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बजट की ABCD : क्या होता है गवर्मेंट रेवेन्यू ?

सरकार की कमाई का ज्यादातर हिस्सा टैक्स रेवेन्यू से ही आता है

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क्विंट हिंदी आपके लिए लाया है स्पेशल सीरीज बजट की ABCD, जिसमें हम आपको बजट से जुड़े कठिन शब्दों को आसान भाषा में समझा रहे हैं.. इस सीरीज में आज हम आपको गवर्मेंट रेवेन्यू यानी सरकारी कमाई का मतलब समझा जा रहे हैं.

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गवर्मेंट रेवेन्यू यानी सरकार की कमाई

सरकार अपने साल भर के खर्चों को पूरा करने के लिए दो तरह से पैसा हासिल करती है, पहला तरीका टैक्स रेवेन्यू और दूसरा नॉन टैक्स रेवेन्यू.इनसे जो पैसा हासिल होता है, उसे गवर्मेंट रेवेन्यू यानी सरकार की कमाई कहते हैं

सरकार की कमाई का ज्यादातर हिस्सा टैक्स रेवेन्यू से ही आता है

इन दो तरीकों से पैसा कमाती है सरकार

कर राजस्व यानी टैक्स रेवेन्यू और गैर-कर राजस्व यानी नॉन-टैक्स रेवेन्यू.

टैक्स रेवेन्यू : सरकार टैक्स लगाकर जो रेवेन्यू हासिल करती है, उसे टैक्स रेवेन्यू कहा जाता है. सरकार विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाती है. जैसे

-कॉरपोरेशन टैक्स

-इनकम टैक्स

-जीएसटी

-यूनियन एक्साइज ड्यूटी

-कस्टम ड्यूटी

-सर्विस टैक्स

सरकार की कमाई का ज्यादातर हिस्सा टैक्स रेवेन्यू से ही आता है
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नॉन टैक्स रेवेन्यू : नॉन टैक्स रेवेन्यू का मतलब है सरकारी कंपनियों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से मिलने वाला डिविडेंड, इंटरेस्ट इनकम और विनिवेश से होने वाली आय. सभी सरकारी कंपनियों और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को, जिनमें बैंक और आरबीआई भी शामिल हैं, हर साल केंद्र सरकार को अपने मुनाफे का एक हिस्सा डिविडेंड के रूप में देना होता है. कई बार सरकार इन प्रतिष्ठानों से ज्यादा डिविडेंड घोषित करने की मांग भी करती है.

सरकार की कमाई का ज्यादातर हिस्सा टैक्स रेवेन्यू से ही आता है
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सरकारी खर्च अगर राजस्व से ज्यादा होता है तो फिर उसकी भरपाई के लिए सरकार बाजार से उधार लेती है

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