हमसे जुड़ें
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मिश्टी, श्री अन्न, PM-प्रणाम..निर्मला ताई के बजट भाषण से निकले नए शब्दों का मतलब

निर्मला सीतारमण के इन शब्दों का योजनाओं से क्या ताल्लुक है?

Published
मिश्टी, श्री अन्न, PM-प्रणाम..निर्मला ताई के बजट भाषण से निकले नए शब्दों का मतलब
i
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2023-24 में गोबरधन, भारत श्री, श्री अन्न, पीएम-प्रणाम और मिश्टी जैसे शब्दों का उपयोग किया. इन शब्दों के बारे में आप कितना जानते हैं. बजट के लिहाज से इनका मतलब क्या है? इन शब्दों का योजनाओं से क्या ताल्लुक हैं? आइए जानते हैं...

ADVERTISEMENTREMOVE AD

श्री अन्न

'श्री अन्न' शब्द कृषि से जुड़ा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "हम दुनिया में श्री अन्न के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं. हम कई प्रकार के श्री अन्न उगाते हैं. जैसे- ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा. इनके ढेरों स्वास्थ्य फायदे हैं और यह सदियों से हमारे भोजन का मुख्य अंग बने रहे हैं. मैं इन श्री अन्न को उगा कर देशवासियों की सेहत में योगदान करने वाले छोटे किसानों द्वारा की गई उत्कृष्ट सेवा के लिए उनके प्रति आभार व्यक्ति करती हूं.

अब भारत को श्री अन्न के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के लिए भारतीय बाजार अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे कि यह संस्थान सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा कर सके.

भारत श्री

'भारत साझा पुरालेख निधान' एक डिजिटल पुरालेख संग्रहालय में प्रथम चरण में एक लाख प्राचीन पुरालेखों के डिजिटलीकरण के साथ स्थापित किया जाएगा.

पीएम-प्रणाम

'पृथ्वी माता के पुनर्रुद्धार, इसके प्रति जागरूकता पोषण और सुधार के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम" राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग और इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया जाएगा.

गोबरधन

गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिट धन) नामक स्कीम के तहत 500 नए 'अवशिष्ट से आमदनी' संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा. इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 और 300 समुदाय या क्लस्टर आधारित संयंत्र हैं, जिनमें कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपए होगी. प्राकृतिक और बायो गैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 फीसदी का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा. बायो-मास के संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए उपयुक्त राजकोषीय सहायता प्रदान की जाएगी.

मिश्टी

वन-रोपण में भारत को मिली सफलता के आधार पर, मनरेगा, सीएएमपीए कोष और अन्य स्रोतों के बीच तालमेल के माध्यम से तटीय रेखा के साथ-साथ और लवण भूमि पर, जहां भी व्यवहार्य हो मैंग्रूव पौधारोपण के लिए 'तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी के लिए मैंगू पहल' मिश्टी की शुरुआत की जाएगी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×