विशाल विश्वकर्मा

विशाल विश्वकर्मा

विशाल, देवरहा बाबा की धरती से आते है. इनके जीवन का एक ही वेद वाक्य हैं होइहि सोइ जो राम रचि राखा. ये कल की चिंता नही करते हैं इनके लिये जो है सब आज हैं. करंट अफेयर्स, उर्दू और राजनीति में इनकी गहरी रुचि है और कभी-कभी शेरों शायरी भी कर लेते हैं. ये लाइफ टाइम लर्नर हैं. इनको सीखना या सीखाना अच्छा लगता है.