहा था, “बहुत बुरा हुआ कमला! हमें आपकी कमी खलेगी.” तब कमला हैरिस ने जवाब दिया था, “कोई बात नहीं मिस्टर प्रेसिडेंट. आपके ऊपर चल रहे महाभियोग के दौरान आपको देखूंगी.”
अब एक बार फिर समय का पहिया घूमा है और ट्रंप पर महाभियोग का प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (लोअर हाउस) में पास हो चुका है. अब मामला सीनेट (ऊपरी सदन) में जाएगा. सीनेट के रिपब्लिकन लीडर मिच मैककोनेल ने कहा कि 20 जनवरी के बाद ही मामले को सीनेट के सामने लाया जाएगा. तब कमला हैरिस उप-राष्ट्रपति पद की शपथ ले चुकी होंगी.
ट्रायल की अध्यक्षता अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश करते हैं. लेकिन कुछ विश्लेषकों का कहना है कि उप-राष्ट्रपति भी सीनेट के संवैधानिक अध्यक्षता कर सकती हैं. ऐसे में कमला ही ट्रंप के खिलाफ कार्यवाही की अगुवाई भी कर सकती हैं. जॉर्जिया में जीत के साथ सीनेट में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स की संख्या 50-50 के साथ बराबर हो चुकी है. पहले रिपब्लिकन्स का बहुमत था.
अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पहली बार 2019 में महाभियोग लगा था. सितंबर से नवंबर 2019 के बीच एक जांच के बाद 18 दिसंबर 2019 को महाभियोग लाया गया. 16 जनवरी 2020 को सीनेट में महाभियोग की कार्यवाही शुरू हुई. हालांकि 5 फरवरी को ट्रंप बरी हो गए. तब भी कमला हैरिस ने एक सीनेटर के तौर पर ट्रंप के खिलाफ वोट किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि साल 2016 में सीनेटर बनीं कमला हैरिस ने 4 साल में ही उप-राष्ट्रपति पद तक का सफर कैसे तय कर लिया? वे जो बाइडन की इतनी खास कैसे बन गईं?
जो बाइडेन के बेटे ब्यू बाइडेन और कमला हैरिस अच्छे दोस्त थे. तब कमला हैरिस कैलिफोर्निया की अटॉर्नी और ब्यू, बेलावेयर के अटॉर्नी थे. दोनों ने साल 2008 में मंदी के वक्त साथ में काम किया था. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दबाव के बाद भी कमला हैरिस ने साहूकारों के खिलाफ मुकदमा किया. बाद में उन्हें पांच गुना ज्यादा मुआवजा मिला. इसमें ब्यू बाइडेन ने कमला का साथ दिया था.
जब जो बाइडेन ने ऐलान किया था की कैलिफोर्निया की सीनेटर कमला हैरिस उनकी पार्टी की तरफ से उप- राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी, तब उन्होंने भी कहा था, उनके बेटे ब्यू, कमला हैरिस और उनके काम का बहुत सम्मान करते थे.
कई मौकों पर कमला, जो बाइडेन की आलोचना करती रही हैं, लेकिन CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्यू की वजह से ही जो बाइडेन और कमला के रिश्ते बेहतर हुए.
फरवरी 2016 में कमला हैरिस ने कैलिफोर्निया के डेमोक्रेटिक कन्वेंशन में बाइडेन का परिचय दिया. उन्होंने कहा, जो ने हमारे देश को बहुत कुछ दिया है. उन्होंने कहा, मैं जो को पहले एक लीडर के रूप में जानती थी, लेकिन ब्यू की दोस्ती की वजह से एक अच्छे व्यक्ति के रूप में जाना. इसलिए मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव से कहती हूं कि बाइडेन परिवार वास्तव में हमारे देश के सर्वोच्च आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है.
उसी साल जो बाइडेन ने अमेरिकी सीनेटर बारबरा बॉक्सर की रिटायरमेंट की सीट भरने की दौड़ में कमला हैरिस का समर्थन किया. बाइडेन ने एक बयान में कहा था,
कमला हैरिस छोटी सी उम्र में ही विरोध प्रदर्शनों में शामिल होती रही हैं. इसके पीछे कमला के मां-पिता एक बड़ी वजह हैं. कमला के पिता जमैकन और मां भारतीय थीं. दोनों नागरिक अधिकारों के लिए लगातार आंदोलन में शामिल होते रहते थे. वे अश्वेतों की जागरूकता और आजादी पर चर्चा करने वाले छात्रों के समूहों से जुड़े थे.
13 साल की उम्र में कमला हैरिस और उनकी बहन माया ने अपने मॉन्ट्रियल अपार्टमेंट के सामने एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. बच्चों को लॉन पर खेलने से रोक लगाने के खिलाफ कमला ने मोर्चा संभाला था और अंततः इस नियम को बदलना पड़ा था. एक मार्च में मां गोपालन ने बेटी से पूछा, “तुम क्या चाहती हो कमला?”, तब उन्होंने कहा था, “फ्रीडम.”
कमला हैरिस 1986 में अल्फा कप्पा अल्फा सोरोरिटी (महिलाओं का संगठन) की सदस्य थीं. यह एक अंतरराष्ट्रीय सेवा संगठन है, जिसकी स्थापना 1908 में वाशिंगटन डीसी के हावर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई थी. यह अफ्रीकी-अमेरिकी कॉलेज-शिक्षित महिलाओं द्वारा स्थापित सबसे पुराना संगठन है. एक इंटरव्यू में कमला ने कहा था, आप एचबीसीयू में जो सीखते हैं, वह यह है कि युवा, प्रतिभाशाली और काले होने की वजह से किसी सीमित परिप्रेक्ष्य में खुद को बांधने की जरूरत नहीं है.
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