वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया. इस बजट में वित्त मंत्री ने कारोबारियों के खिलाफ ज्यादती रोकने और कंपनी कानून में बदलाव पर खास जोर दिया. साथ ही स्टार्टअप के लिए भी वित्त मंत्री ने इस बजट में राहत दी.
स्टार्टअप को टैक्स में और राहत
देश में नए उद्यमियों को बढ़ावा और राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने स्टार्टअप के लिए टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाने का ऐलान किया. इसके साथ ही टैक्स राहत के लिए स्टार्टअप के टर्नओवर की सीमा को भी बढ़ा दिया है, जिससे कई नए उद्यमियों को फायदा पहुंचेगा.
अभी तक सिर्फ 25 करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले स्टार्टअप को ही टैक्स हॉलिडे मिलता है लेकिन अब ये हॉलिडे 100 करोड़ तक के टर्नओवर वाले स्टार्टअप को भी मिलेगा. दूसरा ये कि अब टैक्स हॉलिडे की समय सीमा 3 से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है. इसका मतलब ये है कि अब 100 करोड़ के स्टार्टअप को भी 5 साल तक टैक्स से छूट मिलेगी.
इतना ही नहीं स्टार्टअप में ESOP पर लगने वाले टैक्स में भी बदलाव का फैसला किया है. अब ये टैक्स 5 साल बाद या कर्मचारी के कंपनी छोड़ने के बाद ही लगेगा.
इसके अलावा सरकार ने मध्यम और लघु उद्योग (MSME) को भी ऑडिट में राहत देने का ऐलान किया है. ये राहत सिर्फ 5 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले उद्योगों को ही मिलेगी.
नया टैक्स चार्टर और टैक्स विवाद
कंपनियों और आम टैक्स पेयर को राहत देने की दिशा में भी वित्त मंत्री ने अपने बजट में प्रावधानों का जिक्र किया. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ऐलान किया कि अगर टैक्स से जुड़ी किसी भी समस्या का निपटारा 31 मार्च, 2020 तक कर लिया जाता है तो किसी भी तरह का ब्याज या जुर्माना नहीं लगेगा.
हालांकि ये योजना इसके बाद 30 जून 2020 तक भी जारी रहेगी, लेकिन उस स्थिति में कुछ अतिरिक्त रकम अदा करनी पड़ेगी. वित्त मंत्री ने बताया कि जिनकी अपील का निपटारा नहीं हो पाया है वो इसका फायदा उठा सकते हैं.
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स पेयर चार्टर लाया जाएगा जिसके लिए इनकम टैक्स कानून में बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि टैक्स को लेकर किसी भी टैक्स पेयर को परेशान नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सिविल नेचर वाले अपराधों को क्रिमिनल नहीं माना जाएगा. इसके लिए कंपनी एक्ट में बदलाव करेंगे.
घरेलू उत्पादकों को बढ़ावा
वित्त मंत्री ने घरेलू उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाने का ऐलान अपने बजट में किया है. इसके लिए वित्त मंत्री ने कई उत्पादों के आयात पर आयात शुल्क (कस्टम ड्यूटी) बढ़ाने का फैसला भी किया है.
वित्त मंत्री ने अपने बजट में फुटवेयर और फर्नीचर के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया. साथ ही मेडिकल उपकरणों के आयात पर भी सेस लगाने का ऐलान वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में किया.
हालांकि इसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ सकता है, क्योंकि इम्पोर्टेड उत्पादों पर अतिरिक्त ड्यूटी और सेस लगने से इनकी कीमत बढ़ जाएगी.
इसके साथ ही टेक्सटाइल में उत्पादन बढ़ाने और आयात घटाने के उद्देश्य से नेशनल टेक्सटाइल मिशन शुरू करने की घोषणा भी वित्त मंत्री ने की. इसके लिए चार साल में 1,480 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
कंपनियों के लिए राहत और सपोर्ट
नए उद्यमियों के लिए एक इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल बनेगी. ये एक ऑनलाइन पोर्टल से काम करेगा.
हाई एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए सरकार एक नई योजना ‘निर्विक’ (NIRVIK) शुरू करेगी, जिसमें छोटे निर्यातकों के लिए अधिक बीमा कवर, प्रीमियम में कमी और क्लेम संबंधी मसलों के लिए सरल प्रक्रियाओं का प्रावधान होगा.
इसके साथ ही केंद्रीय, राज्यों तथा स्थानीय स्तरों पर वसूले जाने वाले टैक्स और ड्यूटी को निर्यातकों को डिजिटल तरीके से रिफंड का प्रस्ताव किया गया है. इनमें वैट, बिजली शुल्क और ढुलाई में हुआ ईंधन खर्च शामिल है.
वित्त मंत्री ने कहा कि मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मैन्युफैक्चरिंग की नयी योजना से भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा बनेगा और इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि इस बारे में विस्तृत घोषणाएं जल्द की जाएंगी.
साथ ही वित्त मंत्री ने GST में सुधार की बात भी कही. उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2020 से रिटर्न की प्रक्रिया आसान की जाएगी और SMS से रिटर्न की सुविधा दी जाएगी. साथ ही रिफंड प्रोसेस को और आसान किया जाएगा. सरकार आधार से ही पैन कार्ड प्राप्त करने की सुविधा भी देने जा रही है, वो भी ऑनलाइन.
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