ADVERTISEMENTREMOVE AD

“Bitcoin बैन से निवेशकों का बड़ा नुकसान, सरकार चाहे तो है समाधान”

Bitcoin बैन के डर के बीच निवेशकों के लिए दिग्गज निवेशक अजीत खुराना की सलाह 

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

विश्व की सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन लगातार खबरों में है. टेस्ला के निवेश के बाद बिटकॉइन का भाव नए नई उचाईयों पर पहुंचा है. हालांकि भारत के निवेशकों में डिजिटल करेंसी में निवेश को लेकर दुविधा बनी हुई है. बिटकॉइन पर संभावित बैन को लेकर जेबपे के पूर्व CEO और एंजल इन्वेस्टर अजित खुराना ने क्विंट से बातचीत में अनेक अहम पहलुओं को स्पष्ट किया. आइए देखते हैं बातचीत का सार-

सरकार द्वारा बिटकॉइन जैसी मुद्राओं पर बैन के विचार से निवेशकों में अनिश्चितता, भय और आशंका का माहौल है. 

बिटकॉइन को लेकर क्यों हैं सरकार चिंतित?

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकारों के समक्ष दो बड़ी चिंताएं हैं.

  • बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार के नियंत्रण में नहीं होती. इस कारण सरकार के समक्ष टैक्स चोरी, अर्थव्यस्था में मुद्रा का नियंत्रण, विदेशी बाजारों से लेनदेन, इत्यादि समस्याएं हैं.
  • दूसरी बड़ी चिंता इस मुद्रा के इस्तेमाल से ड्रग्स, हथियारों, इत्यादि अवैध वस्तुओं की संभावित खरीद-फरोख्त है. क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए गए ऐसे लेनदेन सरकार के लिए ट्रैक (track) करना मुश्किल माना जा रहा है.
भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के 75 लाख से भी ज्यादा निवेशक है. इन्वेस्टर्स द्वारा कुल निवेश 10,000 हजार करोड़ से भी अधिक का है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सरकार की क्या है योजना?

भारत सरकार द्वारा बिटकॉइन समेत सारी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध के स्पष्ट संकेत हैं. आने वाले दिनों में ऐसी मुद्राओं को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए बजट सत्र में ही सरकार 'क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल ऑफिशियल करेंसी बिल, 2021' लाने की तैयारी में है. वर्तमान निवेशकों को अपने निवेश से निकलने के लिए 90 से 180 दिए जाने की उम्मीद की जा रही है. इस अवधि में निवेशक बिटकॉइन को विदेशी बाजारों में बेच सकते हैं या विदेश में किसी संबंधी, मित्र, इत्यादि को ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके अलावा अपनी क्रिप्टोकरेंसी को सेल्फ कस्टडी वॉलेट में भी लिया जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कैसे निपट सकती हैं चुनौतियों से सरकार?

सरकार की डिजिटल करेंसी को लेकर चिंता सही है, लेकिन इसका समाधान पूर्ण प्रतिबंध नहीं है. इसके बदले कठोर नियंत्रण का रास्ता अपनाया जा सकता है.

  • सरकारी नियंत्रण की कमी के बावजूद सरकार आसानी से जरूरत के समय पैन कार्ड और आधार की सहायता से बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन्स को ट्रैक (track) कर सकती है. वर्तमान में भी बिटकॉइन में निवेश की सुविधा देने वाले सारे प्लेटफार्म निवेशकों से KYC जानकारी मांगते हैं. ऐसे एक्सचेंजेस के लिए सरकार गाइडलाइन्स बना सकती है. इस सिस्टम के अच्छे इस्तेमाल से काफी चिंताओं से बचा जा सकता है.
  • ड्रग्स, हथियार या अन्य ऐसे वस्तुओं की खरीद तो सरकार द्वारा नियंत्रित करेंसी और गोल्ड, इत्यादि से भी होती है. क्या इन सब मुद्राओं को बंद कर देना चाहिए? हमें FATF, G-20 देशों इत्यादि को अध्ययन करना चाहिए और फिर जरूरी चीजें अपनाई जा सकती है.
बिटकॉइन जैसी नियंत्रण मुक्त करेंसी की चिंताओं से दुनिया भर के काफी सेंट्रल बैंकों में एक अपनी डिजिटल करेंसी का रुख दिखा है. ऐसी मुद्राओं को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहा जा रहा है. RBI भी इसपर विचार कर रहा है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस चिंता को अवसर में कैसे तब्दील किया जाए?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंश और मशीन लर्निंग की तरह ही भविष्य के तौर पर दिखती है. 30 वर्ष पहले जैसे इंटरनेट नया था उसी तरह अभी क्रिप्टो टेक्नोलॉजी तुलनात्मक तौर पर नई है. IT कंपनियों को सही सहायता से हम इंफोसिस, TCS जैसी अग्रणी कंपनियां खड़ी कर पाए हैं. अगर हम चाहे तो बिटकॉइन के मामले में भी ऐसा कमाल हो सकता है. हर कंपनी, छोटा से छोटा प्लैटफार्म रोजगार सृजन में अहम हो सकता है. हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×