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इनकम टैक्स में छूट का सिर्फ अहसास है, राहत नहीं: हिसाब समझिए

वित्त मंत्री ने बजट 2020 में पेश की नई टैक्स व्यवस्था 

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देश में अब दो इनकम टैक्स सिस्टम आ गए हैं. आप दोनों में से एक चुन सकते हैं. ऊपर से देखने पर अहसास होता है कि नए सिस्टम में टैक्स राहत मिली है..लेकिन सच्चाई ये नहीं है. नए सिस्टम में आपको टैक्स रेट तो कम लगेगी लेकिन कोई छूट नहीं मिलेगी. और इस वजह से पुराने सिस्टम में ज्यादा टैक्स छूट मिलता दिखेगा. टैक्स का ये हिसाब किताब समझा रही हैं कंज्यूमर एक्सपर्ट प्रियंका संभव...

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नई टैक्स व्यवस्था के तहत, 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स मुक्त रहेगी. 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी की दर से टैक्स लगेगा, लेकिन पहले की तरह ही 12,500 रुपये की राहत बने रहने से इस सीमा तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा. पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी, साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 10-12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 फीसदी की दर से इनकम टैक्स का प्रस्ताव है.
  • अगर आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट का फायदा उठा रहे हैं. धारा 80 डी या एनपीएस दोनों में से किसी एक को चुनते हैं और 50 हजार की अधिकतम छूट का फायदा लेते हैं. आपने 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन ले लिया. इसके अलावा होमलोन इंटरेस्ट पर आपने 2 लाख की छूट ले ली. ये सब छूट कुल 4.5 लाख रुपये की हो गई.
  • अगर आपकी इनकम 7.5 लाख रुपये सालाना मान लें और आप ऊपर बताए गई कुल छूट (4.5 लाख रुपये) का फायदा उठा रहे हैं तो डिडक्शन के साथ आपकी इनकम 3 लाख रुपये रह जाती है, जो 5 लाख रुपये से कम है, ऐसे में पुरानी टैक्स व्यवस्था के हिसाब से आप पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
  • अब नए टैक्स सिस्टम की बात करते हैं, आपने ऊपर बताई गई किसी भी छूट का फायदा नहीं लिया. ऐसे में आपको 4 फीसदी सेस के साथ 39000 रुपये टैक्स देना होगा.
  • इसी तरह ऊपर ली गई छूट के साथ ही 10 लाख की इनकम पर पुरानी टैक्स व्यवस्था में आपको 4 फीसदी सेस के साथ 23400 रुपये का टैक्स देना होगा, जबकि नई टैक्स व्यवस्था के हिसाब से 78000 रुपये का टैक्स देना होगा.
  • बाकी स्लैब में (12.5 लाख, 15 लाख, 20 लाख रुपये आय लें तो) भी इसी तरह कैलकुलेशन करने पर नई व्यवस्था के तहत ज्यादा टैक्स सामने आता है.
  • ध्यान रहे कि ऊपर कुछ ही डिडक्शन लिए गए हैं, जबकि आप नए सिस्टम में जाते हैं तो एलटीसी, एचआरए, फैमिली पेंशन जैसे डिडक्शन से भी आपको हाथ धोना पड़ेगा.

यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि एक बार नई टैक्स व्यवस्था को चुनने के बाद यह व्यवस्था आगामी सालों में भी लागू रहेगी.

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