उत्तरप्रदेश चुनावों के मद्देनजर राजनाथ सिंह काफी व्यस्त हैं. लगभग 100 से ज्यादा सभाओं को संबोधित कर चुके हैं. लेकिन इसके बीच उन्होंने लखनऊ में वक्त निकालकर द क्विंट से बातचीत की . इस इंटरव्यू में उन्होंने चुनावों में बहुमत से लेकर खुद के मुख्यमंत्री बनने और बीएसपी से गठबंधन पर भी खुलकर जवाब दिए. जानिए बरखा के सवाल और राजनाथ के जवाब-
सवाल- क्या आपको लग रहा है कि उत्तरप्रदेश में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा?
जवाब- आपको कंफ्यूज नहीं होना चाहिए, बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा.
सवाल- क्या कारण हैं कि आपको लगता है बीजेपी सत्ता में आएगी?
जवाब- बीजेपी के प्रति क्राइसिस अॉफ क्रेडिबिलिटी नहीं है. लोगों में हमारा भरोसा है. पार्टी और नेताओं को लेकर जो विश्वसनीयता का संकट होता है, उससे अभी हमारी पार्टी दूर है. साथ ही लोग इस सच्चाई को स्वीकार करने लगे हैं कि इस देश में तुलनात्मक रुप से कोई पार्टी गुड गवर्नेंस दे सकती है तो वो बीजेपी है.
BSP-BJP गठबंधन?
सवाल- क्या मायावती के साथ एलायंस हो सकता है?
जवाब- नहीं, हम वो गलती दोबारा नहीं दोहराने वाले हैं.
सवाल- तीसरे-चौथे चरण में राजनीतिक भाषा काफी खराब हो गई है. आपने देखा पीएम ने कब्रिस्तान-शमशान, गुजरात के गधों की बात उठाई? लोगों को लगने लगा है कि इन सबमें विकास कहीं खो गया है.
जवाब- प्रधानमंत्री का उद्देश्य था कि जाति, पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए. हम सबको साथ लेना चाहते हैं. यही संदेश वो वहां की जनता को देना चाहते थे. लेकिन कोई इसे गलत परिभाषित कर गंदी भाषा पर ले जाता है तो ये गलत है.
सवाल- तो आप ये नहीं मानते कि ये स्टेटमेंट ध्रुवीकरण के लिए था?
जवाब- नहीं-नहीं कोई सवाल ही नहीं उठता. तथाकथित सेकुलर पार्टियां ध्रुवीकरण की राजनीति करती हैं. बीजेपी इसको बढ़ावा नहीं देती.
सवाल- आपने ये बयान दिया है कि बीजेपी को कुछ मुसलमानों को टिकट देना चाहिए. लेकिन 20% आबादी होने के बावजूद उन्हें एक भी टिकट नहीं दिया गया? क्यों?
जवाब- दरअसल चुनाव में हमने जीतने के सामर्थ्य को आधार बनाया. हमें कोई जीतने वाला कैंडिडेट नहीं मिला, मिलता तो जरूर टिकट देते.
सवाल- अगर टिकट देने का फैसला केवल आपका होता तो क्या आप देते मुसलमानों को टिकट?
जवाब- ये तो बिल्कुल हाइपोथेटिकल सवाल हो गया. हमारा ये कहना है कि केवल जीतने के सामर्थ्य को आधार बनाया जाए.
मुख्यमंत्री पद के सवाल पर राजनाथ
सवाल- आप बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं ? आप यूपी मुख्यमंत्री चेहरा बनकर इस कैंपेन को और ज्यादा धार दे सकते थे. ऐसा क्यूं नहीं हुआ?
जवाब- क्या सारी पोस्ट हमारे पास होना चाहिए. अभी मैं गृहमंत्री हूं. खुद को मैं केवल एक कार्यकर्ता मानता हूं. जो पार्टी चाहेगी वो होगा. पार्टी के फैसले को आज तक मैनें कभी नहीं नकारा है. लेकिन पार्टी भी देखेगी कि मैं गृहमंत्री हूं. और भी लोग ऐसे हैं जिनके ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं है.
सवाल- आप जब पार्टी अध्यक्ष थे तब भी आपके बेटे पंकज सिंह राजनीति में आना चाहते थे. लेकिन आपने उन्हें मना किया था.क्यूं?
जवाब- मेरा ये मानना है कि नेताओं के बेटों को 10 साल पार्टी में काम करना चाहिए. इसलिए उस वक्त मैंने उनका टिकट काट दिया था.
सवाल- आपने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन नहीं होता तो बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें ले लेती? क्या आप मानते हैं कि गठबंधन से फर्क पड़ा है?
जवाब- सपा-कांग्रेस गठबंधन से शायद उनको 2-4 सीट का फायदा हो जाए लेकिन कांग्रेस के कई वोटर्स गठबंधन के बाद अब बीजेपी की तरफ आए हैं और इनका बड़ा प्रतिशत है.
सवाल- मणिपुर में नागा समझौते को लेकर लोगों को जो डर है उसके बारे में आप क्या कहेंगे? उनको लगता है उनके अपने राइट्स चले जाएंगे.
जवाब- नहीं. अधिकार छिनने का कोई सवाल ही नहीं है. मैं मणिपुरी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं, किसी भी सूरत में मणिपुर या किसी भी पूर्वी राज्य में उनकी क्षेत्रीय अखंडता प्रभावित नहीं होगी.
सईद की नजरबंदी- केवल छलावा!
सवाल- हाफिज सईद को नजरबंद किया गया है. क्या इस बार लगता है कि कोई कार्रवाई होगी?
जवाब- नहीं ये सब चीजें आंखों में धूल झोंकने वाली हैं. करना है तो कड़ी कार्रवाई करें. इंवेस्टीगेशन होना चाहिए, उस पर चार्जशीट दाखिल होना चाहिए, उसे दोषी ठहराया जाना चाहिए.
सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक करने पर बोले राजनाथ
सवाल- क्या सर्जिकल स्ट्राइक को सार्वजनिक करना सही था? कांग्रेस कहती है हमने भी किया, लेकिन कभी सार्वजनिक नहीं किया?
जवाब- मैं इस सवाल का जवाब चाहता हूं कि इसे क्यूं पब्लिक न किया जाए. इसकी चर्चा हम क्यूं न करें. बाकि कांग्रेस के समय में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं होगा.
सवाल- क्या दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक की गुंजाइश है?
जवाब- इसके पहले मैने कहा था कि दोबारा भी स्ट्राइक की जा सकती है. लेकिन मैं चाहता हूं इसकी नौबत ही न आए. हम पाकिस्तान के साथ आज भी अच्छे रिश्ते चाहते हैं. लेकिन पाक इसके लिए ईमानदार नहीं है.
सवाल- कोई कहता है कि अगर राहुल बने रहें तो बीजेपी को फायदा होगा? राहुल गांधी को किस रूप में देखते हैं.
जवाब- राहुल जिस तरीके के हैं वैसे ही बनें रहें(हंसते हुए). वो जैसे हैं वैसे ही बनें रहें.
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