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वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दू प्रीतम
क्विंट के स्पेशल सीरीज ‘रोहित को गुस्सा क्यों आता है?’ में आज रोहित को गुस्सा आ रहा है, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर प्रज्ञा ठाकुर के बयान के ऊपर.
प्रज्ञा ठाकुर इस बयान को लेकर फिर से चर्चा में हैं. ये सोच-समझकर, जानबूझकर दिया गया एक बयान था.
ये वही प्रज्ञा ठाकुर है, जो एक आतंकी घटना में आरोपी है. इसके बावजूद बीजेपी ने भोपाल से उन्हें उम्मीदवार बनाया. वही प्रज्ञा ठाकुर जिन्होंने एक बहादुर शहीद, पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे का अपमान किया था. और अब यही प्रज्ञा ठाकुर शायद संसद में भी जाती दिख जाएं. ये कितना त्रासद होगा!
महात्मा गांधी यानी अहिंसक संघर्ष की प्रतिभा को नाथूराम गोडसे नाम के एक कट्टरपंथी ने गोली मार दी थी. हमारा संसद उस स्वतंत्रता का प्रतीक है, जो महात्मा ने हमें दिलाई. ये शर्म की बात होगी कि जो बापू के हत्यारे का महिमामंडन कर रहा है उसके पास उसी संसद में जाने का मौका है.
जब प्रज्ञा को बीजेपी ने भोपाल के उम्मीदवार के तौर पर नाॅमिनेट किया, तो पीएम मोदी ने उनका बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें आतंकवादी करार देकर बदनाम कर रही है. बेचारी प्रज्ञा!
करकरे पर अपमानजनक कमेंट करने के बाद भी बीजेपी ने प्रज्ञा का बचाव किया. ये कहा गया कि उनका बयान जेल में पुलिस की प्रताड़ना झेलने से उपजे गुस्से की वजह से आया था. बेचारी प्रज्ञा!
और अब ये नया बयान!
बीजेपी समझदार है और उसने बयान की निंदा की है, यहां तक कि उन्होंने माफी मांग ली है. हालांकि जब मेरा ये वीडियो ऑन एयर हुआ उस समय तक प्रज्ञा का माफीनामा नहीं आया था. लेकिन क्या कोई माफी उनके दिए बयान की कड़वाहट को काट पाएगी? माफ कीजिए, बिल्कुल नहीं. उदाहरण के लिए, मणिशंकर अय्यर के मामले में भी माफी से उनके बयान नहीं मिट पाए.
इसकी भरपाई कुछ हद तक तभी हो सकती है जब प्रज्ञा को पार्टी बाहर करे. भोपाल में जीतने के बावजूद उनकी संसद में एंट्री रोकी जाए. लेकिन, निश्चित रूप से, ऐसा होने की संभावना नहीं है.
ट्विटर पर लोगों में इस बयान को लेकर एकतरफा गुस्सा है.
मैं सिर्फ एक आदमी के बारे में सोच सकता हूं जो प्रज्ञा ठाकुर को माफ कर देगा. खुद महात्मा गांधी. दुर्भाग्य से हम सब उनकी शख्सियत के सामने काफी बौने हैं.
इस सीरीज के और एपिसोड यहां देखें.
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