देश में लाखों ऐसे लोग हैं जो एक साथ मकान का किराया भी दे रहे हैं और EMI भी चुका रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें सालों से पजेशन नहीं मिला है. और पजेशन इसलिए नहीं मिल रहा क्योंकि पूरा रियलिटी सेक्टर मंदी की चपेट में है. तो कैसे हाउसिंग सेक्टर को ठीक किया जाए, कैसे घर खरीद चुके लोगों को EMI और रेंट की दोहरी मार से बचाया जाए और कैसे सरकार नए होम बायर को बजट में सहूलियत दे सकती है? इन्हीं विषयों पर क्विंट हिंदी ने रियल एस्टेट डेवलपर निरंजन हीरानंदानी से खास बातचीत की.
निरंजन हीरानंदानी के मुताबिक, हाउसिंग सेक्टर में सुधार के लिए बाजार में नकदी बढ़ाने की जरूरत है. एक बार ये सुधर जाए तो राहत मिल जाएगी और रियल स्टेट में तेजी भी आ सकती है. कई चीजें जैसे RERA, नोटबंदी, GST की वजह से इस सेक्टर में काफी स्लोडाउन हो गया था. लोग अपनी चीजों को टाल रहे थे क्योंकि GST 12% थी. अगले 5-6 महीने में जैसे ही बाजार में नकदी आएगी, इस सेक्टर भी सुधार हो जाएगा.
बाजार में सुस्ती को लेकर हीरानंदानी का कहना है कि ऐसा दो वजहों से ऐसा हो रहा है.
- लिक्विडिटी की कमी
- बाजार के हालात
अक्सर ऐसा होता है कि लोगों को अगर आगे कम उम्मीद दिखती है तो वो खरीदी को टाल देते हैं . लेकिन दिवाली के वक्त जब मौसम ठीक हो जाएगा, कृषि के क्षेत्र में भी सुधार हो जाएगा तो सुधार हो जाएगा.
बाजार में गिरावट है. प्रीमियम सेगमेंट पर इस गिरावट का असर ज्यादा देखने को मिलता है. अफोर्डेबल सेगमेंट कम भाव में है और सरकार ने उन्हें काफी राहत दी है. सरकार ने GST, क्रेडिट अवेलबिलिटी और कंसेशन में राहत दी है, लिहाजा अफोर्डेबल सेगमेंट की स्पीड ज्यादा है.
निरंजन हीरानंदानी के मुताबिक, रियल स्टेट सेक्टर की समस्याओं के समाधान के लिए RBI, केंद्र और राज्य सरकारों को अप्रोच किया जा रहा है. राज्यों को कहा जा रहा है कि स्टाम्प ड्यूटी में राहत दें. नगर निगम को डेवलपमेंट चार्ज में राहत देने को कहा जा रहा है. लैंड अंडर कंस्ट्रक्शन की कॉस्टिंग ज्यादा है, केंद्र सरकार को इसके लिए GST कम करने के लिए कहा जा रहा है. ताकि
रियल स्टेट के सेगमेंट में कुछ इम्प्रूवमेंट हो सके.
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