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थोड़ी देर में आएगा आर्थिक सर्वे,जानें इतना अहम क्यों ये दस्तावेज?

2019-2020 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण शुक्रवार (31 जनवरी) को संसद में पेश किया जाएगा.

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संसद में शुक्रवार (31 जनवरी, 2020) को आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा. केंद्रीय बजट से एक दिन पहले, देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) आर्थिक सर्वे जारी करते हैं. 2019-2020 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण शुक्रवार (31 जनवरी) को संसद में पेश किया जाएगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था की हालिया स्थिति को देखते हुए, इस साल के आर्थिक सर्वे पर निगाह रहेगी.

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आर्थिक सर्वे क्या है?

आर्थिक सर्वे एक रिपोर्ट है, जो हर साल सरकार पेश करती है, इसमें देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखाजोखा होता है. इस रिपोर्ट से आधिकारिक रूप से पता चलता चलता है कि बीते साल देश की आर्थिक स्थिति कैसी थी, साथ ही साथ ये भी पता चलता है आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं.

आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार(CEA) के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है. वर्तमान में मुख्य आर्थिक सलाहकर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम हैं.

पहला आर्थिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. साल 1964 तक, आर्थिक सर्वे को बजट के साथ ही पेश किया जाता था. 

पिछले कुछ सालों से, आर्थिक सर्वे दो भाग में पेश किया जा रहा है

  • वॉल्यूम 1- भारतीय इकॉनमी को संकट से निकलने के लिए हुए रिसर्च और विश्लेषणों को इसमें शामिल किया जाता है.
  • वॉल्यूम 2- इसमें वित्तीय वर्ष की अधिक विस्तृत समीक्षा की जाती है , जिसमें अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाता है.

आर्थिक सर्वे क्यों जरूरी है?

इस रिपोर्ट से आधिकारिक रूप से पता चलता चलता है कि बीते साल देश की आर्थिक स्थिति कैसी थी, साथ ही साथ ये भी पता चलता है आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं.

इसमें कुछ अहम मुद्दों को उजागर करने के लिए भी किया जा सकता है- उदाहरण के लिए, 2018 में, तत्कालीन सीईए अरविंद सुब्रमण्यन ने लिंग समानता(Gender Equality) की ओर ध्यान आकर्षित किया था. इस चैप्टर को पिंक रंग में दिखाया गया था.

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