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सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी, मैनिफेस्टो पर ही अमल कर लीजिए सरकार

जानिए बेरोजगारी से निपटने के लिए किस दिशा में बढ़ सकती है सरकार 

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

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पहली बार वित्त मंत्री बनीं निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को नई मोदी सरकार का पहला बजट पेश करेंगी. इस दौरान उनके सामने दो बड़ी चुनौतियां होंगी इकॉनमी को पटरी पर लाना और नई नौकरियां पैदा करना. खास बात ये है कि ये दोनों चुनौतियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं.

चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में रोजगार को लेकर कई वादे किए थे. अगर उन वादों का रिफ्लेक्शन बीजेपी की अगुवाई वाली नई सरकार के बजट में दिखा तो बेरोजगारों को काफी मदद मिल सकती है. रोजगार के मोर्चे पर सरकार बजट में क्या ऐलान कर सकती है.इसे जानने से पहले इकनॉमी और बेरोजगारी के मौजूदा हालात को समझने की कोशिश करते हैं.

साल 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर महज 5.8 फीसदी रही है, जो कि 5 सालों में सबसे कम है. NSSO के 2017-18 जॉब सर्वे के मुताबिक, बेरोजगारी दर 45 साल का सबसे ऊंचा स्तर छू चुकी है.

कई बड़े सेक्टर में डिमांड की कमी है. जब मांग कम है तो चीजें कम बनेंगी. यानी कम कामगारों की जरूरत होगी. इसी का नतीजा है कि इन सेक्टर्स में बेरोजगारी की जड़ें जम रही हैं. चलिए अब उन संभावित समाधानों पर एक नजर दौड़ाते हैं, जिनको बजट में शामिल कर नई मोदी सरकार बेरोजगारी से निपटना चाहेगी.

1. सरकार चैंपियन सेक्टर्स की पहचान कर उनके लिए अहम नीतियों का ऐलान कर सकती है. बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में ऐसे 22 सेक्टरों की पहचान करने का वादा किया था. पार्टी ने कहा था कि इन सेक्टरों को बढ़ावा देने से रोजगार के नए मौके पैदा होंगे. स्टार्टअप  को बढ़ावा देने के लिए सरकार 50 लाख रुपये तक का कोलेटरल फ्री कर्ज देने की योजना ला सकती है.

2. इसके अलावा सरकार नए इनोवेशन जोन बनाने का भी ऐलान कर सकती है. लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में कहा था कि हम 20,000 करोड़ रुपये के सीड स्टार्टअप फंड की स्थापना कर स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे. बजट में इस बारे में भी कोई ऐलान हो सकता है.

3. रोजगार पैदा करने के लिए स्किल डिवेलपमेंट पर जोर देना भी जरूरी है. सरकार नई तकनीक के हिसाब से वर्कफोर्स तैयार करने के लिए नई नीति ला सकती है. इसे लेकर बीजेपी ने ‘नेशनल रीस्किलिंग और अपस्किलिंग नीति’ बनाने का वादा किया था.

4. बजट में सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसी नई तकनीकों को लेकर भी कुछ ऐलान कर सकती है वक्त के साथ इन सेक्टर्स में रोजगार के बहुत से मौके पैदा होने की संभावना है.

5. MSME सेक्टर की मजबूती के लिए सरकार नए तकनीक केंद्रों का ऐलान कर सकती है. इनके जरिए सरकार MSME को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, वर्चुअल रिएलिटी और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों से रूबरू कराने की कोशिश कर सकती है.

6. सरकार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश पर भी जोर दे सकती है. यहां से बड़े पैमाने पर रोजगार की गुंजाइश पैदा हो सकती है.

7. दूसरा अहम सेक्टर है कृषि का. गांवों में मंदी का चौतरफा असर है. मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का ऐलान किया है. बजट में अगर इस दिशा में ठोस कदम उठाए गए तो ना सिर्फ कृषि क्षेत्र में रोजगार पैदा होंगे बल्कि FMCG, मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टरों में भी मांग बढ़ेगी, जिससे नए रोजगार पैदा होंगे.

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