क्विंट हिंदी और गूगल मना रहे हैं भारतीय भाषाओं की बढ़ती ताकत का जश्न. टेक, मीडिया, पॉलिसी और कॉरपोरेट जगत से जुड़े देश के सबसे शानदार लोग, भारतीय भाषाओं के इंटरनेट रिवॉल्यूशन की तैयारी के लिए एक मंच पर साथ हैं. चर्चा हो रही है इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के भविष्य की.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि सरकार को नीतियों बनाने पर फोकस करना चाहिए. सरकार का काम धंधा करने और लोगों को सर्विस देने का नहीं है.
भारतीय भाषाओं और संगीत के बीच है खूबसूरत रिश्ता- सोनम कालरा
सिंगर और कंपोजर सोनम कालरा 'सूफी गॉस्पल प्रोजेक्ट' से जुड़ी हैं. वह Bol: Love Your भाषा के जरिए संगीत और भारतीय भाषाओं के संगम की बात कर रही हैं.
विज्ञापन देने वाले भेदभाव क्यों कर रहे हैं?
IPG मीडिया ब्रांड्स की चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर अदिति मिश्रा ने कहा-
- ज्यादातर विज्ञापन अभी भी गूगल और फेसबुक के पास जाते हैं क्योंकि उनका सिस्टम है
- हर ब्रांड के साथ जुड़ने के कई तरीके होते हैं, इसलिए डिजिटल का दायरा बहुत बड़ा है
- टेक्नोलॉजी जब आसान हो जाएगी, अंग्रेजी से अपनी भाषा तक पहुंचने में, तब पैसा आएगा
- टेलीविजन में हर विज्ञापन कई भाषाओं में तैयार हो रहे हैं, जहां जो भाषा, वहां वो विज्ञापन
- हिंदी विज्ञापन को दूसरी भाषा में बदलने के लिए ट्रांसलेशन नहीं चलता
- डिजिटल दुनिया में ट्रांसलेशन करने का आसान तरीका अभी भी काफी मुश्किल है
गूगल ऑनलाइन पार्टनरशिप के डायरेक्टर जयवीर नागी ने कहा-
- लोकल भाषाओं का दायरा बहुत बड़ा है, लेकिन इसमें कमाई होने में वक्त लगेगा
- अंग्रेजी के मुकाबले भारतीय भाषाओं का डिजिटल प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहा है
- वीडियो में लोग ज्यादा वक्त दे रहे हैं
- विज्ञापन देने वाले डिजिटल क्षेत्र में पैसा लगा रहे हैं
- बेहतर कंटेंट जो देगा विज्ञापन उसके पास आएंगे और उन्हें आना पड़ेगा
- भारतीय भाषाओं में लोग कितना वक्त दे रहे हैं उनके बारे में रिसर्च सामने आने के बाद विज्ञापन डिजिटल दुनिया में आने लगेंगे
डेलीहंट के फाउंडर वीरेंद्र गुप्ता ने कहा-
- भारतीय भाषाओं का नेटवर्क डिस्ट्रिब्यूशन काफी ज्यादा है
- भारतीय भाषाओं के प्लेटफॉर्म 3 से 5 साल में कमाई कराएंगे, ये भविष्य के प्लेटफॉर्म हैं. भारत अभी ढाई लाख करोड़ डॉलर की इकनॉमी है
- वैकल्पिक बिजनेस मॉडल तैयार करना बहुत अच्छा तरीका है. सब्सक्रिप्शन आय का तरीका हो सकता है
- विज्ञापनदाताओं से पैसे लेने के लिए स्टैंडर्ड भी बढ़ाना होगा
इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका ने कहा-
- विज्ञापन देने वालों को डिजिटल मीडिया से बात करके अपनी जरूरतों की चर्चा करनी होगी
- विज्ञापन देने वाले हिंदी और भारतीय भाषाओं को विज्ञापन ना देने के बहाने बनाते हैं
- सब्सक्रिप्शन का विकल्प आसान नहीं होगा
द क्विंट की को-फाउंडर रितु कपूर ने कहा-
- डिजिटल कंपनियों को क्वालिटी दुरुस्त करनी होगी
- डिजिटल में निवेश अभी फ्यूचर के लिए किया जा रहा है
- एंगेजमेंट बढ़ाने के लिए वीडियो की तादाद बढ़ानी होगी
- क्वालिटी के जरिए लोगों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना होगा
- यूजर्स से सब्सक्रिप्शन लेने का विकल्प हो सकता है.
सरकार पॉलिसी बनाए पर बिजनेस में दखल ना करे-गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा-
- मैं इंजीनियर नहीं हूं पर लोग मुझे इंजीनियर कहते हैं. लोग जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते
- हमने आईआईटी को आर्थिक मदद देकर कहा कि वो नई टेक्नोलॉजी के लिए काम करे.
- चेन्नई आईआईटी की मदद से नई रिसर्च की जा रही है.
- लोग टैलेंटेड हैं, पर सरकार में बैठे लोग फाइल से बहुत प्यार करते हैं.
- मैंने अपने एक अधिकारी से कहा फाइल पर इतने दिनों तक क्यों बैठे रहते हैं?
- जिसे एक तारीख को तनख्वाह मिलती है वो पैसे की अहमियत नहीं समझता
- सरकार पॉलिसी बनाए पर बिजनेस में दखल ना करे