मणिपुर विधानसभा चुनाव में समाजसेवी इरोम शर्मिला को करारी हार का सामना करना पड़ा है. पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरएजेए) की उम्मीदवार इरोम शर्मिला को केवल 90 वोट ही मिले हैं.
मणिपुर के वर्तमान मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी को अपनी थौबल विधानसभा सीट से जीत मिली है. उन्होंने अपने प्रतियोगी बीजेपी के प्रत्याक्षी लीतानथेम बसंता सिंह को 10,470 वोटों से हराया है. ओकराम इबोबी को कुल 18,649 वोट मिले हैं, जबकि बसंता सिंह को 8,179 वोट मिले हैं.
मणिपुर की आयरन लेडी कहलाने वाली इरोम शर्मिला ने अक्टूबर 2016 में अपनी राजनीतिक क्षेत्रीय पार्टी का ऐलान किया था. शर्मिला 16 साल तक मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (AFSPA) हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठी रहीं. उन्होंने जुलाई 2016 में यह कहकर अनशन खत्म किया था कि अब वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगी.
क्यों AFSPA को हटाने की मांग की?
इरोम शर्मिला ने 4 नवंबर, 2000 में अनशन शुरू किया था, जब कथित रूप से असम राइफल के जवानों ने इंफाल एयरपोर्ट के पास बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे 10 लोगों को गोलियों से भून डाला था. इसके बाद से इरोम शर्मिला लगातार AFSPA को मणिपुर से हटाने की मांग कर रही हैं.
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