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2019 में मंदी ने रोका ऑटो सेक्टर का पहिया, बजट में मिलेगी रफ्तार?

इकनॉमिक स्लोडाउन के कारण 2019 में कार की बिक्री पर बुरा असर हुआ. अब सबकी नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं.

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भारत के ऑटो सेक्टर के लिए साल 2019 बेहद निराशाजनक रहा. इकनॉमिक स्लोडाउन के कारण कारों की बिक्री पर बुरा असर हुआ. अब सबकी नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं, जो 1 फरवरी 2020 को अपना दूसरा आम बजट पेश करने वाली हैं.

क्या कार निर्माताओं को इस बजट के बाद कुछ राहत मिलेगी? क्या आम बजट के बाद कीमतों में कमी आएगी? क्या ग्राहकों का भरोसा फिर से कायम होगा और खरीददारों के पास बजट के बाद पैसे होंगे? बजट 2020 से भारत के कार निर्माताओं की क्या उम्मीदें हो सकती हैं, इस पर एक नजर डालते हैं.

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इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर फोकस

कार निर्माताओं ने जीएसटी दर को कम करने और लीथियम-आयन बैट्री पर इम्पोर्ट ड्यूटी हटाने (इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री को बढ़ाने) जैसे कदम उठाए जाने की मांग की है.

इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनियां पहले से ही सरकार की घोषणाओं को लेकर काफी उत्सुक हैं. हालांकि, उनका मानना है कि भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को प्रमोट करने के लिए काफी काम करने की जरूरत है. और यह सिर्फ पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए नहीं, बल्कि निजी ग्राहकों के लिए भी करना जरूरी है.

हम आशा करते हैं कि सड़कों पर अधिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लाने के लिए सरकार अच्छी नीतियां, इंसेंटिव और चार्जिंग सुविधा लेकर आएगी. सरकार को भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बैट्री उत्पादन के लिए कच्चे मालों के सोर्सिंग के लिए इंसेंटिव उपलब्ध करानी चाहिए.
गौरव गुप्ता, एमजी मोटर इंडिया के चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर

कंपनियों का मानना है कि इससे एक मजबूत इलेक्ट्रिक कार केंद्रित माहौल बनेगा और लॉन्ग टर्म में इसके विकास के लिए काफी फायदेमंद होगा.

मांग को बढ़ावा देना

हालांकि, भारत स्टेज इमीशन नॉर्म्स (BS-6) इंजन पर शिफ्ट होने के कारण आने वाले महीनों में नई कारों के लिए मांग कम होने वाली है, जिसके कारण सभी नई गाड़ियों की दाम भी बढ़ेगी.

एमजी मोटर इंडिया के गौरव गुप्ता का कहना है, "सरकार को बढ़ी हुई जीएसटी दर को भी कम करने पर ध्यान देना चाहिए. जो कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग को बढ़ावा देने के लिए हाल में लाए गए BS-6 नॉर्म्स के कारण पैदा हुआ है."

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव मैनुफैक्चरर्स (SIAM) ने भी अगले कुछ महीनों में मांग में गिरावट का अनुमान लगाया है.

1 अप्रैल से BS-6 नॉर्म्स के लागू होने के बाद कारों के दाम बढ़ेंगे और इसके कारण मांग में गिरावट आएगी. हम चाहते हैं कि सरकार जीएसटी दर को कम करे ताकि ऑटो सेल प्रभावित न हों.
राजन वाधेरा, SIAM के अध्यक्ष

SIAM का यह भी मानना है कि कमर्शियल गाड़ियों की कीमत (BS-6) इमीशन नॉर्म्स के कारण 8-10 फीसदी बढ़ जाएंगी. खासकर डीजल गाड़ियों के दाम अधिक बढ़ेंगे, क्योंकि इसमें उपयोग होने वाला इमीशन कंट्रोल सिस्टम ज्यादा महंगा है.

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जीएसटी दर में कटौती

इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, कार निर्माता उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार कुछ गाड़ियों पर जीएसटी दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करेगी. हालांकि जीएसटी के रूप में सरकार के लिए राजस्व बटोरने का एक महत्वपूर्ण श्रोत होने के कारण वे इसके लिए ज्यादा आशान्वित भी नहीं हैं. क्योंकि पिछले बजट में भी कार के लिए सरकार ने जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था.

इसके अलावा कार निर्माता उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इंसेंटिव आधारित स्क्रैपिंग पॉलिसी लेकर आए. इससे पुरानी गाड़ियों को हटाकर नई गाड़ियों को खरीदने में (जिससे मांग बढ़ेगी) खरीददारों को कुछ इंसेटिव मिले.

कार निर्माताओं ने पुरानी कार को हटाकर नई कार खरीदने वालों के लिए जीएसटी, रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में सामूहिक रूप से 50 फीसदी कटौती करने का प्रस्ताव दिया है.

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