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अगर इस तरह इनकम हो रही है, तो आपको नहीं देना होगा कोई टैक्‍स

वैसी इनकम के बारे में जानकारी, जिन पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. 

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ज्यादा से ज्यादा इनकम हो, ऐसा किसे अच्छा नहीं लगता. लेकिन शायद जब इनकम बढ़ने के साथ-साथ टैक्स देनदारी भी बढ़ती है, तो उतना अच्छा नहीं लगता. इसलिए हममें से हर कोई इस तरह की कोशिशें करता जरूर है कि इनकम टैक्स कम से कम देना पड़े. फिर चाहे वो कहीं निवेश के जरिए किया जाए या कुछ मामलों में खर्च दिखाकर.

लेकिन हम आपको वैसी इनकम का ब्‍योरा देंगे, जिन पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. जी हां, ये हैं टैक्स फ्री इनकम:

1. सेविंग्स बैंक एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज

आपके सेविंग्स बैंक एकाउंट में जो रकम रहती है, उस पर बैंक 4-7% तक का ब्याज देते हैं. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80टीटीए के तहत इस एकाउंट पर मिलने वाला 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री होता है. यानी अगर सालभर में आपको सेविंग्स बैंक एकाउंट से 15,000 रुपये ब्याज के तौर पर मिलते हैं, तो टैक्स आपको सिर्फ 5,000 रुपये पर ही देना होगा. लेकिन याद रखें कि ये छूट सभी सेविंग्स बैंक एकाउंट के ब्याज की राशि को जोड़ने के बाद मिलती है. हर एकाउंट पर अलग-अलग 10,000 रुपये की छूट नहीं मिलती.

2. एनआरई एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज

प्रवासी भारतीयों के लिए ये एक बड़ी टैक्स राहत है. भारत में किसी भी एनआरई एकाउंट पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री है, चाहे वो फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज हो या सेविंग्स बैंक एकाउंट का. वैसे लोग जो अपने ऑफिस के किसी काम की वजह से साल में 182 दिनों से ज्यादा विदेश में बिता रहे हैं, उनके लिए अपने निवेश पर टैक्स फ्री इनकम कमाने का ये शानदार तरीका है. यही नहीं, आप एनआरई एकाउंट के पैसे का इस्तेमाल विदेश में भी करने को स्वतंत्र हैं. यानी, अगर आप ब्रिटेन में रहते हैं और चाहते हैं कि भारत में अपने एनआरई एकाउंट के मूलधन और ब्याज को वहां खर्च करें, तो इसकी भी अनुमति आपको है.

3. जीवन बीमा कंपनी से मिली मेच्योरिटी या क्लेम की राशि

लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से अगर आपको अपनी बीमा पॉलिसी मेच्योर होने पर, किसी हादसे के लिए क्लेम करने पर या पॉलिसी सरेंडर करने पर जो भी रकम मिलती है, वो पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. बस शर्त यह है कि पॉलिसी का सालाना प्रीमियम उसके सम एश्योर्ड के 10% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

यानी अगर आप किसी जीवन बीमा पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 10,000 रुपये देते हैं, तो सम एश्योर्ड कम से कम 1 लाख रुपये होना चाहिए.

4. एम्‍प्लॉयर से मिली लीव ट्रैवल अलाउंस की राशि

कई कंपनियों में कर्मचारियों को लीव ट्रैवल अलाउंस यानी एलटीए मिलता है, जिसका इस्तेमाल घूमने-फिरने के लिया किया जाता है. इस एलटीए के लिए कर्मचारी को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता, बशर्ते वो घूमने-फिरने का सबूत पेश कर दे. तो अगर आपको एलटीए नहीं मिलता है, तो आप अपनी कंपनी से ये आग्रह कर सकते हैं कि वो सैलरी रिस्ट्रक्चर कर उसका कुछ हिस्सा आपको एलटीए के रूप में दे. इससे आप अपने घूमने-फिरने के खर्च पर टैक्स बचाने में कामयाब रहेंगे.

5. एम्‍प्लॉइज प्रोविडेंट फंड से मिली राशि

आपको एम्‍प्लॉइज प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ एकाउंट से मिलने वाली रकम भी टैक्स फ्री होती है, अगर आप उस पैसे को कम से कम 5 साल की नौकरी के बाद निकालते हैं. 5 साल से पहले पैसे निकालने पर वो आपकी इनकम में जुड़ जाता है और उस पर स्लैब के मुताबिक टैक्स देना पड़ता है. तो अगर आप 5 साल पूरे करने के पहले नौकरी बदल भी रहे हैं, तो ध्यान रखें कि ईपीएफ एकाउंट को ट्रांसफर कराना बेहतर है, न कि उससे पैसे निकालना.

6. शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से हुआ मुनाफा

जब आप शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में कम से कम एक साल तक निवेश करते हैं और आपको इससे जो मुनाफा होता है, वो कहलाता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस. मौजूदा टैक्स नियमों के मुताबि‍क, आपको इस पर कोई टैक्स नहीं देना होता. मिसाल के लिए आपने शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड में 1 लाख रुपये का निवेश किया, जो सालभर के बाद बढ़कर हो जाता है 1.20 लाख रुपये. ये 20 हजार रुपये आपकी टैक्स फ्री इनकम है.

7. शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से मिला डिविडेंड

शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको डिविडेंड भी मिलता रहता है. तो ये डिविडेंड भी आपके लिए टैक्स फ्री इनकम है. शेयरों में डिविडेंड तब मिलता है, जब कंपनियां अपने तिमाही नतीजे के साथ इसका एलान करती हैं. वहीं म्यूचुअल फंड में निवेश पर आप डिविडेंड पाने के हकदार तभी होते हैं, जब आपने इसका विकल्प (डिविडेंड ऑप्शन) चुना हो.

8. शादी के मौके पर मिला तोहफा

आपको अपनी शादी पर दोस्तों, रिश्तेदारों या शुभचिंतकों से मिला हर तोहफा टैक्स फ्री होता है, चाहे वो नगद राशि हो, कीमती सामान हो या गहने. शादी के वक्त मिले तोहफों पर कोई टैक्स नहीं देना होता. खास बात ये है कि इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. बस तोहफों का समय आपकी शादी के समय से मेल खाना चाहिए. तो है न शादी करने का ये एक बड़ा फायदा!

9. वसीयत या विरासत में मिली रकम

भारत में कोई उत्तराधिकार कर यानी इनहेरिटेंस टैक्स नहीं देना होता है. इसलिए अगर आपको उत्तराधिकार में या वसीयत में कोई भी रकम मिलती है, तो आपको उस पर टैक्स नहीं देना होगा. यह रकम आपकी जायदाद होगी और जब आप इसका निवेश करेंगे, तो उससे मिलने वाले ब्याज (अगर टैक्सेबल हो तो) पर ही आपको टैक्स देना पड़ेगा.

अगर आपने ऊपर बताए गए तरीकों से निवेश किया हो, तो वसीयत की रकम से होने वाली इनकम भी टैक्स फ्री हो जाएगी.

इनके अलावा भी कुछ और टैक्स फ्री इनकम हैं, लेकिन वो हर किसी के लिए लागू नहीं होते. देश के टैक्स कानूनों के मुताबिक मिलने वाली हर टैक्स फ्री इनकम को यहां बता पाना मुमकिन भी नहीं है. लेकिन हमने आपको वो 9 टैक्स फ्री इनकम बताए हैं, जिनकी जानकारी हर इन्वेस्टर को जरूर होनी चाहिए.

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