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सहारा की प्रॉपर्टी पर टाटा, अडाणी और पतंजलि की भी नजर!

चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने लखनऊ के सहारा अस्पताल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है

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संकट में फंसे सहारा ग्रुप की 30 प्रॉपर्टीज को खरीदने में देश के कई कॉरपोरेट समूहों ने दिलचस्पी दिखाई है. इनमें टाटा, गोदरेज, अडाणी और पतंजलि जैसी कंपनियां शामिल हैं.

सूत्रों के मुताबिक, इन प्रॉपर्टीज में ज्यादातर जमीन के प्लॉट हैं, जिसकी नीलामी रीयल एस्टेट एडवाइजर नाइट फ्रैंक इंडिया कर रही है. बता दें कि इन प्रॉपर्टीज की कुल कीमत 7,400 आंकी जा रही है.

इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि कई रियल एस्टेट कंपनियां भी सहारा के प्रोजेक्ट्स को खरीदना चाहती हैं. इनमें ओमैक्स, एलडेको और पब्लिक सेक्टर की कंपनी इंडियन ऑयल शामिल हैं. वहीं चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने लखनऊ के सहारा अस्पताल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.

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2-3 महीने का समय चाहते हैं खरीदार

हालांकि, सूत्रों के मुताबिक इस डील को कम समय में पूरा करने से बिक्री और इसके वैल्यूएशन पर प्रभाव पड़ सकता है. सभी संभावित खरीदार जांच-पड़ताल के लिए 2 से 3 महीने का समय चाहते हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा ग्रुप को जल्द पैसे जुटाने और सेबी के पास जमा कराने हैं.

सहारा ग्रुप के प्रवक्ता से संपर्क किए जाने पर संभावित खरीदार के नाम का खुलासा करने से इनकार किया.

गोदरेज प्रॉपर्टीज के कार्यकारी चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज ने कहा कि हम पुणे में जमीन का एक टुकड़ा खरीदना चाहते हैं. लेकिन इस पर बातचीत अभी शुरुआती दौर में है.

ओमैक्स के चेयरमैन रोहतास गोयल और एलडेको के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज बजाज ने भी इस बात की पुष्टि की है उनकी कंपनियां कुछ प्रॉपर्टीज में दिलचस्पी रखती हैं.

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टाटा हाउसिंग ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है. वहीं अडाणी समूह और पतंजलि से भी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.

डील के बारे में पूछे जाने पर नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि सहारा ग्रुप के विज्ञापन पर शानदार प्रतिक्रिया मिली है. अभी तक करीब 250 आवेदन आ चुके हैं, लेकिन आवेदकों की स्क्रूटनी में कुछ समय लग सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है एंबी वैली की नीलामी के आदेश

सहारा ग्रुप को उम्मीद है कि इन प्रॉपर्टीज की ब्रिक्री से पहली किस्त 17 जून तक मिलेगी. तीन महीने में 7,400 करोड़ रुपये की रकम हासिल होगी.

बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की एंबी वैली टाउनशिप के नीलामी के आदेश दिए हैं. सहारा ग्रुप का अनुमान है कि ये करीब 1 लाख करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है. ग्रुप ने आशंका जताई है कि अगर इसकी नीलामी हड़बड़ी में हुई, तो उन लोगों को फायदा हो जाएगा, जो सस्ते में एंबी वैली पर कब्जा करना चाहते हैं.

समूह के प्रवक्ता ने कहा कि जुलाई-अगस्त, 2017 में सहारा ने 10,500 करोड़ रुपये जमा कराने की बात कही थी. लेकिन कोर्ट ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया और एंबी वैली की नीलामी का आदेश दे दिया.

(इनपुट भाषा से)

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