वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि भारत 2022 में जी-20 समिट की मेजबानी करेगा और अब सरकार ने इसके ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. जी-20 के मंच पर भारत अपना वैश्विक आर्थिक एजेंडा चलाएगा.
बता दें जी-20, जो देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसमें अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ (ईयू), फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, इंग्लैंड और अमेरिका हैं. इसे विभिन्न उद्योगपतियों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साझा मंच प्रदान करने के लिए गठित किया गया था, जिस पर वे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर चर्चा कर सकें.
भारत 2022 में जी-20 समिट की मेजबानी कर रहा है तो उम्मीद की जा रही है कि वैश्विक आर्थिक एजेंडा चलाने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
वैश्विक नेताओं की यह बैठक आम तौर पर वित्त तथा व्यापारिक मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनर की मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले होती है. बैठक में वैश्विक नेताओं को चर्चा करने के लिए आर्थिक एजेंडा बनाया जाता है. वैश्विक आर्थिक एजेंडा में अपने कदम जमाने के लिए भारत साल 2022 में यह अवसर भुनाना चाहेगा.
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