वो दर्द जो युवराज बयां करते-करते रुक गए

युवराज ने अपने रिटायरमेंट में कुछ खुलासे किए, तो कुछ दिल का दर्द भी बयां किया

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क्रिकेट
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युवराज ने भारत के लिये आखिरी वनडे जून 2017 में खेला था
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युवराज ने भारत के लिये आखिरी वनडे जून 2017 में खेला था
(फोटो: फेसबुक)

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युवराज सिंह के संन्यास के ऐलान के साथ ही उनके विदाई के तरीके पर फैंस ने सवाल खड़े किए हैं. फैंस मांग कर रहे हैं कि युवराज को एक आखिरी बार टीम में मौका दिया जाना चाहिए था, जिसके बाद वो संन्यास ले सकते थे.

अपने फेयरवेल मैच को लेकर युवराज ने खुद कहा कि उन्होंने कभी आखिरी मैच की मांग नहीं की. अगर उनमें क्षमता होती तो वो मैदान से बाहर जाते.

युवराज ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में एक बड़ा खुलासा भी किया कि बीसीसीआई ने उन्हें फेयरवेल मैच का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया. इसके साथ ही उन्होंने यो-यो टेस्ट को लेकर भी खुलासा किया.

“मुझसे कहा गया था कि अगर मुझसे यो-यो टेस्ट पास नहीं होता तो मैं रिटायरमेंट मैच खेल सकता हूं. मैंने कहा कि मैं यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाया तो घर चला जाउंगा, लेकिन ऐसा मैच नहीं खेलना चाहता. मैंने यो-यो टेस्ट पास किया, लेकिन फिर वो उनकी कॉल थी.”
युवराज सिंह

युवराज ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कई बातें ऐसी बताईं, जो पहली बार सबके सामने आई. इसके साथ ही कुछ ऐसी बातें भी युवराज ने कहीं, जिसमें उनके अंदर का दर्द दिखा, लेकिन वो उन्हें पूरी तरह बताने से रुक गए.

पार्ट-1, 2016 में वापसी

2011 की वर्ल्ड कप जीत का हीरो 2014 में फैंस के लिए ‘विलेन’ बन गया. 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ युवराज ने 21 गेंद पर सिर्फ 11 रन बनाए. भारत वो फाइनल हार गया.

रिटायरमेंट के बाद युवराज ने इसे अपने करियर के सबसे खराब दौर में से बताया और कहा कि यहां उन्हें पहली बार लगा कि अब उन्हें दोबारा मौका नहीं मिलेगा.

“शायद मेरे करियर का सबसे बुरा दिन श्रीलंका के खिलाफ 2014 का टी 20 वर्ल्ड कप फाइनल था, जब मैंने 21 बॉल में 11 रन बनाए. मैं इतना टूट गया था कि मुझे लगा मेरा करियर खत्म हो गया.”
युवराज सिंह, पूर्व क्रिकेटर

इसके बाद युवराज को टीम में मौका नहीं मिला. वो घरेलू क्रिकेट खेलते रहे, जहां कुछ सफलता मिली. इसके चलते 2016 में 2 साल बाद युवराज की टी-20 टीम में वापसी हुई. उस वक्त युवराज का क्या रिएक्शन था, उसे जानने के लिए उनकी पत्नी हेजल कीच का ये बयान देखिए-

“हमारी शादी के पहले उनका सलेक्शन इंडियन टीम में हुआ. उस वक्त मैं क्रिकेट नहीं समझती थी, न देखती थी. जब उसका सूटकेस और किट आ गया, तो वो उसे खोल रहे थे और रो रहे थे. मुझे समझ नहीं आ रहा था. उनको कैसा महसूस हो रहा था ये वो ही समझ सकता है जिसने इंडिया के लिए खेला हो, जिसे टीम में चुना गया हो और बाहर किया गया हो. मुझे बस याद है कि उसने बोला था कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि वापस इंडिया के लिए खेलूंगा.”
हेजल कीच, युवराज की पत्नी

पार्ट-2, 2017 का प्रदर्शन और यो-यो टेस्ट का राज

सबसे पहले 2017 के हालात के बारे में जानते हैं. खराब फॉर्म के कारण युवराज सिंह को 2013 के बाद अगले 3 साल तक टीम इंडिया की वनडे टीम में मौका नहीं मिला. इस दौरान युवी ने टी-20 में भारत के लिए मैच खेले लेकिन वहां भी ज्यादा सफलता नहीं मिली.

2017 की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए युवराज को मौका मिला. युवराज ने दूसरे वनडे में 127 गेंद पर 150 रन बनाए, जो उनके करियर का सर्वोच्च स्कोर रहा.अगले मैच में भी युवराज ने 45 रन बनाए. इसके बाद टी 20 सीरीज में भी उन्हें मौका मिला, लेकिन वहां युवी कोई भी असर नहीं छोड़ पाए.

इस प्रदर्शन के दम पर युवराज को एक बार फिर इंग्लैंड में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में शामिल किया गया. पाकिस्तान के खिलाफ पहले ही मैच में युवी ने तेज अर्धशतक लगाया. हालांकि इसके बाद किसी भी पारी में वो ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए. युवी को आखिरी बार वेस्टइंडीज के दौरे पर टीम के लिए चुना गया. यहां वो 3 वनडे में सिर्फ 57 रन बना पाए.

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यही वो टाइम था जब यो-यो टेस्ट काफी चर्चा में आया. टीम इंडिया में किसी भी सीरीज के लिए खिलाड़ियों के चयन से पहले इस टेस्ट को पास करना जरूरी बनाया गया था. इसके बाद श्रींलका दौरे के लिए टीम के चयन के दौरान भी ये टेस्ट लिया गया.

उस वक्त कई खिलाड़ी इस फिटनेस टेस्ट में फेल हो गए थे. इनमें से, एक वक्त टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से शामिल युवराज सिंह और सुरेश रैना भी शामिल थे. उस वक्त टीम में यो-यो टेस्ट पास करने के लिए 20 में से 16.1 स्कोर करना जरूरी थी, लेकिन रैना और युवराज इसमें फेल हो गए थे.

इसके चलते दोनों को टीम में शामिल नहीं किया गया. युवराज की इसके बाद कभी-भी टीम में वापसी नहीं हुई. हालांकि रैना को 2018 में कुछ मौके मिले.

यहां पर अगर युवराज की बात पर यकीन किया जाए, कि उन्होंने यो-यो टेस्ट पास किया था, तो सवाल उठता है कि क्या उस वक्त ये गलत जानकारी दी गई थी कि युवराज टेस्ट में फेल हो गए.

इसके लिए युवराज के इस बयान पर गौर करना जरूरी है, जो इशारा करता है कि इस पूरे एपिसोड (यो-यो टेस्ट और सलेक्शन) में और भी बहुत कुछ है, जिसने युवराज को जो दर्द पहुंचाया और वो उसे बताते हुए रुक गए.

“इसको लेकर आगे कभी चर्चा करूंगा. अभी टीम वर्ल्ड कप खेल रही है और मैं नहीं चाहता कि इस पर कोई विवाद हो. खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप में फोकस करने देना चाहिए. मेरा टाइम आएगा, तब इस पर बात करूंगा.”
युवराज सिंह, पूर्व क्रिकेटर
मुंबई में रिटायरमेंट के ऐलान के वक्त अपनी पत्नी और मां के साथ युवराज सिंह(फोटोःPTI)

पार्ट-3, IPL और रिटायरमेंट

इंडियन प्रीमियर लीग-12 की नीलामी में युवराज सिंह को पहले दौर में किसी भी टीम ने नहीं खरीदा. ये उस खिलाड़ी की पहचान और छवि को बड़ा झटका था जो 4 सीजन पहले लीग का सबसे महंगा खिलाड़ी बना था.

हालांकि इसके बावजूद दूसरे राउंड में मुंबई इंडियंस ने उन्हें खरीदा और फैंस को एक बार फिर उम्मीद थी कि युवराज के जलवे देखने को मिलेंगे.

पहले मैच में युवराज ने शानदार अर्धशतक भी लगाया. लेकिन अगली 3 पारियों में वो प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे. इस दौरान टीम के बाकी खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और युवी, मुंबई के फाइनल जीतने तक सिर्फ बेंच पर ही बैठे रह गए.

आईपीएल की इस निराशा पर युवराज ने कहा भी कि उन्होंने तय कर लिया था कि ये आखिरी सीजन होगा. इसके साथ ही युवराज ने एक और अधूरी ख्वाहिश भी जाहिर की.

“हमने इस साल आईपीएल जीता, लेकिन अगर मैं प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होता तो मैं अपना करियर कुछ संतुष्टि के साथ खत्म कर पाता. लेकिन आपको जिंदगी में सब कुछ नहीं मिलता”
युवराज सिंह

अब यहां पर बात करनी जरूरी रोहित शर्मा की. युवी के रिटायरमेंट के बाद उनके कई पुराने साथी और अभी की भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी.

टीम इंडिया के उपकप्तान और मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने भी ट्वीट कर रोहित को शुभकामनाएं दी और अभी की भारतीय टीम के पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने खुले तौर पर लिखा कि उन्हें अच्छी विदाई मिलनी चाहिए थी.

“आपके पास जो होता है, उसका एहसास तबतक नहीं होता, जब तक वो चला नहीं जाता. आपको बहुत प्यार. आप अच्छी विदाई के हकदार थे.”
रोहित शर्मा

रोहित के ट्वीट के आखिरी शब्द फैंस को पसंद नहीं आए और उन्होंने रोहित को भी काफी खरी खोटी सुनाई. साथ ही रोहित को याद दिलाया कि मुंबई के कप्तान वही थे और उन्होंने युवी को लीग में सिर्फ 4 मैच के बाद बैठा दिया.

युवराज ने कहा कि वो अभी किसी तरह का विवाद नहीं चाहते और वक्त आने पर अपनी बात रखेंगे. साथ ही युवराज ने ये भी बताया कि बायोपिक को लेकर भी बातें चल रही हैं. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि वो किसी किताब के जरिए या शायद बायोपिक के जरिए ही आखिरकार अपने सारे दर्द बयां कर पाएंगे.

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Published: 11 Jun 2019,09:57 PM IST

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