कोरोना की चिंता से मार्च 2020 में धड़ाम होने वाला शेयर बाजार अब उस दौर से उबरकर काफी आगे आ चुका है. लगातार तेजी से सेंसेक्स जहां अब 48,500 के करीब है, वहीं निफ्टी भी 14,000 के ऊपर व्यापार कर रहा है. कई जानकारों के मुताबिक बाजार 2021 में इस ट्रेंड को जारी रख सकता है जबकि कुछ अन्य एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि बाजार ओवरवैल्यूड है और साल के अंत तक यह इकनॉमी की वास्तविक दशा दिखाएगा. तो चलिए पहले समझते हैं क्या हैं स्टॉक मार्केट में इस लगातार तेजी की वजह और आगे के रुख के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट.
गौर करने वाली बात यह भी हैं कि बाजार में अपट्रेंड के बीच काफी व्यापार स्टॉक आधारित भी रहा है. उछाल के बीच समय-समय पर गिरावट और फ्लैट मार्केट ने बाजार को सही स्तर पर ढलने में मदद की है.
बाजार में जबरदस्त तेजी की वजह
जनवरी के अब तक तीन सेशन समेत पिछले 10 दिनों में महत्वपूर्ण इंडेंक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगातार हरे निशान में बंद हुए हैं. यूरोप और खासकर यूनाइटेड किंगडम में कोरोना के नए स्ट्रेन संबंधित मामलों में बढ़ोतरी का भी निवेशकों पर कोई खासा असर नहीं दिखा है.
FII द्वारा रिकॉर्ड निवेश
भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बड़ा भरोसा दिखाया है. पिछले महीनों में FII के रिकॉर्ड निवेश का रिटेल निवेशकों ने भी भरपूर साथ दिया है. नवंबर में FII का भारतीय बाजारों में निवेश पहली बार 50,000 करोड़ के ऊपर पहुंच गया था.
क्या हम FII द्वारा इस उच्च स्तर पर बिकवाली देख सकते हैं? इस सवाल पर लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के राघवेंद्र नाथ एक एजेंसी से बातचीत में कहते हैं-
भारत में अर्थव्यस्था के तेजी से सुधरने की निश्चितता बाकी देशों की तुलना में ज्यादा है. FII के बुलिश सेंटीमेंट का यह एक अहम कारण है. मेरे ख्याल से चूंकि भारत शानदार मार्केट रेगुलेशन, आकार और ग्रोथ पोटेंशियल के कारण एमेर्जिंग मार्केट में एक अच्छा विकल्प देता है, FII नेट आधार पर भारत में निवेश करना जारी रखेंगे.फाइनेंशियल एक्सप्रेस से राघवेंद्र नाथ, लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट
वैक्सीन, सुधरती अर्थव्यवस्था और अच्छा मार्केट सेंटीमेंट
वैक्सीन के ट्रायल्स की सफलता और फिर वितरण के बाद कोरोना के प्रभाव में और कमी की संभावना से मार्केट सेंटीमेंट काफी अच्छा है. काफी इन्वेस्टर्स यह मान रहे हैं कि वर्तमान वैल्यूएशन ग्रोथ साइकल को पूरी तरह से ध्यान में नहीं रख रहा है और इसलिए बाजार में आगे तेजी की अच्छी संभावना है. इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर GDP आंकड़ों से जो अच्छा माहौल बना था वो अब GST कलेक्शन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से बरकरार है. जैसे सामान्यतः आर्थिक रिकवरी के समय देखा जाता है, मिडकैप और स्मॉलकैप काफी समय लार्जकैप से अच्छी उछाल दर्ज कर रहे हैं.
फिस्कल स्टिमुलस, ब्रेग्जिट और अनुमानित ट्रेड नीतियां
पिछले महीनों में US एवं अन्य देशों में तेज रिकवरी के लिए लाए गए स्टिमुलस पैकेज का भी बाजार पर अच्छा असर दिखा था. आने वाले कुछ समय में भी केंद्रीय बैंकों और सरकारों की नीतियां ऐसी ही रह सकती हैं. भारत में भी कोरोना और आर्थिक मंदी को ध्यान में रखते हुए बजट से काफी उम्मीदें हैं. US में जो बाइडन के ट्रेड डील्स और बाकी देशों पर प्रभाव डालने वाली नीतियों को लेकर ट्रंप की तुलना में काफी स्पष्टता है, जिससे भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा हुआ है. इन फैक्टरों के बीच डील के साथ ब्रेग्जिट की खबरों से भी बाजार को राहत मिली है.
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा बाजार
2021 की शुरुआत के पहले से ही जानकारों ने बाजार के लिए अलग अलग अनुमान लगाने शुरू कर दिया था. इन उम्मीदों में मोटे तौर पर बुलिश मार्केट की संभावना व्यक्त की गई है.
2021 में मैं निफ्टी को 15,500 के स्तर को छूता हुआ देखता हूं जो कि वर्तमान स्तर से करीब 14% का अपसाइड है. BSE सेंसेक्स इस साल 53,000 तक पहुंच सकता है.मनी कंट्रोल से गौरव गर्ग, रिसर्च हेड, कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड
अगले कुछ दिनों में बजट के अलावा वैक्सीन प्रोग्राम की गति और दिसंबर तिमाही के आने वाले नतीजों का भी बाजार पर असर रहने की उम्मीद है.
अगर आगे देखें तो ग्लोबल रिस्क एप्पेटाइट में लगातार वृद्धि से भारतीय शेयर बाजार को इकनॉमी में कमजोरी के बावजूद और उछाल मिलेगी.इकनॉमिक टाइम्स से शिलन शाह, सीनियर इंडिया इकोनॉमिस्ट, कैपिटल इकोनॉमिक्स
मार्च 2020 की गिरावट से दिसंबर अंत तक S&P BSE सेंसेक्स ने करीब 84% तक का रिटर्न दिया है. इसके परिणाम स्वरुप, इक्विटी और बाकी एसेट में एलोकेशन वास्तविक प्लान से भिन्न हो सकता है. निवेशकों को अपने रिस्क एप्पेटाइट और इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव को ध्यान में रखकर पोर्टफोलियो को फिर से बैलेंस करना चाहिए.पंकज मठपाल, फाउंडर, ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स
एक्सपर्ट्स ने इसके साथ ही सावधान रहने के अलावा इस ऊंचे स्तर पर कारगर रणनीति को लेकर भी सलाह दी है.
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