अमेजन और फ्लिपकार्ट बजट में ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी टीडीएस लगाने के प्रावधान पर स्पष्टीकरण के लिए सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी. अमेजन इंडिया के प्रवक्ता के मुताबिक कंपनी बजट में ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगाए गए एक फीसदी के टीडीएस पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी. कंपनी की ओर से इस प्रपोजल की समीक्षा की जा रही है ताकि यह पता किया जा सके कि उनके प्लेटफॉर्म पर मौजूद एमएसएमई कंपनियों और सेलर्स पर क्या असर पड़ेगा.
शनिवार को पेश हुए 2020 के बजट में सरकार ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी का टीडीएस लगाने का ऐलान किया है. इससे इन कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले सेलर्स को नुकसान हो सकता है. साथ ही ग्राहकों के लिए भी खरीदारी महंगी हो सकती है.
1 अप्रैल से कटने लगेगा टीडीएस
बजट 2020 में कहा गया है कि टैक्स दायरे को बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को भी टैक्स दायरे में लाने का फैसला किया गया है. इसलिए इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन 194-O डाला गया है. इसके तहत ई- कॉमर्स कंपनियों के ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला किया गया है. नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा.
इस प्रावधान के मुताबिक फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर हर ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी का टीडीएस लगेगा. यानी ये कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद सेलर्स के हर ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी का टीडीएस काट कर सरकार के पास जमा कराएंगीं.यह प्रावधान उन सेलर्स पर लागू नहीं होगा जिसकी पिछले साल ई-कॉमर्स ऑपरेटर के जरिये होने वाली बिक्री पांच लाख रुपये से कम हो.
ग्राहकों पर टीडीएस का बोझ डाल सकती हैं कंपनियां
BookMyShow के फाइनेंस हेड मितेश शाह ने कहा कि ई-कॉमर्स पर बेची जाने वाली चीजों और सर्विस पर अब एक फीसदी टीडीएस काटना अनिवार्य होगा. यह जीएसटी पर लगने वाले टैक्स के अलावा होगा. इससे ई-कॉमर्स कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी. शाह के इस बयान से लगने लगा है कि कंपनियां शायद अब यह बोझ ग्राहकों पर डाल सकती है.
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