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Budget 2023|कैसा है भारतीय इकनॉमी का 'हेल्थ कार्ड', सरकार की आय-खर्च का गणित

Budget 2023: सरकार साल 2023-24 के लिए कुल 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.

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(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोदी 2.0 सरकार का पांचवां और आखिरी बजट पेश कर दिया है. सीतारमण ने बजट 2023 को अमृतकाल का पहला बजट बताया और कहा कि इस बजट की 7 प्राथमिकताएं होंगी. ये हैं समावेशी विकास, आखिरी मील तक पहुंच, इंफ्रा और निवेश, क्षमता विस्तार, ग्रीन विकास, युवा शक्ति और फाइनेंशियस सेक्टर है.

इस बजट की प्रमुख बातें और कमाई, खर्च, घाटे के बारे में यहां पढ़िए.

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सरकार की कमाई और खर्च का ब्योरा

  • सरकार इस साल कुल 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी

  • इसमें से कैपिटल एक्सपेंडिचर यानी इंफ्रास्ट्रक्चर समेत विकास की योजनाओं पर 10 लाख करोड़ रुपये तय किए गए हैं.

  • फिस्कल डेफिसिट यानी सरकार अपने घाटे को 2025-26 तक जीडीपी के 4.5% से नीचे लाएगी.

  • सरकार का अनुमान है कि 2022-23 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 6.4% होगा और साल 2023-2024 में इसे 5.9% रखने का लक्ष्य है.

  • सरकार ने कुल राजस्व (कमाई) का आंकड़ा साल 2023-24 के लिए 45.03 लाख करोड़ है.

सरकार कहां से कमाएगी

आयकर 15%

एक्साइस ड्यूटी (7%)

कॉर्पोरेट टैक्स (15%)

जीएसटी (17%)

कस्टम ड्यूटी (4%)

नॉन टैक्स रिसिट (6%)

नॉन डेट कैपिटेल रिसिट (2%)

उधार और बाकी ऋण (34%)

Budget 2023: सरकार साल 2023-24 के लिए कुल 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.

सरकार की कमाई

फोटो सोर्स- इंडियन बजट

सरकार कहां खर्च करेगी

पेंशन (4%)

ब्याज (20%)

केंद्र की योजनाएं (9%)

सब्सिडी (7%)

रक्षा (8%)

केंद्र की अन्य स्कीम (17%)

फाइनेंस कमीशन (9%)

राज्यों के हिस्से की ड्यूटी और टैक्स (18%)

बाकी खर्च (8%)

Budget 2023: सरकार साल 2023-24 के लिए कुल 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.

सरकार का खर्च

फोटो सोर्स- इंडियन बजट

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इनकम टैक्स में छूट देकर सरकार को कितना घाटा?

वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने बताया कि, टैक्स में छूट देने के बाद, टैक्स से होने वाली कमाई में सरकार को 38 हजार करोड़ का घाटा होगा. जिसमें से 37,000 करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स और 1000 करोड़ रुपये इनडायरेक्ट टैक्स का घाटा है.

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पर्सनल टैक्स 

वित्त मंत्री ने अपने भाषण के आखिरी में टैक्स को लेकर बड़ी छूट का ऐलान किया है. अब 7 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. नई टैक्स व्यवस्था में सरकार इनकम टैक्स रिबेट (छूट) की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है.

नई टैक्स व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब हैं:

₹0-3 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा

₹3-6 लाख तक 5% टैक्स

₹6-9 लाख तक 10% टैक्स

₹9-12 लाख तक 15% टैक्स

₹12-15 लाख तक 20% टैक्स

₹15 लाख तक 30% टैक्स

Budget 2023: सरकार साल 2023-24 के लिए कुल 45 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.

नई टैक्स व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब

फोटो- क्विंट हिंदी

वित्त मंत्री ने कहा कि, 9 लाख सालाना आय वालों को 45,000 रुपये का टैक्स देना होगा. वहीं 15 लाख की आय वालों को 1.5 लाख रुपये का टैक्स देना होगा जिन्हें पहले 1.87 लाख रुपये देना होता था.
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MSME

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर के लिए सरकार ने 2 लाख करोड़ कर्ज की व्यवस्था की है. इसमें 9000 करोड़ रुपए जोड़े जा रहे हैं. इसमें 1 फीसदी से कम ब्याज लगेगा.

रेल बजट

रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा 'रेल बजट' है. साथ ही यह साल 2013-14 में रेलवे को दिए गए पैसे का करीब 9 गुना है.

शिक्षा बजट

शिक्षा मंत्रालय के 1.12 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, पिछले बजट में शिक्षा के लिए 1.04 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन को 68,804 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा विभाग को 44,094 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.

157 नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे. एकलव्य मॉडल विद्यालय अगले 3 सालों में स्थापित किए जाएंगे. 3.5 लाख आदिवासी छात्रों के लिए यहां 740 स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती होगी.

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ग्रीन एनर्जी

  • ग्रीन एनर्जी के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं

  • नेशनल ग्रीन हायड्रोजन मिशन को 19,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं

PVTG

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा. यह पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा तक बेहतर पहुंच, स्वास्थ्य और पोषण, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधा देगा. अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत अगले तीन वर्षों में मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई जाएगी.

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