5 जुलाई को मोदी सरकार 2.0 अपना पहला बजट पेश करने वाली है. इस बजट में आम लोगों के लिए सरकार क्या कुछ खास ला सकती है, खासकर टैक्स में कितनी छूट मिल सकती है, इसके बारे में बता रहे हैं पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट गौरव मशरूवाला.
क्या इसबार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हो सकता है?
पिछले वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने टैक्स स्लैब में थोड़े फेरबदल किए थे. वो बदलाव एक अप्रैल से लागू हो गए हैं. अभी बीच का वक्त है, आधे साल में एक रेट और आधे साल में दूसरा रेट, ये इनकम टैक्स और टैक्स देने वालों के लिए और सरकार के लिए थोड़ा मुश्किल होगा. मुझे नहीं लगता कि टैक्स स्लैब में कोई बड़ा बदलाव होगा लेकिन पूर्ण बजट है तो थोड़ा-बहुत बदलाव हो सकता है.
क्या घर खरीदारों को होमलोन पर मिलने वाली टैक्स छूट बढ़ेगी?
कई सालों से ब्याज दर सेक्शन के तहत दो लाख रुपये तक के होमलोन पर जो इनकम में छूट मिल जाती है, उसमें ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं.आज अगर 8-9% होमलोन का ब्याज लगता है तो मुश्किल से 20-25 लाख के लोन पर इतनी रकम तो हो जाती है, एक आम आदमी को किसी बड़े शहर में 20-25 लाख की प्रॉपर्टी नहीं मिलती. मैं चाहता हूं कि आम आदमी को पहली प्रॉपर्टी में जितना भी ब्याज देना पड़े उसमें छूट मिल जाए , अगर नहीं भी मिले तो लिमिट बढ़ा दें. बेहतर होगा कि कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए इससे जो इंडेक्स नंबर आते हैं उसके साथ लिंक कर दें. हर साल नंबर बढ़ते जाते हैं तो लिमिट भी बढ़ती जाए.
बजट से और क्या उम्मीद कर रहे हैं?
हेल्थकेयर में लागत बहुत बढ़ गई है, वहां पर कुछ छूट दी जाए तो बेहतर है, कैपिटल गेन्स टैक्स में साल के बीच में ये बदलाव करना थोड़ा मुश्किल होगा. मुझे लगता है कि वो निवेशकों का भरोसा तोड़ने वाला था. एसटीटी लॉन्च करते वक्त कहा गया था कि ये कैपिटल गेन्स टैक्स की जगह लाया गया था. दोनों टैक्स लगाना सही नहीं है. एजुकेशन में सेक्शन 80C में बच्चों के स्कूल फी में छूट दी जाती है. उसमें बदलाव की जरूरत है, क्योंकि इसकी लिमिट काफी वक्त से नहीं बढ़ी है.
निवेश का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
ये आपके फाइनेंशियल गोल पर निर्भर करता है, अगर आपका गोल 2 या 3 साल का है तो डेट फंड या फिक्सड डिपॉजिट ही बेहतर है. लंबे अरसे के लिए इक्विटी मार्केट या इक्विटी म्यूचुअल फंड की ओर ध्यान दें, बीच के समय में डेट इक्विटी का कंबाइंड पोर्टफोलियो कर सकते हैं
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