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Budget session: पेगासस, MSP समिति, चीन-इन मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है विपक्ष

राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण के साथ ही वित्त वर्ष 22-23 के लिए संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ ही वित्त वर्ष 22-23 के लिए संसद का बजट सत्र (Budget 2022) सोमवार से शुरू हो गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 और मंगलवार, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी.

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5 राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के ठीक पहले शुरू इस बजट सत्र पर आर्थिक विशेषज्ञों के साथ-साथ चुनावी विश्लेषकों की भी पैनी नजर है.

बजट सत्र के पहले दिन सभी राजनीतिक दलों से बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने की अपील करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव आते रहते हैं, लेकिन पांच राज्यों में चल रहे चुनाव का असर इस बजट सत्र पर नहीं पड़ना चाहिए.

हालांकि आर्थिक विशेषज्ञों और चुनावी विश्लेषकों में यह आम सहमति दिख रही है कि ऐसा मुश्किल है- उम्मीद लगायी जा रही है कि जहां सरकार लोकलुभावन बजट पेश कर चुनाव में माइलेज लेने की कोशिश कर सकती है वहीं दूसरी ओर विपक्ष पेगासस से लेकर बॉर्डर पर चीन की मौजूदगी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

एक रिपोर्ट से फिर निकला पेगासस जासूसी का जिन्न

पेगासस जासूसी कांड पर सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. 28 जनवरी को न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत ने 2017 में इजरायल के साथ रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था.

इसके बाद मामला एक बार फिर याचिका के रूप में सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है जबकि विपक्षी दल इसे बजट सत्र के दौरान संसद में उठाने की योजना बना रहे हैं.
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पहले ही सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को लेटर लिखकर सरकार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ सदन को गुमराह करने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की है.

गौरतलब है कि सरकार ने 2021 में संसद में एक बयान में "जासूसी" के सभी आरोपों से इनकार किया था. पिछले साल संसद के मानसून सत्र में भी विपक्ष ने पेगासस मुद्दा के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा था. विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा की मांग की थी और सदनों को सामान्य रूप से चलने नहीं दिया था.

हालांकि इस बार भी इस बात की उम्मीद काफी कम है कि सरकार मौजूदा बजट सत्र के दौरान इसपर चर्चा करने के लिए हामी भरेगी.

किसानों का मुद्दा

कृषि कानूनों पर किसानों के लंबे आंदोलन के बाद सरकार को झुकना पड़ा और कानूनों को निरस्त करना पड़ा. प्रधान मंत्री मोदी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मुद्दों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया था. लेकिन यह अब तक नहीं हुआ. इसी को लेकर किसान नेताओं ने सोमवार, 31 जनवरी को ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाने के रूप में घोषणा की है.

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आने वाले चुनावों (खासकर पंजाब और उत्तर प्रदेश) को देखते हुए विपक्ष भी किसानों के मुद्दे पर सरकार को संसद के अंदर घेरने को तैयार है. मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह साफ शब्दों में कहा भी है. दूसरी तरफ सरकार भी खुद को किसान हितैषी सिद्ध करने के लिए बजट का सहारा ले सकती है. विशेषज्ञ खाद सब्सिडी में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं.

चीन के साथ सीमा विवाद , एयर इंडिया को भी विपक्ष बना सकता है मुद्दा

संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले, कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह ने शुक्रवार, 28 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक बैठक की थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक में बजट सत्र के दौरान कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) के पीड़ितों को राहत पैकेज, एयर इंडिया को टाटा समूह के हाथों बेचने, महंगाई, चीन के साथ सीमा विवाद और किसानों की चिंता जैसे मुद्दों को उठाए जाने का फैसला लिया गया.

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