2020-21 का केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. केंद्रीय बजट से पूरे देश को उम्मीद है. हालांकि इस बीच एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में केंद्रीय बजट को महत्व दिया जाता है लेकिन राज्यों के बजट को महत्व कम मिलती है. जबकि केंद्रीय बजट को राज्य में ही लाया जाता है.
बजट बनाने में सर्वश्रेष्ठ व्यवहार के मामले में असम शीर्ष राज्य रहा है. उसके बाद ओड़िशा और आंध्र प्रदेश का नंबर आता है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के एक सर्वे में यह जानकारी दी गई है.
सर्वे चार मानदंडों पर आधारित
यह सर्वे चार मानदंडों सार्वजनिक खुलासा, बजटीय प्रक्रिया, बजट बाद राजकोषीय प्रबंधन और बजट को अधिक पारदर्शी और लोगों के अनुकूल बनाने के प्रयास पर आधारित है. इस सूची में गोवा, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्य निचले स्थानों पर हैं.
केंद्रीय बजट को ज्यादा महत्व
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बहुत निराशाजनक है कि भारत में केंद्रीय बजट को जितना महत्व दिया जाता है उतना राज्यों के बजट को कभी नहीं दिया जाता है, जबकि केन्द्रीय परियोजनाओं को जमीन पर उतारने का काम राज्यों में ही होता हे.
रिपोर्ट कहती है कि इस वजह से राज्यों के बजट न तो समावेशी होते हैं और न पारदर्शी. यह सामान्य रूप से देश के लिए और विशेष रूप से राज्यों की दृष्टि से ठीक नहीं है.
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