हममें से कई लोग ऐसे होंगे, जो टैक्स रिटर्न भरने के काम को अंतिम दिन तक के लिए टाल रहे होंगे. लेकिन कहीं ऐसा न हो कि अंतिम दिन के इंतजार में 31 जुलाई भी निकल जाए और आपका टैक्स रिटर्न भरा ही न जाए. तो फिर जल्दी से हमारे साथ आप अपना टैक्स रिटर्न फाइल कर डालिए.
...और हां, अगर आपने अभी तक रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी जानकारी नहीं जुटाई है, तो हम आपकी मदद अभी कर देते हैं.
रिटर्न भरने के लिए जरूरी
- फॉर्म 16 या फॉर्म 16ए
- फॉर्म 26एएस
- सभी सेविंग्स बैंक अकाउंट्स के नंबर, बैंक का आईएफएससी कोड
- सेविंग्स बैंक अकाउंट्स के स्टेटमेंट
- किसी को चंदा/दान दिया हो तो उसकी रसीद
- आधार नंबर
- एक्जेंप्ट इनकम जैसे डिविडेंड, कृषि आय, कैपिटल गेन के आंकड़े
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के आंकड़े
- हाउस प्रॉपर्टी से इनकम निकालने के लिए म्युनिसिपल टैक्स की रसीद
जरूरी नहीं है कि ऊपर दिए गए दस्तावेजों में से सभी हर सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए लागू हों. लेकिन इनमें से ज्यादातर की जरूरत आपको रिटर्न भरते वक्त पड़ेगी.
टैक्स बकाया हो तो...
अगर रिटर्न भरते वक्त आपको पता चलता है कि कुछ टैक्स बकाया है, तो आप उसे ऑनलाइन ही चुका सकते हैं. इसे चुकाने के बाद चालान नंबर और दूसरी जरूरी जानकारी आपको रिटर्न फॉर्म में देनी होगी. और अगर आपका कुछ रिफंड बनता है, तो रिटर्न भरने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपके बैंक खाते में वो कुछ ही दिनों में आ जाएगा.
विदेश से आय हो तो...
अगर वित्त वर्ष 2015-16 में आपकी विदेश से कोई आय हुई हो या वहां कोई जायदाद हो, तो उसका जिक्र भी करना जरूरी है. याद रखें कि विदेश में किसी बैंक में आपका बैंक अकाउंट भी आपकी जायदाद माना जाएगा.
अगर छूट क्लेम करनी हो
अगर आपके एंप्लॉयर ने किसी भी वजह से आपको हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) का फायदा नहीं दिया है, तो भी आप सेक्शन 10(13ए) के तहत रिटर्न भरते वक्त इसका क्लेम कर सकते हैं.
क्या है एचआरए की छूट का फॉर्मूला
- एंप्लॉयर से मिली एचआरए की वास्तविक रकम
- चुकाया गया किराया- बेसिक सैलरी का 10%
- बेसिक सैलरी का 50%
ऊपर के तीन विकल्पों में जो सबसे कम रकम होगी, आप एचआरए के तौर पर उतनी ही छूट के हकदार होंगे. यह भी ध्यान रखें कि अगर आपने सालाना किराये के तौर पर एक लाख रुपये से ज्यादा चुकाए हैं, तो आपको अपने मकान मालिक का पैन नंबर भी देना होगा.
अगर आप किसी वजह से अपने एंप्लॉयर को सेक्शन 80 के तहत होने वाले निवेश की जानकारी नहीं दे पाए थे, तो उसकी छूट आप रिटर्न में भी क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80 की छूट के दायरे में बीमा पॉलिसी, पीपीएफ, मेडिकल इंश्योरेंस, एजुकेशन लोन, दान या चंदा जैसे आइटम शामिल होते हैं.
कहीं आप बोनस के हकदार तो नहीं
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम पांच लाख से कम होती है, तो आप सेक्शन 87ए के तहत 2,000 रुपये तक की एक्स्ट्रा टैक्स छूट के भी हकदार होते हैं. यानी रिटर्न भरने पर हो सकता है कि आपको 2,000 रुपये का बोनस मिल जाए.
वेरिफिकेशन बिलकुल ना भूलें
जब आप रिटर्न फाइल कर दें, तो आईटीआर-वी को सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर, बंगलुरु भेजना या अपने रिटर्न को ई-वेरिफाई करना न भूलें. नीचे दिए गए तरीकों में से किसी एक से आप अपना रिटर्न ई-वेरिफाई कर सकते हैं
- आधार नंबर
- नेट बैंकिंग
- एटीएम कार्ड
- डीमैट अकाउंट
याद रखें कि बिना वेरिफिकेशन के आपका रिटर्न भरने का काम पूरा नहीं होता. लेकिन अगर आपका डिजिटल सिग्नेचर है, तो आपको वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं है. तो फिर क्या है, अपना कंप्यूटर खोलिए और रिटर्न फाइल कर दीजिए. हो सकता है आपका रिफंड आपके खाते में पहुंचने का इंतजार कर रहा हो.
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