15 फरवरी को पहली बार बिटकॉइन का भाव 50,000 डॉलर के काफी करीब पहुंच गया. आइए जानते हैं इस डिजिटल करेंसी में तेजी की वजह क्या है? आगे क्या संभावना दिख रही है और इसमें निवेश करने वालों को कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए.
ट्रेड के दौरान इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 49,344 डॉलर तक पहुंच गई थी. थोड़ी बिकवाली के बाद बिटकॉइन अब 48,000 US डॉलर के पास व्यापार कर रहा है.
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक तरह की डिजिटल करेंसी या मुद्रा है. इसका इस्तेमाल पैसे की तरह ही वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए किया जा सकता है. बिटकॉइन या कोई भी अन्य क्रिप्टोकरेंसी किसी सरकार, संस्था या व्यक्ति के हाथों में केंद्रित नहीं रहती. क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग तकनीक से विकसित किए जाते हैं. इस प्रक्रिया में कंप्यूटर और गणित के काफी जटिल समस्याओं को सुलझाना होता है. वर्तमान में बिटकॉइन, इत्यादि डिजिटल करेंसी का व्यापार के माध्यम के तौर पर काफी सीमित इस्तेमाल होता है. लेकिन निवेश के संदर्भ में भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए लोग बिटकॉइन में बड़ा भरोसा दिखा रहे हैं.
बिटकॉइन में इस तेजी का क्या है कारण?
बिटकॉइन की बढ़ती स्वीकार्यता से लोग इस डिजिटल करेंसी में जमकर पैसे लगा रहे हैं. फरवरी में एलोन मस्क की कंपनी टेस्ला के बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर के बड़े निवेश के बाद पूरी दुनिया का इसपर ध्यान आया है. मई 2020 में जाने माने फंड मैनेजर पॉल तुडर जोंस ने बिटकॉइन को स्टोर ऑफ वैल्यू के लिए अच्छा एसेट बताया था. उसके बाद अन्य कंपनियों और निवेशकों का बिटकॉइन पर ध्यान आया जिससे करेंसी लगातार चर्चा में रहा है.
बिटकॉइन के वर्तमान निवेशकों में दिग्गज इंश्योरंस कंपनी मास-म्यूचुअल, एसेट मैनेजर गैलेक्सी डिजिटल होल्डिंग, ट्विटर के CEO जैक डोरसी की पेमेंट कंपनी स्क्वॉयर इत्यादि शामिल हैं.
भविष्य के लिए क्या संभावनाएं दिखती है?
इन्वेस्टमेंट बैंक JP मॉर्गन चेज एंड कंपनी ने जनवरी में कहा था कि अगर बिटकॉइन सेफ हेअवन (Safe heaven) बन जाता है तो इसकी कीमत 1,46,000 डॉलर तक पहुंच सकती है. फरवरी में मास्टरकार्ड ने अपने नेटवर्क पर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट को स्वीकृति के योजना की घोषणा भी की है. इसके अलावा रिउटर्स की खबर के मुताबिक मॉर्गन स्टेनली की इन्वेस्टमेंट कंपनी काउंटरपॉइंट ग्लोबल भी बिटकॉइन में बड़ा निवेश कर सकती है.
बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली और सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी है. इसकी प्रतिद्वंदी क्रिप्टोकरेंसी ‘एथर’ में भी इस वित्तीय वर्ष में 150% की तेजी दिखी है.
चिंता से भी इंकार नहीं
बिटकॉइन में बड़ी उछाल के बीच कुछ जानकार मानते हैं कि यह डिजिटल करेंसी बबल (bubble) में हो सकता है. इसके अलावा अनेकों देशों की सरकारों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध की भी कवायद चल रही है जिससे कारण भी बिटकॉइन, इत्यादि क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर बड़ी चिंता है. दरअसल सरकारी नियंत्रण में ना होने के कारण ऐसी मुद्राओं को ट्रैक कर पाना काफी मुश्किल होता है. भविष्य में बिटकॉइन का सामान्य लेनदेन के लिए इस्तेमाल इस डिजिटल करेंसी का भविष्य तय करेगा. निवेशकों को बिटकॉइन में निवेश से पहले काफी वॉलिटेलिटी की संभावना से भी परिचित होना चाहिए.
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